क्त्रन्हृष्ट॥द्ब: रांची में करीब एक हजार करोड़ की जालसाजी को अंजाम दिया गया है। मामला राष्ट्रव्यापी धोखाधड़ी से जुड़ा है और मामला कोर्ट में लंबित है इसलिए रांची के लोग इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि शहर के करीब 15 हजार से अधिक लोगों से 62 हजार 100 रुपए की जालसाजी की गयी है। यह ठगी ऑनलाइन हुई है और विक्टिम्स ने अपने खातों से यह राशि जालसाजों को ट्रांसफर की है। मामले में 300 से अधिक सेना से जुड़े अधिकारियों और जवानों के नाम भी शामिल हैं जबकि 10 हजार से अधिक लोग सरकारी नौकरी और अन्य व्यवसायों से जुड़े हैं। इन विक्टिम्स ने अब तक शहर के किसी थाने में शिकायत भी नहीं की है क्योंकि इस नेशनल जालसाजी का केस दिल्ली कोर्ट में शुरू हो गया है। लोगों का कहना है कि कानूनी पचड़े में फंसकर क्या फायदा होगा, अब अगर दिल्ली में इस मामले से संबंधित फैसला आ जाएगा, तब उनकी समस्या अपने आप हल हो जाएगी।

बाइक बोट के शिकार रांची के लोग

बाइक बोटयह नाम देश के लोगों के लिए एक दहशत बनता जा रहा है कि ना जाने कितने लोग इसमें अपनी गाढ़ी कमाई डूबा चुके हैं। बाइक बोट नोएडा की एक कंपनी थी जो बाइक टैक्सी की सेवाएं देती थी। इस कंपनी के जालसाजी के चक्कर में शहर के करीब 15 हजार से ज्यादा लोगों ने अपने रुपए गंवा दिए हैं। बाइक बोट के संचालक संजय भाटी ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया और जेल चला गया। इसके बाद रांची में रहने वाले लोग हैरान हैं कि अब क्या करें। मामले में दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों में केस चल रहे हैं।

क्या थी स्कीम

बाइक बोट की स्कीम में खास बात यह थी कि बाइक के नाम पर रुपया लेकर उसका किराया भी दिया जाता था और बाइक का इंस्टालमेंट अलग से दिया जाता था। स्कीम के अनुसार, लोगों को एक बाइक की कीमत 62 हजार 100 रुपये बैंक खाते में जमा करनी थी। इन रुपयों से कंपनी एक बाइक खरीदती जिसे टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जाता। रुपये जमा करने वालों को इसके बदले हर माह 4590 रुपये किराए के नाम पर और 5175 रुपये बाइक के मूल्य के इंस्टालमेंट के रूप में मिलने का आश्वासन दिया गया था। यह प्लान एक साल के लिए था। इसका मतलब कि 62 हजार 100 रुपये जमा करने से 1,17,180 रुपये मिलते। इसी लालच में लोगों ने अपने रुपए गंवा दिए।

कई के खाते से 50 लाख से ऊपर का ट्रांजेक्शन

शहर में रहने वाले कई लोगों के खाते से 50 लाख से भी अधिक रुपए का ट्रांसफर बाइक बोट के खातों में किया गया। बूटी मोड़ निवासी अजय विश्वकर्मा के खाते से भी करीब 60 लाख रुपये ट्रांसफर हुए। उन्होंने बताया कि उनके परिचय के लोग जो दूर-दराज में रहते थे उन्होंने पैसे अजय के खाते में जमा करा दिए। यह रुपये अजय के खाते से बाइक बोट के खातों में ट्रांसफर किए गए। अब अजय को जानने वाले लोग उनपर रुपयों का दबाव बना रहे हैं।

देशभर में सात लाख से ज्यादा विक्टिम

बाइक बोट की जालसाजी में देशभर से करीब सात लाख से अधिक लोगों ने अपने पैसे गंवाए हैं। देखा जाए तो यह फ्राड तकरीबन 4 हजार 347 करोड़ से अधिक का माना जा रहा है। मामले में कंपनी के कर्ताधर्ता संजय भाटी और विजय कसाना ने सरेंडर कर दिया और जेल में बंद होकर इत्मीनान से केस लड़ रहे हैं। लोगों का रुपया डूब गया है।

कहते हैं विक्टिम

मेरे खाते से करीब 60 लाख रुपये बाइक बोट के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। मैंने इस संबंध में पुलिस को कंप्लेन भी की है। उन्होंने मुझसे अकाउंट स्टेटमेंट मांगा है। मैं अकाउंट से डिटेल निकालकर जल्द ही पुलिस को सौंप दूंगा।

अजय विश्वकर्मा, विक्टिम

वर्जन

मामले की शिकायत पुलिस को मिलेगी तो उसका अनुसंधान किया जाएगा, भले ही नेशनल लेबल फ्राड का मामला हो। रांची पुलिस आरोपियों के खिलाफ न्यायसंगत कार्रवाई करेगी।

अनीश गुप्ता, एसएसपी, रांची

Posted By: Inextlive