RANCHI: राजधानी के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले डॉ पवन कुमार चौधरी के बेटे का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर 15 लाख रुपए की ठगी कर ली गई। मामले में पुलिस ने आरोपी प्रमोद कुमार सिंह को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। वहीं, दूसरा आरोपी संजय कुमार बिहार पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए भी लगातार छापेमारी कर रही है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी बेंगलुरु में रहते हैं।

2016 से आरोपी फरार था

सुखदेव नगर थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह ने बताया कि आरोपी प्रमोद जनवरी 2016 से फरार था। पुलिस ने कोर्ट से उसके घर की कुर्की का आदेश लिया। इसके बाद एक टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम जब आरोपी प्रमोद के घर कुर्की करने पहुंची तो परिजनों ने प्रमोद के मुंबई में होने की जानकारी दी। इसके बाद रांची पुलिस की एक टीम मुंबई पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

30 लाख में एडिमशन की बात

सुखदेव नगर थाना में डॉ पवन चौधरी की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि वो अपने बेटे का मेडिकल कॉलेज में नामांकन कराना चाहते थे। इस बीच उनका संपर्क प्रमोद से हुआ। प्रमोद ने अपने एक मित्र संजय के बारे में बताया और कहा कि वह राजा राजेश्वरी मेडिकल कॉलेज में नामांकन कराता है। इसके बाद आरोपी प्रमोद ने 3 दिन बाद उन्हें फोन किया और कहा कि मैनेजमेंट कोटे से मेडिकल कॉलेज में आपके बेटे का एडमिशन हो जाएगा। इसके लिए 30 लाख रुपए लगेंगे। एडवांस के तौर पर 15 लाख देना होगा। बाकी राशि एडमिशन के समय देनी होगी।

बेंगलुरु में किया पैसे का भुगतान

डॉ पवन का आरोप है कि जब राशि नहीं दी गई तब आरोपियों ने फोन पर कहा कि पैसा जल्दी दीजिए अन्यथा सीट नहीं मिल पाएगी। इसके बाद डॉक्टर ने 5 लाख आरोपी के खाते में 15 जून 2015 को आरटीजीएस कर दिए। इसके बाद 18 जून को डॉ पवन खुद बेंगलुरु स्थित आरोपी प्रमोद के घर पहुंचे। प्रमोद ने उनकी मुलाकात संजय से वहीं कराई, जिसके बाद डॉक्टर पवन ने एडवांस के तौर पर 10 लाख रुपए और दिए। इसके बाद डॉ पवन को आश्वासन मिला कि 17 अगस्त 2015 तक उनके बेटे का एडमिशन हो जाएगा।

एडमिशन हुआ नहीं, पैसे भी गए

डॉ पवन का आरोप है कि आरोपियों द्वारा दी गई तारीख में जब नामांकन नहीं हुआ, तो वो उनसे लगातार दूसरी तारीख पूछने लगे। दोनों आरोपी बार-बार तारीख देते रहे, लेकिन एडमिशन नहीं हुआ। इसके बाद डॉक्टर ने आरोपियों से पैसे वापस करने का दबाव बनाया। इसके बाद डॉक्टर को ठगे जाने का अहसास हुआ। जनवरी 2016 में डॉ पवन ने आरोपियों के खिलाफ सुखदेव नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।

Posted By: Inextlive