देहरादून ही नहीं दिल्ली सहित कई शहरों में पकड़ी जा रही फर्जी डिग्री

150 करीब मार्कशीट फर्जी पाई जा चुकी है अक्टूबर में जांच के दौरान

11 शिक्षकों की बीएड डिग्री फर्जी पाई गई रुद्रप्रयाग के

35 शिक्षकों को अलग-अलग जगह फर्जी डिग्री के मामले में बर्खास्त किया गया

23 बीएड की डिग्रियों को एसआईटी टीम प्रभारी ने भेजा

20 करीब डिग्री सत्यापन के लिए दिल्ली से आई

Meerut । शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री से नियुक्तियों के मामले में एसआईटी की टीम ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में रुद्रप्रयाग के 11 शिक्षकों की बीएड डिग्री फर्जी पाई गई है। सीसीएसयू में इन टीचर्स की डिग्री का कोई रिकार्ड नहीं मिला है। आखिरकार एसआईटी ने इन आरोपी टीचर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है।

सांठगाठ से फर्जीवाड़ा

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि फर्जी डिग्री वाले इन शिक्षकों ने यूपी के सक्रिय गैंग से सांठगांठ कर यह फर्जीवाड़ा किया है। सीसीएसयू के नाम से देश के कई हिस्सों में पहले भी फर्जी डिग्री पकड़ी जा चुकी है। इसके अलावा खुद सीसीएसयू में ही वेरिफिकेशन के लिए आई अक्टूबर में 150 करीब मार्कशीट फर्जी पाई जा चुकी है। यह मार्कशीट जांच के लिए विभिन्न शहरों की कंपनियों से आई थीं।

चल रहा है खेल

गौरतलब है कि प्रदेश में फर्जी डिग्री से नौकरी पाने का बड़ा गैंग चल रहा है। एसआईटी की टीम के इस खुलासे के बाद टोटल 35 शिक्षकों को अलग अलग जगह से व अलग अलग सब्जेक्ट में बर्खास्त किया गया है। इनका रिकार्ड सीसीएसयू के पास नहीं है। ऐसा भी बताया जा रहा है कि एसआईटी टीम प्रभारी ने अभी ऐसी 23 बीएड की डिग्रियों को सत्यापन के लिए भेजा है जिनका रिकॉर्ड चेक करने को कहा गया है।

सामने आई सच्चाई

अभी अक्टूबर में भी यूनिवर्सिटी के विजिलेंस ऑफिसर ने खुद ऐसी डिग्री वेरिफिकेशन के दौरान पकड़ी थी। जिनमें विभिन्न तरह की जैसे एमबीए, एमसीए, बीबीए, बीकॉम आदि की डिग्री यूनिवर्सिटी के नाम की बनवाकर प्राइवेट कम्पनियों में जॉब्स के लिए लगाई गई थी। इन प्राइवेट कंपनियों ने जब इन डिग्रियों का सत्यापन करने मेरठ यूनिवर्सिटी में भेजा तो सच सामने आया था।

दिल्ली से भी आई डिग्री

अभी एक दो दिन पहले यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार कार्यालय पर 20 करीब ऐसी फर्जी डिग्री सत्यापन के लिए दिल्ली से आई है। जिनके फर्जी होने की संभावना है, ये बीएड, बीए व एमबीए आदि की है, इन डिग्रियों को लगाकर काफी नौकरी कर रहे है, इनमें भी 3 से 4 शिक्षक ही जॉब कर रहे है, हालांकि इनकी जांच चल रही है, जांच के बाद ही यूनिवर्सिटी ये बता पाएगी किसकी व किस विभाग से है। यूनिवर्सिटी अधिकारियों को कहना है कि ऐसी कम्पलेन काफी जगह से आ रही है। इसके पीछे कोई बड़ा गैंग काम कर रहा है जो पकड़ में नहीं आ रहा है।

ऐसी डिग्रियां पहले यूनिवर्सिटी में जांच के दौरान पकड़ में आई थी। जो प्राइवेट कम्पनी में या कहीं और यूनिवर्सिटी के नाम से सर्टिफिकेट लगाए हुए थे, इनका रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी के पास नहीं था, अभी भी कुछ आई है जिनकी जांच चल रही है।

प्रो। संजय भारद्वाज,

विजीलेंस अधिकारी, सीसीएसयू

ये डिग्री केवल उत्तराखंड नहीं बल्कि दिल्ली व कई जगहों की कुछ डिग्री वेरिफिकेशन के लिए आई है। इसके पीछे कोई गैंग है जो पकड़ में नहीं आ रहा है, इसकी जांच चल रही है।

धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive