मुस्‍लिमों के महत्वपूर्ण त्योहारों में शामिल ईद-उल-फितर कल मनाए जाने की तैयारी है। दुनिया भर में ईद की खुशी पर खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगी जाएंगी। इस दिन पकवान बनाना नए कपड़े पहनना तो हर कोई जानता है लेकिन इस त्‍योहार से जुड़े रिवाजों के पीछे महत्‍व को बहुत कम लोग जानते होंगे। ऐसे में आइए जानें इस बार ईद-उल-फितर के बारे में ये 10 खास बातें...

रमजान के बाद:
ईद-उल-फितर मुसलमानों के साल में एक महीने मनाए जाने के वाले रमजान के बाद मनाया जाता है। इस दौरान पूरे महीने रोजे रखने के बाद चांद देखने के अवसर पर यह त्योहार मनाया जाता है। इसे आत्म-मूल्यांकन का त्योहार भी कहा जाता है।

ईद की शुरुआत:
बहुत कम लोगों ये पता है कि पूरी दुनिया में मनाई जाने वाली ईद की शुरुआत कब से हुई है। दुनिया में पहला ईद-उल-फितर का त्योहार 624 ईस्वी में मनाया गया था। तब भी इस त्योहार पर इन्हीं परंपराओं का निर्वाहन हुआ था।
अल्लाह की रहमत:
ईद के त्योहार पर लोग ईदगाह में नमाज पढ़ने जाते हैं। इसके बाद एक दूसरे के गले मिलते हैं और  'ईद मुबारक' बोलते हैं। इतना ही नहीं सब लोग साथ में मिलकर खाना भी खाते हैं। इसके पीछे कहा जाता है कि आपसी प्रेम व भाईचारे को अपनाने वालों अल्लाह की रहमत बनती है।

सफेद रंग पवित्र:

इस दिन नहाने, नए कपड़े पहनने , सुगंधित इत्र लगाने के बाद लोग ईदगाह जाते हैं। इस दिन रोजेदारों के शरीर पर सफेद कपड़े ही आमतौर पर दिखाई देते हैं। इन सफेद कपड़ों को पहनने का मुख्य मकसद ये है कि सफेद रंग पवित्रता और सादगी का प्रतीक होता है।

खजूर खाना जरूरी:
इस त्योहार पर खजूर खाना हर किसी को जरूरी होता है। माना जाता है कि ग्लूकोज़, सुक्रोज, फ्रक्टोज, आयरन, मिनरल, अमीनो एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन्स आदि होते हैं। इससे शरीर को कोलेस्ट्रॉल फ्री ऊर्जा मिलती है।

धनवानों को मौका:

ईद-उल-फितर के लिए मुस्िलम समुदाय के धनवानों व संपन्न लोगों को एक मौका दिया जाता है। जिससे वे इस त्योहार पर अपने बंधु-बांधवों को अपनी कमाई का एक हिस्सा दान कर सकें और उनके जीवन में खुशी ला सकें। इसे जकात-उल-फितर कहा जाता है।
खाद्य पदार्थों का दान:
जकात-उल-फितर के रूप में गरीबों को दान दिया जाता है। इसमें खाद्य पदार्थों को देना अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका उद्देश्य यह है इस दिन पर कोई भूखा न रह जाए। जिससे इस त्योहार पर हर किसी के चेहरे पर बराबरी से मुस्कान होती है।

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Posted By: Shweta Mishra