-सभी को डिमोट किए जाने की चर्चा, गेस्ट फैकेल्टी को भी हटाने की बात चल रही

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में पढ़ा रहे 11 शिक्षकों को डिमोट किए जाने की चर्चा तेज हो गई है। फ्राइडे को पूरे दिन कैम्पस में इसे लेकर चर्चा का बाजार गर्म रहा। कहा जा रहा है कि इन्हें डिमोट किए जाने का निर्णय इलाहाबाद हाईकोर्ट के डायरेक्शन के बाद लिया गया है। बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को इससे पहले भी आदेशित किया गया था। जिन शिक्षकों को डिमोट किए जाने की चर्चा है। उनमे चार कामर्स, एक पोलिटिकल साइंस, दो केमेस्ट्री, दो ज्योग्राफी और एक संस्कृत विभाग के हैं। इसके अलावा भी एक शिक्षक शामिल हैं।

जिसका जैसा चाहा वैसे दिया लाभ

इन शिक्षकों के बारे में कहा जा रहा है कि उनकी नियुक्ति लैब अटेंडेंट, जूनियर कार्टोग्राफर कम सर्वेइंग असिस्टेंट और रिसर्च एसोसिएट के रूप में की गई थी। उन्होंने पूर्व कुलपति प्रो। आरजी हर्षे के कार्यकाल में स्क्रीनिंग कमेटी के जरिए गलत तरीके से पदनाम एवं वेतनमान का लाभ हासिल कर लिया। इसमें भी कुछ को पदनाम, वेतनमान और प्रमोशन, कुछ को पदनाम एवं वेतनमान तथा कुछ को केवल वेतनमान का ही लाभ दिया गया। कहा जा रहा है कि सभी शिक्षक यूनिवर्सिटी में किसी न किसी के चहेते हैं।

स्थाई किए जाने की कर रहे हैं मांग

यूनिवर्सिटी में लम्बे समय से खुद को स्थाई किए जाने की मांग को लेकर संघर्षरत 16 गेस्ट फैकेल्टी को भी हटाए जाने की चर्चा है। ये सभी गेस्ट फैकेल्टी यूनिवर्सिटी में वर्षों से पढ़ाते चले आ रहे हैं। इस बावत कार्यवाहक रजिस्ट्रार संजय उपाध्याय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शिक्षकों को डिमोट किए जाने के लिए उनकी ओर से अभी कोई आर्डर जारी नहीं हुआ है। अलबत्ता, उन्होंने गेस्ट फैकेल्टी के बारे में यह जरूर कहा कि उन्हें हाईकोर्ट के डायरेक्शन से अवगत करवाया गया है। संजय उपाध्याय का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से अवलोकन कर लेने के बाद ही कोई आर्डर जारी होगा।

Posted By: Inextlive