जिंदगी करने को कम, हर रोज बढ़ रहे हैं '100 कदम'
- गोरखपुर में हर रोज 100 नए पेशेंट्स हो रहे हैं डायग्नोज
- देश में रोजाना 5500 नए लोग पकड़ रहे हैं सिगरेट - स्मोकर्स के आसपास रहने वालों की उम्र भी कम कर रही है सिगरेट - शहर में यूथ सबसे ज्यादा जद में, दोस्त भी बन रहे हैं शिकार - हर साल 9 लाख लोगों की होती है मौतGORAKHPUR: धुआं उड़ाना यूथ्स के शौक में शुमार हो चुका है। मगर यह शौक न सिर्फ उनके लिए जानलेवा है, बल्कि उनके साथियों के लिए भी उतना ही खतरनाक है। देश में हर रोज 5500 नए केस डायग्नोज हो रहे हैं, जिसमें यूथ को स्मोकिंग से होने वाली बीमारी घेर रही है। गोरखपुर की बात करें तो यहां भी इसका असर कम नहीं है। शहर में रोजाना 100 नए मरीज मिल रहे हैं, जिन्हें स्मोकिंग की वजह से होने वाली सबसे कॉमन बीमारी सीओपीडी घेर ले रही है। इसमें एक केस में कैंसर की डायग्नोसिस भी रही है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में लोगों का यह शौक न सिर्फ उन्हें जिंदगी से दूर ले जाएगा, बल्कि लाखों खर्च करने के बाद भी यह गारंटी नहीं रहेगी कि वह जिंदगी की जंग जीत ही जाएंगे।
हर कश कम कर रहा एक मिनटडॉक्टर्स की मानें तो एक सिगरेट जिंदगी के 11 मिनट कम कर देती है, इस तरह अगर आंकड़ों पर ध्यान दें तो एक आदमी अगर दिन भर में एक डिब्बा सिगरेट पीता है, तो उसके 110 मिनट यानि कि करीब 2 घंटे कम हो रहे हैं। वहीं अगर उन्हें कैंसर ने घेर लिया, तो हर पल उनकी जिंदगी कम होने के साथ ही तकलीफों से गुजरेगी। इसका असर सिगरेट स्मोकर्स के आसपास रहने वालों पर भी पड़ता है। टोटल डेथ का 10 परसेंट आंकड़ा पैसिव स्मोकिंग की वजह से सामने आ रहा है।
200 स्मोक इयर खतरनाकडॉक्टर्स की लैंगवेज में अगर समझा जाए, तो सिगरेट पीने वालों के लिए 200 स्मोक इयर खतरे की घंटी है। अगर यह आंकड़ा पार किया, तो लोगों को कैंसर होना तय है। चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। वीएन अग्रवाल की मानें तो अगर एक व्यक्ति एक दिन में 20 सिगरेट पी रहा है और उसने लगातार दस साल तक सिगरेट पी है, तो यह 200 स्मोक इयर के बराबर होगी। इसी तरह 40 सिगरेट 5 साल तक लगातार पीने वाले भी 200 स्मोक ईयर का आंकड़ा छू लेंगे। ऐसा नहीं है कि 200 स्मोक इयर पहुंचने के बाद सिगरेट छोड़ने पर फौरन ही रिलीफ मिल जाएगी, बल्कि इस पीरियड से स्मोकिंग छोड़ने के 10 साल के बाद कैंसर होने का खतरा 50 परसेंट तक कम होता है।
फैक्ट फाइल - - दुनिया भर में 120 मिलियन स्मोकर्स मौजूद - इंडिया में वर्ल्ड के 12 परसेंट स्मोकर्स - इंडिया में हर साल 9 लाख लोगों की स्मोकिंग से हो रही डेथ - दुनिया में 10 में से एक मौत की वजह स्मोकिंग - डेली 5500 लोग स्टार्ट कर रहे हैं स्मोकिंग - इसमें से 85 फीसद लोग 15 से 25 साल की उम्र के बीच - 66 परसेंट लोग रेग्युलर करते हैं स्मोकिंग किसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल स्मोकिंग प्रॉडक्ट - बीडी मेल - 16 परसेंट फीमेल - 1.9 परसेंट सिगरेट मेल - 10.3 परसेंट फीमेल - 0.8 परसेंट अदर्स मेल - 1.9 परसेंट फीमेल - 0.9 परसेंट स्मोकलेस प्रॉडक्ट्स खैनी मेल - 18.0 परसेंट फीमेल - 4.7 परसेंट गुटखा मेल - 13.1 परसेंट फीमेल - 2.9 परसेंट पान विद टोबैको मेल - 7.5 परसेंट फीमेल - 4.9 परसेंट अदर्स मेल - 6.4 परसेंट फीमेल - 10.5 परसेंट टोबैको यूज एज वाइज - ओवरऑल एज ग्रुप मेल फीमेल15-24 27.4 08.3
25-44 54.6 19.0 45-65 61.1 32.1 65 से ऊपर 55.7 40.2 स्मोकिंग एज ग्रुप मेल फीमेल 15-24 9.7 0.3 25-44 27.0 2.1 45-65 37.4 5.7 65 से ऊपर 31.0 9.1 स्मोकलेस एज ग्रुप मेल फीमेल 15-24 23.1 08.2 25-44 39.3 17.6 45-65 33.8 28.4 65 से ऊपर 33.6 33.9 टोबैको यूज एरिया वाइज - ओवरऑल -एरिया मेल फीमेल
अर्बन एरिया - 37.5 11.8 रूरल एरिया - 52.3 23.7 स्मोकिंग - एरिया मेल फीमेल अर्बन एरिया - 20.4 1.1 रूरल एरिया - 25.9 3.7 स्मोकलेस - एरिया मेल फीमेल अर्बन एरिया - 23.6 11.1 रूरल एरिया - 36.8 21.3 डाटा सोर्स - गैट्स सर्वे क्या है खतरा - सीओपीडी लंग कैंसर मुंह का कैंसर खाने की नली का कैंसर पैनक्रियाज का कैंसर यूनिब्लैडर का कैंसर यह हैं सीओपीडी के सिम्प्टंस सांस फूलना बार-बार खांसी आना खांसी के साथ कफ आना रेग्लुयर वेट लॉस बचने के लिए क्या करें? - दृढ़ निश्चय करें - स्मोकर्स से दूर रहें - अकेले न रहें - मुंह को खाली न रहने दें - हाथ में मोबाइल, चाभी का छल्ला या कोई सामान लिए रहें - प्रणायाम और मेडिटेशन भी लें - निकोटिन चिविंग गम का इस्तेमाल करें। स्मोकिंग करना या उसे छोड़ना खुद उस आदमी के ऊपर डिपेंड करता है। अगर दृढ़ इच्छा शक्ति है, तो आदमी सिगरेट छोड़ सकता है। वरना लाख कोशिशों के बाद भी किसी से सिगरेट नहीं छुड़ाई जा सकती है। गोरखपुर में करीब 100 से ज्यादा नए पेशेंट्स डायग्नोज हो रहे हैं। इसमें एक्का-दुक्का कैंसर के केसेज भी शामिल हैं। - डॉ। वीएन अग्रवाल, चेस्ट स्पेशलिस्ट