- अवस्थापना निधि से कराए जाने हैं 1.45 करोड़ के कार्य

- तकरीबन एक करोड़ से कार्य कराएगा एडीए

- अभी एडीए ने प्रस्ताव नहीं किया तैयार

आगरा। अति अनूप जहां जनक निवासू। बिथकहिं बिबुध बिलोकि विलासू। रामचरितमानस के इस दोहे में जनकपुर की शोभा का वर्णन किया गया है। जहां जनक महल था, जहां जनक निवास करते थे, उसका ऐश्वर्य ऐसा था, जिसे देखकर देवगण भी आश्चर्यचकित रह गए। लेकिन, आगरा के ऐतिहासिक जनकपुरी महोत्सव का हाल बेहाल है। निर्भय नगर में सज रहे जनकपुरी महोत्सव में मात्र 10 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन अभी तक विकास कार्यो का श्रीगणेश तक नहीं हो सका है। करीब ढाई करोड़ की लागत से होने वाले जनकपुरी महोत्सव के विकास को क्षेत्रीय निवासी अभी तक इंतजार कर रहे हैं। जनकपुरी की स्थिति का जायजा लेती एक रिपोर्ट

नगर निगम का 1.45 करोड़ का प्रस्ताव तैयार लेकिन कार्य शुरु नहीं

निर्भय नगर में आयोजित जनकपुरी महोत्सव में नगर निगम 1.45 करोड़ के विकास कार्य कराएगा। ये काम अवस्थापना निधि से कराए जाएंगे। प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। इसमें रोड मरम्मत, ड्रेनेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइट, सफाई, सीवर सिस्टम, पानी की पाइपलाइन की लीकेज आदि के कार्य दुरुस्त कराए जाने हैं, लेकिन अभी तक एक भी कार्य शुरू नहीं हो सके हैं। जनकपुरी महोत्सव आयोजन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि 27 कार्यो का प्रस्ताव दिया गया था। इधर नगर निगम के अफसरों का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया के बाद जल्द कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

एडीए का तो प्रस्ताव भी तैयार नहीं

वहीं दूसरी ओर नगर निगम के अलावा एडीए भी करीब एक करोड़ की लागत से क्षेत्र में कार्य कराएगा लेकिन अभी तक इसका प्रस्ताव ही तैयार नहीं हो सका है। ऐसे में विकास कार्य किस गति से होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

क्षेत्र में फैली गंदगी

निर्भय नगर में जगह-जगह गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है। जिस स्थान पर जनक महल बनाया जा रहा है, वह एक तरह से डलाबघर बना हुआ है। अभी तक इसमें सफाई तक नहीं की जा सकी है। इसके अलावा जेपी नगर, मऊ रोड पर सड़क किनारे से डलाबघर में कूड़ा पड़ा रहता है। लोगों को आते जाते समय दुर्गध का सामना करना पड़ता है।

ड्रेनेज सिस्टम चौक

निर्भय नगर, देव नगर, कैलाश विहार, महाराणा प्रताप नगर आदि क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम चौक पड़े हैं। नालियों की सफाई तक नहीं हो सकी है।

रात को स्ट्रीट लाइट जलती ही नहीं

स्थानीय लोगों की मानें तो रात को स्ट्रीट लाइट जलती ही नहीं। रात को अंधेरा पड़ा रहता है। जनकपुरी आयोजन से जुड़े लोगों का कहना है कि जहां से भीड़ जनकपुरी देखने आएगी, वहां भी वायर बिखरे पड़े हैं। स्ट्रीट लाइट तक नहीं लगाई जा सकी हैं।

वार्ड सफाई कर्मचारियों से ही कराई जा रही सफाई

जनकपुरी वार्ड 38 और 52 के सीमा क्षेत्र में सजाई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां उत्तर भारत का सबसे बड़ा आयोजन हो रहा है, इसके बावजूद भी सफाई के लिए अतिरिक्त सफाईकर्मी नहीं लगाए गए हैं। न ही इसके लिए कोई नोडल अफसर तैनात किए गए हैं। वार्ड सफाई कर्मचारियों के द्वारा ही यहां की सफाई कराई जा रही है।

Posted By: Inextlive