स्लग: सदर हॉस्पिटल में 108 एंबुलेंस सर्विस की 2ाुली पोल, ऑटो में महिला को रि6स ले गए परिजन

-कॉल करने पर 5ाी फायदा नहीं, बिना रेफर पर्ची के एंबुलेंस देने से इन्कार

-इनडोर में 5ार्ती मरीज का डॉ1टर ने नहीं किया इलाज, रेफर पर्ची 5ाी नहीं दी

RANCHI (10 Dec):रविवार को 108 एंबुलेंस से महज 50 मीटर की दूरी पर प्रेग्नेंट महिला दर्द से कराहती रही, लेकिन उसे सेवा नहीं मिल पाई। 108 पर कॉल करने पर रेफर के कागजात दिखाने की मांग की गई। वहीं सदर हास्पिटल से रेफर नहीं किए जाने के कारण उसे हास्पिटल की भी एंबुलेंस नहीं उपलब्ध कराई गई। ऐसे में उसके परिजन तत्काल उसे ऑटो में चढ़ाकर रिम्स ले गए। इस बीच सवाल यह उठता है कि आखिर 108 एंबुलेंस इमरजेंसी सर्विस किसके लिए शुरू की गई है, जहां मरीज को एंबुलेंस के लिए रेफर की पर्ची दिखानी जरूरी है।

डॉक्टर ने न इलाज किया न रेफर

थाना टोली की रहने वाली रूबी देवी को उसके परिजन लेकर सदर हास्पिटल पहुंचे। जहां इमरजेंसी में पर्ची कटाने के बाद उसे इनडोर में ले जाया गया। लेकिन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उसका इलाज करने से इनकार कर दिया और रिम्स जाने को कहा। वहीं डॉक्टर ने पर्ची पर रेफर भी नहीं लिखा। ऐसे में वह हास्पिटल गेट पर ही दर्द से कराहती रही।

बॉक्स

दो बार कॉल करने पर भी नहीं मिली एंबुलेंस

गौरतलब हो कि गंभीर रूप से बीमार और घायलों को तत्काल हास्पिटल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस सर्विस की शुरुआत की गई है, जहां कॉल करने पर शहरी इलाके में 25 मिनट में एंबुलेंस पहुंचने की बात कही गई थी। लेकिन, दो बार कॉल करने के बाद भी मरीज को एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई।

वर्जन

जिस हास्पिटल में बेटी को दिखाने गए थे, वहां से सदर हास्पिटल के लिए एंबुलेंस दी गई। यहां आने के बाद डॉक्टर ने मरीज को देखा भी नहीं और रिम्स ले जाने के लिए कह दिया। वहीं, पुर्जा में कुछ लिखा भी नहीं। दोबारा भी जब पुर्जा लेकर गई तो डॉक्टर ने लौटा िदया।

-मालती, विक्टिम की मां

Posted By: Inextlive