तेलंगाना के दलित परिवार में रहने वाली 13 साल की मलवथ पूर्णा ने सबसे कम उम्र में एवरेस्‍ट पर चढ़ने का कारनामा किया है। पूर्णा दुनिया में इकलौती ऐसी लड़की हैं जो इतनी उम्र में 8848 मीटर ऊंचे पर्वत पर चढ़ने में सफल हुई हैं।

पहली बार चढ़ी थी कोई चोटी
पूर्णा के बारे में सबसे खास बात यह है कि उन्होंने एवरेस्ट पर फतह हासिल करने से पहले कभी किसी अन्य पर्वत की चोटी तक नहीं छुई थी। पूर्णा बताती हैं कि उन्होंने 10 नेपाली गाइडों के साथ मिलकर तिब्बत की तरफ से एवरेस्ट पर चढ़ाई शुरु की थी। उन्होंने पिछले सितंबर एवरेस्ट के लिए ट्रेनिंग शुरू की। चढ़ाई के दौरान पूर्णा को पूरा वक्त पैकेट वाला खाना और सूप पीना पड़ा।
ऐसी हुई पुष्टि
पर्वतारोहियों की निगरानी करने वाले हिमालयन डाटाबेस नाम के संगठन ने पूर्णा की उपलब्धि को मान्यता दी है। यह संगठन पूरे इलाके में पर्वतारोहण के बारे में सबसे ज्यादा जानकारी रखता है। काठमांडू में हिमालयन डाटाबेस की मदद कर रहे जीवन श्रेष्ठ ने बताया, 'पूर्णा एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की महिला है और ऐसा बहुत कम लोग ही कर पाते हैं।'

52 दिन लगे चढ़ने में
पूर्णा के इस यात्रा की तैयारी के लिए भारत सरकार ने उनकी काफी मदद की। करीब सात महीनों के लिए पूर्णा ने पथरीले पहाड़ों पर ट्रेनिंग की और फिर लद्दाख में बर्फ पर चढ़ने का अभ्यास किया। ट्रेनिंग के दौरान ऊंचाई और जबरदस्त ठंड का सामना करने के खास तरीके भी सिखाए गए। पूरी यात्रा में पूर्णा को 52 दिन लगे। इस दौरान उन्होंने चोटी पर जाते हुए छह लोगों के शव भी देखे। ये वो लोग थे जिनकी चढ़ाई के दौरान मौत हो गई थी।

आदिवासियों के लिए प्रेरणा

पूर्णा से पहले 2010 में 13 साल के अमेरिकी जॉर्डन रोमेरो एवरेस्ट पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के पुरुष पर्वतारोही बने। उन्होंने भी तिब्बत से एवरेस्ट पर चढ़ाई की, हालांकि कई लोगों ने उनकी कम उम्र को लेकर सवाल किए। लेकिन 13 साल की पूर्णा कहती हैं, "मैं खुश हूं कि मुझे चढ़ने का मौका मिला। अगर मैं फिट हूं तो कोई मुझे चढ़ने से क्यों रोकेगा। मैं साबित करना चाहती हूं कि मेरे समुदाय के लोग, आदिवासी कुछ भी कर सकते हैं।" फिलहाल पूर्णा और चोटियों चढ़ना चाहती हैं। फिर पढ़ाई खत्म करके वह पुलिस अफसर बनना चाहती हैं।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari