सीआरपीएफ का दावा कोर ग्रुप तक घुसने में मिली कामयाबी से हौसले बुलंदर। मुठभेड़ व नक्सलियों के समर्पण में झारखंड आगे छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर।


ranchi@inext.co.inRANCHI : सुरक्षा बलों को नक्सल के खिलाफ अभियान में महत्वपूर्ण सफलता मिल रही है। पिछले नौ महीने में करीब 140 नक्सलियों को सुरक्षा बल ढेर कर चुके हैं जबकि लगभग 1200 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं और 359 ने हथियार डाल चुके हैं। छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सलियों के कोर ग्रुप तक घुसने में मिली कामयाबी के बाद सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद हैं।6 सालों में सबसे कम हिंसा
सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, नक्सलियों को नई भर्ती करने में दिक्कत हो रही है। इसकी वजह से उनके कैडर में निराशा है। सीआरपीएफ का दावा है कि पिछले चार सालों में नक्सल हिंसा में लगातार कमी आई है और नक्सलियों के सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने और उनके आत्मसमर्पण के आंकड़े बढ़े हैं। नक्सली हिंसा में 30 से 40 फीसदी तक कमी का दावा करते हुए अधिकारी ने कहा कि पिछले छह सालों में सबसे कम हिंसा दर्ज की गई है। नक्सलियों के मारे जाने का ग्राफ बहुत ज्यादा बढ़ा है। वर्ष 2017 में 1888 के करीब नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2018 में अब तक करीब 1200 नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वर्ष 2017 में 685 के करीब नक्सलियों ने समर्पण किया था जबकि वर्ष 2018 में 359 नक्सलियों ने समर्पण किया।नए ठिकानों की तलाश में भागनक्सलियों से मुठभेड़ में बड़ी मात्रा में डेटोनेटर और अन्य विस्फोटकों को बरामद किया गया हे। करीब ढाई सौ आईईडी को भी विस्फोट से पहले निष्क्रिय किया गया है। सुरक्षा बल से जुड़े सूत्रों ने दावा किया कि नक्सलियों को अपनी जान बचाने के लिए नए ठिकानों की तलाश में इधर-उधर भागना पड़ रहा है। स्थानीय खुफिया इनपुट की मदद से नक्सलियों के खिलाफ अभियान की सफलता का प्रतिशत बढ़ गया है। स्थानीय स्तर पर भर्तियों का सकारात्मक असर हुआ है। नक्सलियों के कोड वर्ड और उनकी स्थानीय भाषा में योजनाओं को पकड़कर काउंटर रणनीति में सुरक्षा बलों को सफलता मिल रही है। झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत नक्सलियों के सरेंडर व उनकी जगहों से लैंड माइंस समेत कई विस्फोटक पदार्थ जŽत किए जा रहे हैं। कुछ सरेंडर पॉलिसी के तहत सरेंडर करने की इच्छा जता रहे हैं, उन्हें सरेंडर कराया जाता है।संजय लाटेकर, आईजी, सीआरपीएफ

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Posted By: Mukul Kumar