मासूम के साथ हैवानियत में 12 लोग दोषी करार

मेरठ के बाल संरक्षण गृह का मामला, डीपीओ-प्रभारी अधीक्षक पर गिरी गाज

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MEERUT : मेरठ के बाल संरक्षण गृह में मासूम के साथ हैवानियत पर सरकार ने सख्त कदम उठाया है। 8 जुलाई की रात्रि बाल गृह में तैनात कर्मचारी द्वारा एक 10 वर्षीय बालक के साथ कुकर्म के प्रकरण में महिला कल्याण निदेशालय ने जांच रिपोर्ट के बाद डीपीओ समेत विभिन्न जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। विभाग ने यह कदम दो सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट के बाद उठाया है।

 

मासूम के साथ हुई थी हैवानियत

बीती 8 जुलाई की रात्रि नशे में धुत बाल गृह में तैनात कर्मचारी जावेद अंसारी ने एक मासूम के साथ ऊपरी मंजिल के एक कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। खुलासा तब हुआ जब 21 जुलाई को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम प्रीति चौधरी ने बाल गृह का निरीक्षण किया। मासूम ने हैवानियत की दास्तान प्रधान मजिस्ट्रेट के समक्ष रो-रोकर बयां की। प्रकरण को संज्ञान में लेकर 23 जुलाई को मजिस्ट्रेट ने डीएम अनिल ढींगरा, एसएसपी, जिला प्रोबेशन अधिकारी को पत्र लिखकर घटनाक्रम पर स्पष्टीकरण तलब किया। डीएम ने आनन-फानन में आदेश कर मुख्य आरोपी जावेद के खिलाफ थाना नौचंदी में मुकदमा दर्ज कराकर उसे गिरफ्तार करवा लिया तो वहीं खुद पर शिकंजा सकता देख केयर टेयर अय्यूब हसन फरार हो गया। महिला कल्याण निदेशालय के प्रभारी निदेशक पुनीत कुमार मिश्रा के आदेश पर डिप्टी सीपीओ मुख्यालय बीएस निरंजन और डिप्टी सीपीओ सहारनपुर पुष्पेंद्र सिंह को जांच अधिकारी बनाकर भेजा गया। 2 सितंबर को मेरठ पहुंची जांच टीम ने 3 दिन तक घटनाक्रम की जांच की और 24 पेज की रिपोर्ट 5 सितंबर को निदेशालय को सौंपी।

 

रिपोर्ट में 12 की भूमिका उजागर

रिपोर्ट में जांच अधिकारियों ने घटना को छिपाने के आरोप में जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता, बाल संरक्षण अधिकारी दीपिका भटनागर, बाल संरक्षण समिति मेरठ के सभी सदस्य, बाल संरक्षण समिति बागपत के सभी सदस्य और केयर टेकर समेत 12 लोगों को दोषी करार दिया है। वहीं जांच टीम ने केयर टेकर अय्यूब हसन की भूमिका जघन्य अपराध में सहयोगी के तौर पर करार दी है। प्रधान मजिस्ट्रेट के निरीक्षण के बाद विभाग की निष्क्रियता पर सवाल खड़ा करते हुए टीम ने कार्रवाई की संस्तुति निदेशालय में सौंपी रिपोर्ट में की है। शुक्रवार को निदेशालय ने सरकार को जांच रिपोर्ट के बाद की गई कार्रवाई की जानकारी दे दी है।

 

पॉस्को एक्ट में होगा केस

प्रभारी निदेशक, महिला कल्याण निदेशालय पुनीत कुमार मिश्रा ने बताया कि केयर टेकर और प्रभारी अधीक्षक अय्यूब हसन को निलंबित कर पॉस्को में मुकदमा दर्ज कराने आदेश दिए हैं। प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी और डिप्टी सीपीओ मेरठ मंडल श्रवण कुमार गुप्ता के खिलाफ डीपीओ के पद पर रहते हुए लापरवाही के आरोप में कार्रवाई की संस्तुति निदेशालय ने शासन से की है। सूत्रों के मुताबिक प्रभारी डीपीओ का निलंबन तय है। इसके अलावा मेरठ की बाल संरक्षण अधिकारी दीपिका भटनागर की सेवाएं समाप्त करने के लिए शासन को लिखा है। जघन्य घटनाक्रम में बाल कल्याण समिति मेरठ और बाल कल्याण समिति बागपत की भूमिका पर भी सवाल उठा, जिसके बाद निदेशालय ने दोनों संरक्षण समितियों की भूमिका की जांच करने के लिए मेरठ-बागपत जनपद के डीएम को लिखा है। क्योंकि बाल कल्याण समिति की शिकायत के संबंध में निवारण अधिकारी पदेन डीएम हैं।

Posted By: Inextlive