एक तरफ जहां चीनी राष्‍ट्रपति भारत दौरे पर आकर दोस्‍ती का हाथ बढ़ा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर चीनी सैनिक भारतीस सीमा में घुसपैठ कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि बुधवार को चीन के करीब एक हजार से अधिक हथियार बंद सैनिक भारतीय सीमा में करीब चार-पांच किमी तक अंदर घुस आए. इसके बाद भारतीय सेना के जब विरोध किया तो इन सैनिकों ने लौटने से इन्कार कर दिया.

दोस्ती हजारों साल पुरानी!
नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ चीनी राष्ट्रपति दोनों देशों के बीच कई समझौते करने जा रहे हैं. हालांकि आज सुबह जिनपिंग राष्ट्रपति भवन से सीधे राजघाअ पहुंचे और महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किये. इस दौरान चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और चीन की दोस्ती हजारों साल पुरानी है और इस दोस्ती में दोनों देशों का हित जुड़ा हुआ है. अब अगर जिनपिंग की इन बातों को सच मान जाये, तो सीमा पर हो रही घुसपैठ का जिम्मेदार किसे माना जायेगा. चीन एक तरफ तो दोस्ती का हाथ मिला रहा है, तो वहीं दूसरी ओर पीठ पर वार करने की भी तैयारी कर रहा है. अब ऐसे में भारत को अपना रुख साफ तौर से स्पष्ट करना होगा.  
1 हफ्ताह से जारी है सिलसिला
गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से लगभग 250 चीनी सैनिकों ने पहले ही चुमार में डेरा डाल रखा है. चीनी सैनिकों की यह घुसपैठ ऐसे समय हुई, जब चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं. इस दौरान सीमा विवाद और घुसपैठ जैसे मसलों पर चर्चा होने की संभावना है. चीनी सैनिकों के हाथों में बैनर भी है, जिसमें वह इस क्षेत्र पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं. दूसरी ओर लद्दाख के डमचक क्षेत्रों में भी चीनी नागरिकों के घुसपैठ की भी खबर है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए बुधवार को चुशुल क्षेत्र में आयोजित दोनों देशों के बीच ब्रिगेडियर स्तर की बैठक बेनतीजा रही.
तनाव लगातार बढ़ रहा
बैठक में डमचक में चीनी नागरिकों की घुसपैठ के मामले के अलावा चुमार सेक्टर में चीनी सैनिकों के घुस आने पर भी चर्चा हुई. पिछले एक सप्ताह में दोनों देशों के बीच यह दूसरी फ्लैग मीटिंग है. पांच दिन पहले चीन के करीब 250 सैनिक चुमार इलाके में भारतीय सीमा में घुस आए थे और उनका सेना और आइटीबीपी के जवानों के साथ कहासुनी हुई थी.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari