RANCHI: राज्य की जेलों में बंद आजीवन कारावास के 139 कैदी रिहा होंगे। झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी शनिवार को मुहर लगा दी। उन्होंने रिहा होने वाले बंदियों से अपील की है कि वे देश, राज्य व परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रिहा होने जा रहे अब 139 बंदी खुली हवा में सांस लेंगे। सीएम ने कहा कि उनके लिए शासन एक जिम्मेदारी का अहसास है। रिहा हो रहे बंदी भी अपने जिम्मेदारी बोध के साथ समाज के लिए सकारात्मक कार्य करें।

14 साल सजा कर चुके हैं पूरी

रिहा होने जा रहे राज्य के 139 बंदियों में पांच केंद्रीय कारा, एक मंडल कारा व एक ओपन जेल सह पुनर्वास कैंप का कैदी शामिल है। सभी बंदी हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। ये वैसे बंदी हैं, जो कम से कम 14 साल की सजा पूरी कर चुके हैं। इस दरम्यान उनका जेल में बेहतर आचरण रहा है। उनकी उम्र और उनके माध्यम से किए गए अपराध की प्रकृति आदि पर राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद विचार करती है और मुख्यमंत्री को अपनी अनुशंसा करती है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलते ही अब ये सभी बंदी रिहा होंगे और अपने परिवार वालों के साथ रह सकेंगे।

समाज हित में करेंगे काम

कैदियों के छोड़ने की स्वीकृति देने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह दर्शाता है कि अपराधी के जीवन में समाज हित में बदलाव लाना ही सजा का ध्येय होता है। अपने जिम्मेदारी बोध के साथ समाज के लिए सकारात्मक कार्य करें। उन्होंने सभी रिहा होने वाले बंदियों को शुभकामनाएं दी हैं। यह अपील भी किया कि है रिहा हो रहे बंदी नए सिरे से अपनी जिंदगी को शुरू करते हुए देश, राज्य, समाज और अपने परिवार के प्रति अपनी महती जिम्मेदारी का निर्वहन करें।

इन जेलों से रिहा होंगे कैदी

- बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल होटवार : 62

- लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेंट्रल जेल हजारीबाग : 26

- सेंट्रल जेल दुमका : 29

- सेंट्रल जेल घाघीडीह जमशेदपुर : 14

- सेंट्रल जेल मेदिनीनगर, पलामू : 04

- मंडल कारा चाईबासा : 03

- ओपेन जेल-सह-पुनर्वास कैंप हजारीबाग : 01

Posted By: Inextlive