चार जुलाई को आई एनजीटी की मॉनीटरिंग कमेटी ने लिया एक्शन

आगरा। कचरा निस्तारण में लचर रवैया नगर निगम को भारी पड़ा। कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर कूड़ा निस्तारण न करने पर एनजीटी की मॉनीटरिंग कमेटी ने एक करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया है। कमेटी ने जुर्माना की संस्तुति करते हुए अपनी रिपोर्ट एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) को भेज दी है।

चार जुलाई को किया इंस्पेक्शन

जुर्माना मॉनीटरिंग कमेटी ने 25 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लगाया है। बता दें, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत शहर में सॉलिड वेस्ट के निस्तारण की निगरानी के लिए एनजीटी ने रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में मॉनीटरिंग कमेटी गठित की थी। चार जुलाई को मॉनीटरिंग कमेटी ने आगरा में मौके की स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद जुर्माने की सिफारिश की।

एनजीटी का रुख सख्त

सॉलिड वेस्ट रूल्स 2016 लागू होने के बाद भी कूड़े का निस्तारण अभी तक नहीं हो पाया है। इसको लेकर एनजीटी ने पहले पूरे प्रदेश में 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। कुबेरपुर लैंडफिल साइट में छह लाख मीट्रिक टन का कचरा निस्तारण नहीं करने के चलते नगर निगम भी शामिल था। इसको लेकर नगर निगम के अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। कोर्ट ने नगर निगम से सॉलिड वेस्ट निस्तारण की रिपोर्ट मांगी। साथ ही 31 दिसम्बर 2019 तक कुबेरपुर लैंडफिल साइट में कूड़ा निस्तारण कर तथ्यों के साथ रिपोर्ट पेश करने को कहा। अब अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।

एनजीटी को कर दिया ट्रांसफर

गौरतलब है कि 1992 में एंवायरनमेंट एक्टिविस्ट डीके जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में 500 करोड़ के घोटाले के साक्ष्य उपलब्ध कराते हुए याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर मॉनीटरिंग कमेटी गठित कर दी। अक्टूबर 2016 में डीके जोशी का देहांत हो गया, इसके बाद वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने केस की फाइल एनजीटी में ट्रांसफर कर दी। फरवरी 2019 में एनजीटी ने प्रदेशभर में 25 करोड़ का पर्यावरण जुर्माना ठोक दिया।

पर्यावरण में फैल रहा जहर

म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट, स्टोरेज एंड डिस्पोजल फैसिलिटी उपलब्ध न होने के कारण कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर कचरे के पहाड़ पर्यावरण के लिए खतरा बन गए हैं। इससे गंभीर वायु प्रदूषण के साथ ही भूजल प्रदूषित हो रहा है।

कुबेरपुर लैंडफिल साइट की स्थिति

कचरा डंप:: छह लाख मीट्रिक टन

कुल क्षेत्रफल:: 65 एकड़

कचरा डंप क्षेत्र: 27 एकड़

शहर से निकलता है रोज कचरा

750 मीट्रिक टन

इतना लगा जुर्माना

एक करोड़ सात लाख 25 हजार

कमेटी ने की ये सिफारिशें

- नगर निगम आगरा को निर्देशित किया गया है कि वह पर्यावरण क्षतिपूर्ति का भुगतान करे। इसमें एक करोड़ सात लाख 25 हजार का जुर्माना लगाया गया है।

- नगर निगम को मॉनीटरिंग कमेटी द्वारा ये निर्देशित किया गया है कि एक फरवरी 2019 से शुरु होने वाले छह महीनों की समय-सीमा के अन्दर सॉलिड वेस्ट का निस्तारण नहीं करने पर एक मार्च 2020 से शुरूहोकर प्रतिदिन 20 हजार पर्यावरण क्षतिपूर्ति भुगतान करना होगा।

- मॉनीटरिंग कमेटी ने निर्देश के आदेशों का अनुपालन न करने की स्थिति में जिम्मेदारों को दंडित कर उन पर मुकदमा चलाकर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के निर्देश दिए हैं।

Posted By: Inextlive