फेक फेसबुक एकाउंट वह लोग बनाते हैं जो खुद की आइडेंटिटी को छुपाकर रखना चाहते हैं। हालांकि कभी-कभी ये फेक यूजर्स किसी दूसरे एकाउंट पर सेंध लगाने के लिए इन फेक फेसबुक एकाउंट्स का यूज करते हैं। तो आइए जानते हैं कि कैसे और क्‍यों बनते हैं ये फेक फेसबुक एकाउंट्स.....


1. Spambots :- यह फेक एकाउंट फेसबुक ग्रुप को स्पैम करने के परपज से बनाया जाता है। यह एक बिजनेस प्रक्रिया है और फेक यूजर्स प्रमोशन के लिए अपने फर्जी एकाउंट का उपयोग करते हैं। इस एकाउंट में फ्रेंड लिस्ट बहुत छोटी रहती है क्योंकि इससे बहुत कम लोग जुड़ पाते हैं। शायद यही कारण है कि इस फेक एकाउंट से रियल यूजर्स कभी भी इंगेज नहीं होते हैं।2. Likebots :- इस तरह का फेक एकाउंट किसी फेसबुक पेज को प्रमोट करने के लिए बनाया जाता है। यानी कि आपके वॉल पर इससे जुड़ी कुछ पोस्टें दिखाई देंगी जिनके साथ एड भी लगा होगा। ऐसे में आप कभी भी इस तरह के किसी भी फर्जी फेसबुक पेज का लाइक न करें।


3. Stalkers :-
फेसबुक अपने यूजर्स को एक फीचर की सुविधा देता है जिसमें कि कोई भी यूजर किसी भी अन्य यूजर को ब्लॉक कर सकता है। ऐसे में अगर उन दोनों के म्यूचुअल फ्रेंडस भी हों तो इसके बावजूद ब्लॉक किया हुआ यूजर ब्लॉकर के पोस्ट को नहीं देख सकता। ऐसे में ब्लॉक किया हुआ यूजर एक फेक एकाउंट बनाकर उस यूजर पर नजर रखता है जिसने उसे ब्लॉक किया।

4. Pseudonym Accounts :-
यह फेक एकाउंट तो नहीं होता, लेकिन जब रियल यूजर अपने दूसरे नाम से कोई नया एकाउंट बनाते हैं तो उसे Pseudonym एकाउंट कहते हैं। यूजर इस एकाउंट का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते हैं। इस एकाउंट को बनाने का परपज यह है कि वह नहीं चाहते कि प्रोफेशनली उन्हें कोई एफबी पर सर्च कर सके। 5. Work Branded Profiles :- यह एक ऐसा एकाउंट है जो फेसबुक की तकनीकी परिभाषा के खिलाफ बनाया जाता है। यानी कि इन एकाउंट को बनाने वाला यूजर अपना असली नाम छुपाकर काफी बेतुका नाम लिखते हैं। फेसबुक ऐसे एकाउंट्स को ज्यादा तवज्जो भी नहीं देता।6. Shared Page Management Accounts & Ad Buying Accounts :- यह एकाउंट कॉरपोरेट मार्केटर्स द्वारा बनाया जाता है जिसमें कि वह अपने ऑफिस का ईमेल एड्रेस या कॉरपोरेट डोमेन का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह के एकाउंट से आम यूजर्स को कोई खतरा नहीं रहता। यह पूरी तरह से बिजनेस को ध्यान में रखकर बनाया जाता है यानी कि कंपनी हेड अपने इंडिविजुअल एकाउंट से अलग कंपनी प्रोड्क्टस को प्रमोट करने के लिए इस तरह का फेसबुक एकाउंट बनाता है।

7. Trolls :- यह वो लोग होते हैं जो किसी भी फेसबुक यूजर्स के साथ इंगेज रहना चाहते हैं। ये किसी भी यूजर को रिक्वेस्ट भेज देते हैं और उनसे जुड़े रहने की कोशिश करते हैं इसके लिए ये यूजर्स फ्रेंडली बनने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे में बेहतर है कि ऐसे फेसबुक यूजर्स को एवॉयड कर दिया जाए।8. Kids’ Accounts :- फेसबुक गाइडलाइन के तहत 13 साल से छोटे बच्चे फेसबुक एकाउंट नहीं बना सकते। ऐसे में जब इस समय बच्चों-बच्चों के पास स्मार्टफोन आ गया है तो ये बच्चे फर्जी आईडी से एफबी पर एकाउंट बना लेते हैं। 9. Anonymous Social Activists :- कुछ सोशल एक्टिविस्ट ऐसे होते हैं जो अपनी पहचान उजागर किए बिना समाज कल्याण में लगे रहते हैं। ऐसे में वह फेसबुक पर फेक प्रोफाइल बना लेते हैं।10. Impersonators :- यह बहुरुपिए होते हैं जो अलग-अलग नामों से आईडी बनाकर रियल फेसबुक यूजर्स को टारगेट करते हैं। ये यूजर्स की पर्सनल इंफॉर्मेंशन भी चुरा लेते हैं।inextlive from Technology News Desk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari