RANCHI: राजधानी में सीवरेज-ड्रेनेज के काम को बंद हुए साल भर बीत चुके हैं। कंपनी को टर्मिनेट हुए भी छह माह हो चुके हैं। लेकिन न तो नए सिरे से काम हुआ और न ही फिर से डीपीआर तैयार किया गया। 2015 में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। चार साल में 50 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ। इस कारण सीवरेज-ड्रेनेज का काम करा रही कंपनी ज्योति बिल्डटेक को टर्मिनेट कर दिया गया था। आज स्थिति यह है कि यह प्रोजेक्ट न सिर्फ बंद पड़ा है, बल्कि पूरी तरह से ठप हो चुका है। यह पूरा प्रोजेक्ट 359 करोड़ का था, जिसमें 50 प्रतिशत काम के एवज में सौ करोड़ से भी अधिक की राशि फूंक दी गई। जिन स्थानों पर सीवरेज और मेन होल बनाए गए थे, वह भी अब नए सड़क के निर्माण के बाद जमींदोज हो चुके हैं। 80 करोड़ रुपए जो सिर्फ मेन होल के निर्माण में खर्च किए गए थे, वह नई सड़क के निर्माण के बाद सड़क से छिप गई है। अब यदि भविष्य में फिर से काम शुरू होता है तो फिर एक बार सड़क तोड़ देनी पड़ेगी। सड़क के निर्माण में 20 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।

एक हजार मेन होल जमींदोज

सीवरेज ड्रेनेज प्रोजेक्ट के फ‌र्स्ट फेज के तहत नौ अलग-अलग वार्ड में 4500 मेन होल का निर्माण कराया गया था। इसमें नई सड़क के निमार्ण के बाद लगभग एक हजार से अधिक मेन होल जमींदोज हो चुके हैं। अब भविष्य में काम शुरू होता है तो फिर से सड़क खोदने की नौबत आ सकती है। इस प्रोजेक्ट में 207 किमी सीवर लाइन बिछायी जानी थी और 100 किमी ड्रेनेज का काम होना था। इस प्रोजेक्ट के फ‌र्स्ट फेज का काम पूरा करने के लिए 24 माह का समय दिया गया था। लेकिन इसमें लापरवाही की वजह से इसे समय पर पूरा नहीं किया जा सका। आम पब्लिक चार साल परेशान रही सो अलग।

दोबारा नहीं बना डीपीआर

कंपनी को टर्मिनेट किए जाने के बाद फिर से डीपीआर बनाने का आदेश तो जारी हुआ लेकिन इस पर कछुए से भी धीमी गति से फाइल आगे बढ़ रही थी। फिलहाल नगर विकास विभाग में मामला पेंडिंग पड़ा है। डीपीआर क्लियर होने के बाद फिर एक बार टेंडर निकाला जाएगा। लेकिन यह कब तक होगा, कोई जवाब देने वाला नहीं। नये सिरे से डीपीआर बनाने और टेंडर का निष्पादन में छह महीने लगने की बात कही गई थी जबकि इस आदेश को निकले छह माह गुजर चुके हैं।

Posted By: Inextlive