- हाईकोर्ट ने 142 प्रश्नों पर दर्ज आपत्तियों की जांच पर उठाए हैं सवाल - 142 प्रश्नों की जांच हुई तो अभ्यर्थियों को मिले तीन कॉमन नम्बर जाने का खतरा prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: सूबे के परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 69000 पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया के विवाद खत्म नहीं हो रहे हैं

- हाईकोर्ट ने 142 प्रश्नों पर दर्ज आपत्तियों की जांच पर उठाए हैं सवाल

- 142 प्रश्नों की जांच हुई तो अभ्यर्थियों को मिले तीन कॉमन नम्बर जाने का खतरा

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PRAYAGRAJ: सूबे के परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 69000 पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया के विवाद खत्म नहीं हो रहे हैं। ऐसे में अब हाईकोर्ट के नए निर्देश का असर बड़ी संख्या में सफल अभ्यर्थियों पर पड़ने जा रहा है। हाईकोर्ट ने आपत्तियों को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सभी 142 प्रश्नों की आपत्तियों पर सवाल उठा दिए है। ऐसे में 142 प्रश्नों की जांच एक्सप‌र्ट्स से फिर से कराने की तैयारी है। अगर ऐसा हुआ तो तीन प्रश्नों को जो अंक सभी अभ्यर्थियों को मिले थे। वह स्वत: ही खत्म हो जाएंगे। ऐसे में सीधा असर हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों पर पड़ेगा, जिनको तीन अंक मिलने के कारण मेरिट में जगह मिली थी।

निर्धारित संख्या से अधिक प्रश्न होने का मिला था लाभ

69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के दौरान सभी विषयों के प्रश्नों की संख्या निर्धारित थी, लेकिन हिंदी में प्रश्नों की संख्या अधिक थी। ऐसे में आपत्तियों को देखते हुए तीन प्रश्न को बाहर कर दिया गया था और उनके अंक समान रूप से सभी अभ्यर्थियों को दिए गए थे। जिससे करीब 20 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को इसका सीधा लाभ मिलता था। इनमें वो अभ्यर्थी शामिल थे, जो दो या तीन अंक से मेरिट से बाहर हो रहे थे। लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश पर 142 प्रश्नों की जांच हुई तो उसका सीधा असर इन सभी अभ्यर्थियों पर समान रूप से पड़ेगा। जिसके बाद ये मेरिट से बाहर हो जाएंगे। हालांकि हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार 20,557 अभ्यर्थियों द्वारा 142 प्रश्नों पर दर्ज करायी गई आपत्तियों की जंाच एक्सप‌र्ट्स से कराया जाना है। ऐसे में एक्सप‌र्ट्स अगर उन प्रश्नों को कंसीडर करते हुए जांच करते हैं, तो हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों के रिजल्ट प्रभावित होंगे। लेकिन अगर एक्सप‌र्ट्स ऐसा नहीं करते है, तो इसके प्रभाव से अभ्यर्थी बच सकेंगे। ऐसे में सारा दारोमदार एक्स‌र्ट्स की टीम पर निर्भर करता है। इस बारे में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय खुल कर नहीं बोल रहा है, लेकिन वहां के अधिकारी भी इस बात पर अपनी सहमति जता रहे है कि अगर जांच हुई तो तीन अंक कटने के चांस सबसे अधिक रहेंगे।

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नियुक्ति करने के बाद लागू हो एमआरसी प्रक्रिया

69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है। बड़ी संख्या में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी गुरुवार को शिक्षा निदेशालय पहुंचे। जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन करने से रोकने का भी प्रयास किया, लेकिन अभ्यर्थी उनकी सुनने को तैयार नहीं दिखे। अभ्यर्थियों की मांग थी कि बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी एमआरसी से हजारों की संख्या में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गए है। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेन्द्र सिंह ने बताया कि याचिका संख्या 19737 / 2018 शिक्षा सिंह एवं अन्य में पारित आदेश यह कहता है कि आरक्षित वर्ग के मेधावी अभ्यर्थी को उनकी वरीयता के अनुसार जिला आवंटित हो एवं प्रक्रिया आरक्षण के नियमानुसार नियुक्ति होने के बाद लागू हो। जिससे आरक्षित वर्ग को उनका संवैधानिक अधिकार मिल सके। लेकिन परिषद की ओर से जिला आवंटन में ही एमआरसी की प्रक्रिया लागू कर दी गई। जिससे हजारों आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गए। ऐसे में नियक्ति करने के बाद एमआरसी की प्रक्रिया को लागू किया जाए। जिससे आरक्षित वर्ग को उनका संवैधानिक अधिकार मिल सके।

Posted By: Inextlive