चिकित्सा जगत के प्रतिष्ठित जर्नल लांसेट में छपे एक अध्ययन के अनुसार भारत में 'सुरक्षित यौन संबंध' के बारे में जागरूकता के एक अभियान की वजह से लगभग एक लाख लोगों को एचआईवी संक्रमण से बचाया जा सका है.

ये अध्ययन गेट्स फ़ाउंडेशन ने कराया था जिसने 2003 से 2008 के बीच छह भारतीय राज्यों में इस बारे में धन मुहैया कराया था। इस अभियान के तहत वेश्याओं, उनके ग्राहकों, समलैंगिकों, नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करने वालों और ट्रक ड्राइवरों के बीच ख़ासतौर पर जागरूकता फैलाई गई।

अध्ययन करने वालों का कहना है कि इसके ज़रिए संदेश स्पष्ट है कि बचाव या एहतियात को लेकर जागरूकता फैलाने से ज़्यादा असर होगा। इसके तहत लोगों में इंजेक्शन के आदान-प्रदान, सुरक्षित यौन संबंध को लेकर सलाह, कंडोम के वितरण पर ध्यान दिया गया।

गेट्स फ़ाउंडेशन की इस पूरी परियोजना का मक़सद ऐसे लोगों पर ध्यान देना था जिनके एचआईवी से प्रभावित होने का ख़तरा सबसे ज़्यादा था। ये परियोजना 2003 में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु के अलावा मणिपुर और नगालैंड में शुरू की गई थी।

अध्ययन के अनुसार जहाँ ज़्यादा संसाधन लगाए गए वहाँ से परिणाम भी अच्छे मिले। इन सभी छह राज्यों में 1,00,178 लोगों को एचआईवी के संक्रमण से बचाने में क़ामयाबी हासिल हुई।

कुल मिलाकर ये बताया गया है कि अगर कुछ ख़ास समूहों को ध्यान में रखकर रणनीति बनाई जाए तो वह ज़्यादा प्रभावी होगी बनिस्बत उस रणनीति के जिसमें सभी को एक जैसा संदेश दिया जाए।

Posted By: Inextlive