AGRA। जी हां। बुधवार को जिला अस्पताल मासूमों की चीखों से हिल गया। हर वार्ड में बच्चे चिल्ला रहे थे। अपने पाल्यों को बेसुध पड़ा देख मां-बाप की आंखों में आंसू थे। पढ़ाई की जगह मिली बीमारी ने उन्हें झकझोर दिया था। खून की उल्टियों ने उनकी टेंशन और बढ़ा दी। इधर, इस घटना ने जिला प्रशासन से लेकर पुलिस महकमे तक में खलबली मची रही। स्वास्थ्य अधिकारियों के हाथ-पांव फूले रहे। अस्पताल और एसएन मेडिकल कॉलेज में एंबुलेंस की आवाजाही और बच्चों के भर्ती होने का सिलसिला देर तक चलता रहा।

वार्ड में चिल्लाते रहे बच्चे

जिला अस्पताल में दोपहर एक बजे से लेकर शाम चार बजे तक एंबुलेंस की आवाजाही बनी रही। यहां 31 बच्चे भर्ती किए गए। चार बच्चों को एसएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जिला अस्पताल में बच्चों के साथ उनके परिवारीजन भी पहुंचे। बच्चों के ड्रिप लगते ही वह चीख उठे। इंजेक्शन देख रोने लगे। तीमारदारों की आंखों में भी आंसू छलक पड़े। कई बच्चे इमरजेंसी भेजे गए। किसी को जनरल वार्ड में शिफ्ट किया तो कोई आइसोलेशन वार्ड भेजा गया।

खबर मिलते ही किया अलर्ट

खेरागढ़ गांव में बच्चों के बीमार होने की खबर मिलते ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। बीएस यादव ने जिला अस्पताल और एसएन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों को अलर्ट रहने के आदेश दे दिए थे। गांव में बच्चों का हेल्थ चेकअप करने के लिए डॉक्टरों की टीम भेजी गई और 20 एंबुलेंस भी रवाना हुई। लिहाजा दोपहर एक बजे करीब जिला अस्पताल में हड़कंप की स्थिति बन गई। खेरागढ़ से जैसे ही बच्चे लेकर पहली एंबुलेंस पहुंची, यहां का माहौल बदल गया।

15 बच्चे कर दिए गए डिस्चार्ज

जब बच्चे एंबुलेंस से उतरे तब भी वह उल्टी कर रहे थे। उनकी हालत खराब थी। बच्चों के परिजनों का कहना था कि कुछेक बच्चों को तो गांव में खून की उल्टियां हुई हैं। हालांकि इलाज मिलने के बाद कुछ सुधार आया। एसएन मेडिकल कॉलेज पीडियाट्रिक्स डॉ। राजेश कुमार के अनुसार बच्चों की स्थिति सुधार हो रहा है। जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक्स डॉ। सुधीर कुमार के अनुसार 15 बच्चों को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है।

चाइल्ड लाइन हुआ सक्रिय

खेरागढ़ के प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूल में बच्चों के जीवन से खिलवाड़ की इस घटना को लेकर चाइल्ड लाइन सक्रिय हो गया है। कॉर्डिनेटर नरेंद्र परिहार का कहना था कि वह इस मामले को लेकर डीएम से मिलेंगे। पूर्व में भी वह मिड-डे मील में मिलने वाले आहार को लेकर आवाज उठा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। चाइल्ड लाइन के लोग बच्चों से मिलने

Posted By: Inextlive