स्वैच्छिक रक्त दान या रक्‍त संचारण हजारों लाखों लोगों की जिंदगियों की रक्षा करता है। कई बार किसी आकस्मिक दुर्घटना या बीमारी के चलते लोगों को अचानक खून की जरूरत पड़ जाती है और उनके मैच का खून न मिलने पर कोई भी अनहोनी हो सकती है। ऐसे में आपका डोनेट किया हुआ यही खून उस मरीज के काम आता है और उसकी जान बचाता है। वर्ल्‍ड ब्‍लड डोनर डे पर 'दान के इस वैश्विक अधिनियम' पर आइए आपको बताते हैं इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प सामान्य ज्ञान की बातें।

1 - कहते हैं कि ब्लड डोनेशन, जितना खून लेने वाले के लिए लाभकारी होता है, उतना ही खून देने वाले के लिए भी होता है। जी हां, खून देने वाले के स्वास्थ्य के लिए भी ब्लड डोनेशन बहुत फायदेमंद होता है। इससे आयरन की अधिकता वाले शरीर से टॉक्सिक्स संचय को रोका जा सकता है। इसके अलावा ब्लड डोनेशन से हृदय रोग का खतरा भी कम हो जाता है। इतना ही नहीं ऐसा करके आप प्रभावी रूप से ब्लड प्रेशर को भी कम कर सकते हैं, रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियमित रख सकते हैं और उपापचयी लक्षणों से दिल की दर को भी काबू में रख सकते हैं।
2 - ब्लड डोनर्स को पूरी दुनिया के अलग-अलग देशों में मौद्रिक व गैर मौद्रिक मुआवजा भी मिलता है। US के Plasmapheresis रक्त दाताओं को 25 से 50 USD एक डोनेशन पर दिए जाते हैं। इटली में बल्ड डोनेट करने वाले को एक दिन की छुट्टी दी जाती है। वहीं सिंगापुर और मलेशिया में स्वैच्छिक रक्तदाता को  अवॉर्ड और खास मेडल दिया जाता है। मलेशियाई डोनर्स को भी फ्री आउट पेशेंट और अस्पताल में भर्ती होने का फायदा दिया जाता है। इसके विपरीत ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया में डोनर्स के लिए किसी भी तरह के मुआवजे या तोहफे की मांग करने को गैरकानूनी घोषित किया गया है।
3 - डोनर्स को अपना खून अपने खुद के भविष्य के लिए भी सुरक्षित रखाने का अधिकार है। इसे ऑटोलॉगस डोनेशन कहते हैं।
4 - आप अपने बल्ड के पूरे हिस्से को भी डोनेट कर सकते हैं और उसके किसी एक खास घटक को भी दान कर सकते हैं। ब्लड बैंक के पास उसको सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी होगी।
5 - पोटेन्शियल ब्लड डोनर्स को खून देने से पहले उनके स्वास्थ्य के बारे में सभी प्रकार की जानकारी की जाती है। खासतौर पर ये कि कहीं वह HIZ या वायरल हेपेटाइटिस से ग्रसित तो नहीं हैं। उनसे उनकी मेडिकल हिस्ट्री भी पूछी जाती है। ताकि वह ब्लड किसी और के लिए सुरक्षित हो।  
6 - डोनर्स अपने मन से कुछ दिनों या महीने के आधार पर ब्लड डोनेशन का दिन निर्धारित कर सकता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि डोनेशन वाले देश में ब्लड डोनेशन को लेकर किस तरह के नियम बने हैं। उदाहरण के तौर पर US में डोनर्स को एक बार ब्लड डोनेट करने के बाद अगले ब्लड डोनेशन के लिए आठ हफ्तों (56 दिनों) का इंतजार करना होता है। वहीं अगर उसने सिर्फ प्लेटलेट्स दान की हैं तो उसे सात हफ्तों का इंतजार करना होगा।   
7 - ब्लड के कई घटक कम शैल्फ जीवन के लिए रक्ताधान के रूप में भी इस्तेमाल में लाए जाते हैं। ऐसे में कई बार डॉक्टर्स को किसी खास सर्जरी के दौरान ज्यादा रक्त स्त्राव होने पर मरीज के लिए अतिरिक्त खून की जरूरत पड़ती है।
8 - डोनर्स का इकट्ठा किया हुआ खून ब्लड बैंक में जमा कर लिया जाता है। कई डोनर्स के खून के अलग-अलग तत्वों को अलग-अलग सुरक्षित रखा जाता है। उदाहरण के तौर पर कई बार किसी मरीज को सिर्फ प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ती है तो डोनर के द्वारा दान किए गए प्लेटलेट्स काम आ जाते हैं।
9 - रेड ब्लड सेल (RBC) सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आने वाला घटक होता है। इसको डोनेट करने के बाद रेफ्रिजरेटर टम्प्रेचर पर 35 से 42 दिन तक सुरक्षित रखा जाता है। इसके बाद ब्लड को सुरक्षित रखने के लिए उसमें ग्लिसरॉल मिलाई जाती है, लेकिन से प्रक्रिया काफी महंगी है। इसके साथ ही इसके लिए काफी ज्यादा ठंडे फ्रीजर की जरूरत पड़ती है।
10 - कुछ अलग प्रकार के खून के लिए कभी-कभी डोनर की जातीय पृष्ठभूमि भी अहमियत रखती है। ये कुछ खास मामलों में होता है। पहले के समय में तो जाति और धर्म के आधार पर ब्लड को अलग-अलग प्रिजर्व किया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

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Posted By: Ruchi D Sharma