- लोगों के नाम पर बैंकों से लाखों रुपये का लिया लोन

- अब तक 12 करोड़ तक के बताए जा रहे मामले

- पुलिस ने शातिर पर इनाम कर रखा था घोषित

आगरा. थाना न्यू आगरा पुलिस और एसटीएफ नोएडा की संयुक्त कार्रवाई से 25 हजार के इनामी फरार आरोपी को पकड़ा है. शातिर ने एक ही कार पर कई बार बैंकों से लोन लेकर चूना लगा दिया. शहर के विभिन्न थानों में शातिर के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं. कोर्ट से आरोपी भगोड़ा घोषित किया जा चुका है.

एसटीएफ नोएडा की मदद से पकड़ा

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए फरार इनामी का नाम रजत कुलश्रेष्ठ पुत्र अम्बरीश कुलश्रेष्ठ निवासी एमजी रोड अपोजिट वर्धमान हाउस, हाल निवासी अंतरिक्ष गोल्फ व्यू, नोयडा बताया गया है. पुलिस ने इसके पास से एक घड़ी, एक लैपटॉप, एक मोबाइल, एक चार्जर, एक वाईफाई, 7 हजार रुपये व एक एक्सयूवी कार बरामद की है.

11 बैंकों का 12 करोड़ का चूना

पुलिस के मुताबिक शातिर ने पीएनबी, बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला समेत कई बैंकों से लोन लिया है. पुलिस के मुताबिक शातिर ने 18 लोन लिए हैं. पुलिस की छानबीन में निकल कर आया कि शातिर ने 11 बैकों से 12 करोड़ का लोन लिया है. इंस्पेक्टर थाना न्यू आगरा अजय कौशल के मुताबिक शातिर ने अधिकतर लोन अपने नौकरों के नाम पर लिए.

बैंकों की रहती थी मिली भगत

पुलिस के मुताबिक थाना न्यू आगरा, थाना हरीपर्वत, थाना एत्मादउद्दौला, थाना लोहामंडी व थना ताजगंज में 7 मुकदमें दर्ज हैं. बैंक कर्मी भी इस जालसाजी में शामिल बताए गए हैं. पुलिस के मुताबिक खंदारी मऊ रोड पर शातिर की करीब एक करोड़ की जमीन है जिस पर दो करोड़ का लोन ले रखा है.

चाचा ने दर्ज कराया था मुकदमा

पुलिस के मुताबिक रजत ने रिहायसी मकान वर्धमान हाउस के कागज बैंक में रख कर एक करोड़ की जालसाजी कर दी. इस मामले में आरोपी के चाचा ने ही मुकदमा दर्ज कराया था. शातिर के द्वारा एक ही गाड़ी खरीदी गई जबकि उसने इस 56 वाहनो पर लोन ले लिया. पुलिस के मुताबिक इस मामले में बैंक की मिली भगत रहती थी जिससे मामला पकड़ में नहीं आ पाता था.

18 हजार वेतन देकर ठगे साढ़े पांच लाख

शातिर के पीडि़त मनीष जैन निवासी घटिया, सिटी स्टेशन रोड ने बताया कि 2014 में रजत कुलश्रेष्ठ ने एक बेव पोर्टल खोला था. उसमें कई लोगों को नौकरी दी. मनीष को 18 हजार रुपये वेतन पर रखा. रजिस्ट्रेशन के लिए डॉक्यूमेंट ले लिए. उस समय तक लोगों को कुछ नहीं पता था. 2016 में नोटबंदी के दौरान जब किस्त के लिए बैंक का कॉल आया तो मामला प्रकाश में आया.

कंपनी के नाम पर लोन, कागज कर्मचारियों के

मनीष जैन के मुताबिक शातिर ने नोयडा में एक कंपनी खोली और उस कंपनी पर लोन ले लिया. लेकिन उसमें दस्तावेज हमारे लगा दिए. मामला खुलने पर जब उसे टोका तो उसने बोला कि कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए कर रहा है. वह पेनल्टी के साथ किस्त जमा करेगा. लेकिन वह बाद में किस्त जमा नहीं कर सका. उसने चेक भी दिया लेकिन चेक बाउंस हो गया. इसका मुकदमा दर्ज कराया गया. मनीष के मुताबिक पीडि़तों की संख्या अच्छीखासी है.

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पुलिस के बिंदु

आरोपी को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था

आरोपी पर 25 हजार का इनाम घोषित था

सिटी के थानों में 7 मुकदमें दर्ज हैं

11 बैंकों से 12 करोड़ रुपये का घोटाला किया

56 चार पहिया वाहनों पर बैकों से लोन लिए जबकि उसके पास मात्र एक ही गाड़ी है

आरोपी के साथ उसकी पत्‍‌नी भी शामिल है

दो साल से लगातार फरार चल रहा था और स्थान बदल रहा था

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पकड़ने वाली पुलिस टीम

इंस्पेक्टर अजय कौशल, एसआई प्रदीप भदौरिया, सुधेश कुमार, सुशील कुमार, कॉस्टेबल जगदीश सिंह व नोयडा एसटीएफ

Posted By: Vintee Sharma