129 करोड़ से बनेगा डिस्ट्रिक्ट का पहला यूनानी मेडिकल कॉलेज

-हजियापुर में होगा 27 हजार वर्ग मीटर में निर्माण

-129 करोड़ का है प्रोजेक्टर, केंद्र और राज्य सरकार देगी धन

बरेली: डिस्ट्रिक्ट में जल्द ही पहला यूनानी मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। तीन साल से रुके पड़े काम को तेजी आनी शुरू हो गई है। यहां तक कि केंद्र सरकार ने काम शुरू करने के लिए फ‌र्स्ट इंस्टॉलमेंट यानि 23 करोड़ रुपए राज्य सरकार को दे दिए हैं। अब राज्य सरकार इसमें 17 करोड़ रुपए मिलाकर टोटल 40 करोड़ रुपए कार्यदायी संस्था को देने की तैयारी कर रही है। वहीं अभी हाल ही में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कार्यदायी संस्था के अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की है। जिससे साफ है कि जल्द ही मेडिकल कॉलेज बनाने का काम शुरू हो जाएगा। वहीं आपको बता दें 129 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की निर्माण का 60 परसेंट बजट केंद्र और 40 परसेंट राज्य सरकार देंगी।

यह मिलेगी फैसिलिटीज

-मेडिकल कॉलेज

-100 बेड का हॉस्पिटल

-बॉयज और गर्ल हॉस्टल

-टीचर्स व अन्य कर्मचारियों के लिए आवास

-कैंटीन

-बाह्य डेवलपमेंट

2018 में पूरा होना था काम

निर्माण कार्य 30 जून 2018 को ही पूरा किए जाने का लक्ष्य था। कार्य कराने के लिए मिली अनुमति के बाद सीएनडीएस ने बोर्ड भी लगवा दिया, जिसमें कार्य प्रारंभ होने की तिथि 30 दिसंबर 2016 लिखी है।

2016 में मिली थी जमीन

इस प्रोजेक्ट के लिए प्रशासन ने जमीन उपलब्ध कराई थी। पहले यह जमीन नगर निगम की थी, जिसे साल 2016 में राजकीय यूनानी मेडिकल कॉलेज के नाम ट्रांसफर कर दी गई थी।

फार्मासिस्ट के भरोसे 4 हॉस्पिटल

डिस्ट्रिक्ट में 4 यूनानी हॉस्पिटल फार्मासिस्टों के भरोसे चल रहे है। इनमें दौवली रघुवर दयाल, चकरपुर लमकन, मदनापुर, शेखापुर स्थित यूनानी हास्पिटल शामिल हैं। जिसमें शहर के आठ किमी दूर दौवली रघुवर दयाल में यूनानी हास्पिटल भी है। जो फार्मासिस्ट वेद पाल के ही भरोसे चल रहा है, क्योंकि यहां तैनात मेडिकल आफिसर डा। मो। आरिफ कई माह पहले रिटायर्ड हो गए और उनकी जगह किसी की तैनाती नहीं हो पाई। वहीं इस अस्पताल में एक से डेढ़ हजार मरीज हर माह आते हैं। इसी तरह

4 हॉस्पिटल में नहीं एक डॉक्टर

यूनानी हास्पिटल में चिकित्सकीय व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। वजह नवाबगंज, विशारतगंज, समूहा और भगवंतापुर स्थित यूनानी हास्पिटल में सिर्फ एक-एक डाक्टर तैनात हैं। जिससे मरीजों को देखने में दिक्कत होती है।

यहां नहीं है एक भी स्टाफ

यूनानी हास्पिटल सेथल में एक भी स्टॉफ नहीं तैनात है। ऐसे में मरीजों को देखने के लिए विशातगंज में तैनात डॉ। कौशल को सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को तैनात किया जाता है। जो चार दिन विशातगंज में मरीज देखने के बाद तीन दिन यहां आते हैं।

मेडिकल कालेज के निर्माण कब होगा पता नहीं, लेकिन जमीन पर कूड़ा-कचरे से दिक्कत होने लगी है।

-नईम

यूनानी मेडिकल कॉलेज बनने से लाभ मिलेगा। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। ताकि यह प्रोजेक्ट तैयार हो सके।

-शानू

यूनानी हास्पिटल्स में डॉक्टर ही नहीं है। ऐसे में यदि मेडिकल कॉलेज बन जाता तो फायदा मिलेगा। सरकार को ध्यान देना होगा।

-तसलीम

निर्माण कार्य के लिए बजट की शासन स्तर से स्वीकृति हो गई है, लेकिन कितना मिला है इसका अभी विवरण नहीं आया है। बजट मिलते ही कार्यदायी संस्था काम शुरू कर देगी।

-डॉ। वकील अहमद क्षेत्रीय यूनानी अधिकारी

Posted By: Inextlive