आज के दौर में जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से लोन लेना एक बेहतर ऑप्‍शन हो गया है। वर्तमान में होम लोन एजूकेशन लोन मैरिज लोन कार लोन जैसे कई तरह के लोन आसानी से मिल जाते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि नेट बैंकिंग तो और भी फास्‍ट ट्रैक में लोन उपलब्‍ध करा देते है लेकिन कई बार ये लोन बेहद खतरनाक भी साबित होते हैं। कुछ गलतियों की वजह से कई लोग इनके लाभ की बजाय हानि का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में अगर लोन लेते समय थोड़ी सी सक्रियता बरती जाए और लोन से जुड़े हर एक पहलू की गहनता से पड़ताल की जाए तो यह निश्‍चित ही फायदेमंद होगा। ऐसे में आइए जानें लोन लेते समय किन 10 बातों का ध्यान रखना चाहिए...


चुकाने की क्षमता: हमेशा से कहा जाता आ रहा है कि पांव उतना ही पसारें, जितनी लंबी चादर हो। अगर आप कार लोन ले रहे हैं तो लोन पर ईएमआई नेट मंथली इनकम के 15 पर्सेंट और पर्सनल लोन की ईएमआई 10 पर्सेंट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यह बात हमेशा ध्यान में रखे कि लोन केवल इसलिए न लें कि उसे लेना आसान है, बल्िक यह भी गंभीरता से सोच लें कि आप कितना चुका सकते हैं। कुछ लोग जल्द  बाजी में लोन ले लेते हैं लेकिन बाद में उनकी पूरी कमाई व उम्र लोन चुकाने में ही बीतने लगती है।मियाद कम रखें:
आजकल ज्यादातर 30 साल की मियाद का ऑफर लोन में चल रहा है, क्योंकि जितना लंबा टेनर होगा, उतनी कम ईएमआई होगी। ऐसे में 25-30 साल का लोन लेने का फैसला ठीक हो सकता है। वहीं यह भी फैक्ट है कि कि लॉन्ग टर्म लोन में इंट्रेस्ट के रूप में ज्यादा रकम देनी पड़ जाती है। ऐसे में लोन जितना कम टेनर का हो, उतना अच्छा रहता है। जैसे 10 साल के लोन में उधार की रकम का 57 पर्सेंट हिस्सा ब्याज के रूप में देना होता है। उसी तरह से 20 साल और 30 साल का ब्याज पर्सेंट बढ़ता जाता है।


रेग्युलर रीपेमेंट:

लोन का बकाया पैसा चुकाने में ज्यादा जरूरी होता है। ईएमआई चुकाने में चूक या पेमेंट में देरी से आप परेशानी में पड़ सकते हैं। इससे आपकी प्रोफाइल पर दाग लग सका है। जिससे साफ है कि ईएमआई सही वक्त पर चुकाएं,ताकि आप किसी परेशानी में न पड़ें। जी हां अगर इसे वक्त पर नहीं चुकाया तो नॉन-पेमेंट पेनाल्टी और बकाया रकम पर मोटा ब्याज भी लग जाएगा।खर्च या इनवेस्ट:अगर आप अपने खर्चे या फिर इन्वेस्ट करने के लिए कतई लोन न लें, क्योंकि फिक्स्ड डिपॉजिट और बॉन्ड्स जैसे इनवेस्टमेंट से उतना रिटर्न नहीं मिलता, जितना आपको लोन में चुकाना पड़ता है। वहीं आज भी शेयर बाजार जैसे इनवेस्टमेंट ज्यादा रिटर्न ऑफर करते हैं, लेकिन उनमें काफी उतार-चढ़ाव होता है। जिससे प्रॉफिट और लॉस निर्भर करता है। जिससे कई बार लोग ईएमआई के बोझ से दबे रहते हैं।बड़े लोन के लिए इंश्योरेंस:
बडे लोन जैसे कार लोन या फिर होम लोन इनके लिए इंश्योरेंस कवर भी लेना जरूरी होता है। ऐसे में इनमें लोन की रकम के बराबर रकम का टर्म प्लान लीजिए ताकि अगर आपके साथ कुछ ऊंच नीच हो जाए तो परिवार पर इसका दबाव न पड़े। अगर आपका परिवार ईएमआई नहीं चुका पाएगा तो तो लोन देने वाला संस्थान उस होम या कार पर कब्जा कर लेगा।फाइन प्रिंट जानें:लोन डॉक्युमेंट में कानूनी बातों का जिक्र होता है। जिन्हें पढकर आप किसी बड़ी मुश्किल से बच सकते हैं। अगर आपको अग्रीमेंट में लिखी कोई बात समझ नहीं आ रही है तो फाइनैंशल अडवाइजर या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह ले सकते हैं। ऐसे में सारी बातें समझने के बाद ही आपको लोन अग्रीमेंट पर साइन करना चाहिए।महंगे लोन को सस्ते में:अगर एक से अधिक लोन एक साथ ले रखें हैं तो उन सबको एक सस्ते लोन में बदलने में ही समझदारी है। सभी बकाया लोन की एक सूची बनाइए और उसके बाद उन्हें सस्ते लोन से बदलने की दिशा में आगे बढि़ए। महंगे लोन जल्दी ही चुकाने में समझदारी है। लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर सस्ता लोन,लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी और गोल्ड लोन और लोन अगेंस्ट बैंक डिपॉजिट्स से भी मंहगा लोन चुकाया जा सकता है।रिटायरमेंट फंड से खेल:
अक्सर लोग अपने बच्चों के सपने पूरे करने के लिए रिटायरमेंट फंड से खिलवाड़ कर देते हैं। वे उनकी पढ़ाई आदि के लिए रिटायरमेंट फंड का पैसा लगा देते हैं। जो कि ठीक नहीं हैं। स्टूडेंट्स के पास एजुकेशन लोन और स्कॉलरशिप जैसे ऑप्शंस हैं। इनसे उनकी एजुकेशन कॉस्ट अच्छे से कवर हो सकती है।परिवार को जानकारी:लोन की जानकारी अपने जीवन साथी, परिवार, बच्चों आदि को देना बेहद जरूरी होता है। इस बात को कभी छुपाकर नही रखना चाहिए। इससे पूरे परिवार की फाइनैंशल पोजिशन जुड़ी होती है। लाइफ पार्टनर को यह जरूर बताएं कि आप कोई लोन क्यों ले रहे हैं। अगर आप पैसे के मामलों में अपने लाइफ पार्टनर को अंधेरे में रखते हैं तो इससे वैवाहिक जीवन पर भी प्रभाव पड़ेगा।सस्ते लोन बेहतर:होम लोन एक लंबे समय के लिए लिया जाता है। इसलिए लोन कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तखत करने के बाद भी हमेशा एलर्ट रहिए। नए रूल्स के बारे में जानकारी रखिए। इसके साथ इंट्रेस्ट रेट पर होने वाले बदलाव पर पैनी नहर रखें। अगर कोई संस्थान आपके बैंक से कम रेट पर लोन दे रहा है तो उसके पास स्विच कर जाना चाहिए।

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Posted By: Shweta Mishra