-चीफ सेक्रेटरी के सामने यूपी के 24 शहरों ने दिया प्रजेंटेशन

-पहले फेज में देश के 20 स्मार्ट शहरों में शामिल होने की रेस

LUCKNOW: स्मार्ट सिटी बनने की दौड़ में अब यूपी के महज 13 शहर बचे हैं। बुधवार को चीफ सेक्रेटरी के सामने नगर आयुक्तों के प्रजेंटेशन के बाद 11 शहर इस रेस से ऑउट हो गए। प्रदेश के जिन 13 शहरों ने अपने प्रजेंटेशन में खुद को स्मार्ट साबित किया है, उनमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, बरेली, मेरठ, इलाहाबाद और वाराणसी शामिल हैं। बता दें कि स्मार्ट सिटी के लिए पहले फेज में 24 शहरों के बीच कंपटीशन था, इसमें 13 शहरों को चुना गया। अब इन शहरों का प्रपोजल केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।

कड़ी गाइडलाइन से तय हुए नाम

चयन समिति को स्मार्ट सिटी के लिए भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के आधार पर 24 शहरों में से 13 शहरों का चयन करना था। मार्किंग में मुरादाबाद का स्कोर सबसे अधिक रहा। मुरादाबाद को 100 में 90 परसेंट अंक मिले, जबकि सबसे आखिरी नंबर पर मेरठ और रायबरेली रहे। इन दोनों के मा‌र्क्स बराबर रहे, जिसमें वरीयता के आधार पर मेरठ को चुना गया और केंद्र सरकार को भेजी जाने वाली लिस्ट में शामिल कर लिया गया। चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार मार्किंग की गयी, मीटिंग में सभी मेंबर्स की ओर से इन शहरों को स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र सरकार को भेजने पर सहमति दी गयी।

अब केंद्र की होगी कसौटी

नगर विकास विभाग एसपी सिंह ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत जारी की गाइडलाइंस और दूसरी योजनाओं के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि यह पहले फेज की प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया है। इसके बाद शहरों को स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव पेश करना होगा। इन स्मार्ट सिटी के प्रपोजल का मूल्यांकन भारत सरकार की एजेंसी ब्लूमबर्ग करेगी। एसपी सिंह ने बताया कि नगरीय निकायों को अपने तौर तरीकों में सुधार लाना होगा, जिनका नियमित रूप से शासन और भारत सरकार के स्तर पर सुपरविजन भी किया जायेगा। मीटिंग में स्मार्ट सिटी मिशन के एडीशनल डायरेक्टर एके गुप्ता केंद्र सरकार के रिप्रजेंटेटिव के तौर पर मौजूद थे।

इन प्वाइंट्स पर हुई मार्किंग

स्मार्ट सिटी मिशन के एडीशनल डायरेक्टर एके गुप्ता ने बताया कि स्मार्ट सिटी के लिए 15 प्वाइंट्स पर निकायवार मूल्यांकन किया गया। इसके तहत 2011 की पापुलेशन के आधार पर बने टायलेट्स, ऑनलाइन कंपलेन, गे्रवियांस सिस्टम, मंथली ई-मैगजीन, इलेक्ट्रानिक्स रूप से सक्षम परियोजनावार म्यूनिसिपल बजट खर्च की सूचना, सर्विस सप्लाई में लेट होने पर पनिश्ड करना, पिछले तीन सालों के दौरान आन्तरिक रूप से सृजित राजस्व, सैलरी का पेमेंट, सीएजी, शुल्क, अन्य आंतरिक राजस्व स्रोतों के हिस्से का परसेंटेज, कर राजस्व, वाटर सप्लाई की स्थापना, सुपरविजन लागत का परसेंटेज, फाइनेंशियल ईयर 2014-15 के दौरान प्रमुख कार्यो के लिए उपयोग आंतरिक राजस्व स्त्रोतों के अंशदान का परसेंटेज, शहर स्तरीय जेएनएनयूआरएम सुधार और जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत मार्च 2012 तक स्वीकृत परियोजनाओं की पूर्णता के आधार पर प्वाइंट्स वाइज विश्लेषण किया गया।

यह रही शहरों की मार्किंग

सिटी स्कोर

मुरादाबाद - 90

अलीगढ़- 90

सहारनपुर- 87.50

बरेली- 86.11

झांसी - 85

कानपुर- 82.50

इलाहाबाद- 82.50

लखनऊ - 82.50

वाराणसी- 82.50

गाजियाबाद- 82.50

आगरा 82.50

रामपुर- 78.13

मेरठ- 75

छह माह बाद फिर होगी मार्किंग

केंद्र सरकार की योजना है कि हर साल देश के 20 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जाए। यानी पांच साल में 100 सिटी को स्मार्ट बनाने की योजना है। इसके तहत यूपी के लिए अगले साल के सेलेक्शन के लिए 6 माह बाद एक बार फिर मार्किंग की जाएगी। बुधवार को मीटिंग में चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि जिन शहरों की मार्किंग कम हैं वह अभी से सुधार में लग जाएं। उन्होंने कहा कि जिन शहरों के बारे में आज फाइनल किया गया है उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जा रहा है। अब केंद्र सरकार के पास देश भर से आने वाले शहरों की मार्किंग में यह किस नंबर पर ठहरते हैं उसी के आधार पर प्रदेश में स्मार्ट सिटी के लिए शहर चुने जाएंगे। उम्मीद है कि यूपी एक से तीन शहर तक चुने जा सकते हैं।

क्या है स्मार्ट बनने की रिक्वायरमेंट

स्मार्ट सिटी के लिए तीन कैटेगरी तय की गयी है। रेट्रोफिटिंग मेथड, रीडेवलपमेंट और ग्रीन लैंड। रेट्रो फिटिंग मैथेड के थ्रू सिटी का एक एरिया ऐसा होना चाहिए जहां कम से कम 500 एकड़ की लैंड हो जहां स्मार्ट सिटी बनायी जा सके। इसमें मिक्सड लैंड का प्रमोशन, हाईटेक टेक्नालॉजी के साथ अन्य सुविधाएं और पब्लिक की सोच से अधिक उनको सुविधाएं दिया जाना शामिल है। रीडेवलपिंग के लिए 50 एकड़ का एरिया ऐसा होना चाहिए जिसे दोबारा पूरी तरह से रिकंस्ट्रक्शन के जरिये स्मार्ट और हाईटेक बनाया जा सके। इसके लिए स्थानीय पब्लिक की रजामंदी जरूरी होगी। कैटगरी थ्री में 250 एकड़ ग्रीन लैंड को रखा गया है। इन तीनों में से जो एक भी रिक्वायरमेंट पूरा कर रहा होगा वह स्मार्ट सिटी के लिए चयन योग्य होगा।

यह होगी खासियत

भारत सरकार ने देश भर में पहले फेज में 20 शहरों को स्मार्ट बनाने का डिसीजन लिया है। पहले फेज के 20 शहर कौन कौन से होंगे इसका फैसला अगले एक महीने के अंदर हो जाएगा। स्मार्ट सिटी में कोर इंफ्रास्ट्रक्चर एलिमेंट्स तय करते हुए कहा गया है कि जिस शहरों में पर्याप्त पानी, बिजली की सप्लाई, सफाई और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, ठोस परिवहन व्यवस्था और पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सस्ते घर खासकर गरीबों के लिए, आईटी कनेक्टिविटी और डिजिटाइजेशन, ई-गवनर्ेंस और नागरिकों की सहभागिता, पर्यावरण, नागरिकों की सुरक्षा, शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था होगी।

अगर चुना गया आपका शहर तो कैसे मिलेगी सुविधा

केंद्र सरकार के पहले फेज में अगर यूपी का कोई शहर चुना जाता है तो उसके लिए सबसे पहले सीधे एकाउंट में दो करोड़ रुपये दिये जाएंगे जिससे डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनायी जाएगी। जिस सिटी को स्मार्ट सिटी के लिए चुना जाएगा वहां काम करने के लिए एक कंपनी बनायी जाएगी जिसमें प्रदेश और केंद्र सरकार का 50 पचास प्रतिशत का कैपिटल होगा। पहले साल दो सौ करोड़ रुपये और बाकी तीन सालों में 100-100 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की ओर से दिये जाएंगे। इतना ही पैसा स्टेट गवर्नमेंट को भी देना होगा। प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए भी सीधे इस कंपनी के साथ जुड़ कर ही काम किया जा सकेगा। इसके लिए कंपनी अधिकत 49 परसेंट शेयर कंपनी का ले सकती है।

स्मार्ट सिटी में मिलेंगी यह सुविधाएं

स्मार्ट सिटी में मिक्सड लैंड यूज डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा और अनियोजित क्षेत्र के लिए भी प्लानिंग की जाएगी। हालांकि प्रदेश सरकारों को लैंड यूज और बिल्डिंग बायलॉज में कुछ बदलाव करने का अधिकार होगा।

स्मार्ट सिटी के मायने

-स्मार्ट सिटी में सभी के लिए घर

-स्मार्ट सिटी में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए सभी सेवाओं को ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ा जाना

-नगर निगमों को ई ग्रुप बना कर समस्याएं सुननी होंगी और समाधान करना होगा।

-मोबाइल पर सेवाएं उपलब्ध होंगी।

-सड़क पर केवल निजी वाहनों या पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं, बल्कि पैदल चलने वालों का भी ख्याल रखा जाना, सड़क पर जाम न लगे, प्रदूषण न हो

-शहर में पार्क, खेल का मैदान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए खाली जगह भी विकसित करनी होगी।

-हाई क्वालिटी की एजुकेशन, हेल्थ और बिजली की सुविधा उपलब्ध कराना।

Posted By: Inextlive