- 102 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ ने जिला स्वास्थ्य समिति का किया घेराव

-76 एम्बुलेंस विभिन्न वर्कशॉप में खा रहे हैं जंग, पर कोई देखने वाला नहीं

PATNA: स्टेट में इमरजेंसी मेडिकल सर्विस में एम्बुलेंस सर्विस रीढ़ का काम करती है। लेकिन अभी इसकी हालत बेहद खराब है। तीन साल पहले शुरू की 102 एम्बुलेंस सर्विस आज कई समस्याओं से घिर चुका है। सरकार ने रिपोर्ट कार्ड जारी की लेकिन इसमें इस सर्विस का कहीं जिक्र नहीं है। करीब साल भर से यह बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति चला रही है। लेकिन इसकी सर्विस में कोई सुधार नहीं हुआ है। आज भी 76 एम्बुलेंस विभिन्न वर्कशाप में खराब पड़े हैं। आई नेक्स्ट ने राज्य स्वास्थ्य समिति से संपर्क किया, लेकिन कोई बात करने को तैयार नहीं है।

एम्बुलेंस सर्विस में कोई सुधार नहीं

साल 2014 में जब 102 एम्बुलेंस के संचालक जैन वीडियो ऑन वील्स इसका जिम्मा छोड़ भाग गया तब इसके बाद बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने संचालन का जिम्मा संभाला। लेकिन एक साल में इसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। मई और जून, 2015 के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि पटना को छोड़कर किसी भी जिला में इसकी स्थिति संतोषजनक नहीं है, जबकि हर महीने लाखों रुपए इसे चलाने और मेंटेनेंस पर खर्च हो रहा है।

सड़कों पर घटी एम्बुलेंस की संख्या

अप्रैल, 2012 में जहां 102 एम्बुलेंस की 534 गाडि़यां चल रही थी, वहीं अब मात्र 461 रह गई है। कई एम्बुलेंस वर्कशाप में पड़े हैं जिसे सर्विस के लिए रोड पर होना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि जैन वीडियो ऑन वील्स के संचालक के चले जाने के बाद मेंटेनेंस की जिम्मेदारी राज्य स्वास्थ्य समिति के पास आ गई। कई बार वर्कशाप की ओर से लेटर लिखे जाने के बाद भी मेंटेनेंस के बाद भी एम्बुलेंस यहीं पड़ी है। सिर्फ पटना के वर्कशॉप में दो दर्जन 102 एम्बुलेंस की गाडि़यां खड़ी है।

12 अगस्त तक का अल्टीमेटम

102 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के प्रवक्ता एवं संरक्षक विजय बहादुर नाथ तिवारी ने बताया कि राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया है। आखिर सरकार ध्यान क्यों नहीं दे रही है। इधर, पटना में लेबर कमिशनर ने कर्मचारियों के बकाया राशि के भुगतान 12 अगस्त, 2015 तक करने के लिए सिविल सर्जन और पूर्व संचालक डॉ जैन को लिखा है। ऐसा नहीं होने पर आर्थिक दंड के भागी होंगे। साथ ही लापरवाही बरतने पर केस दर्ज किया जाएगा। ज्ञात हो कि कर्मियों के वेतन आदि मद में 93 लाख 22 हजार 169 रुपए बकाया है। सितंबर, 2014 से ही ड्राइवर, टेक्नीशियन का वेतन बकाया है। यह आदेश 22 जुलाई को दिया गया है।

स्वास्थ्य समिति के समक्ष प्रदर्शन

मंडे को राज्य स्वास्थ्य समिति के समक्ष 102 एम्बुलेंस कर्मियों ने जमकर प्रदर्शन किया। हर जिले में राज्य स्वास्थ्य समिति से मांग है कि इन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाए। ड्राइवर, टेक्निीशियन व अन्य कर्मियों का पांच महीने का वेतन बकाया है। इन्होंने लिखित ज्ञापन सिविल सर्जन पटना डॉ केके मिश्रा को सौंपा। बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महामंत्री विश्वनाथ सिंह, प्रमंडल मंत्री अमित कुमार मिश्रा, पप्पू कुमार व अन्य मौजूद थे।

Highlights

क्0ख् एम्बुलेंस सर्विस दी गई

जिला मई जून

पटना क्00 80

गया ख्ब् फ्ख्

जहानाबाद क्ख्0 80

मधुबनी ख्0 ख्ख्

जमुई ब्0 फ्8

Posted By: Inextlive