AGRAAGRA: डॉ। भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी की लापरवाही क्भ् हजार स्टूडेंट पर भारी पड़ रही है। स्टूडेंट यूनिवर्सिटी के रोज चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन दो वर्ष पूर्व किए गए कोर्स की अभी तक इनको मार्कशीट नहीं मिल पा रही है। स्टूडेंट्स अम्बेडकर चेयर और यूनिवर्सिटी के खंदारी कैम्पस के बीच चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारियों से भी समस्याओं के समाधान के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिल रहा है।

पिछले दो सत्रों से हुई खराब स्थिति

डॉ। भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी की हालत पिछले दो सत्रों से बिगड़ गई है। सत्र ख्0क्फ् और ख्0क्ब् की मार्कशीट के लिए अभी भी स्टूडेंट्स भटक रहे हैं। किसी की कॉलेज में मार्कशीट नहीं पहुंची, तो कोई मार्कशीट की गलती सही कराने के लिए भटक रहा है। इसके कारण स्टूडेंट्स अगले सत्र की क्लास में एडमीशन नहीं ले पा रहे हैं। सुबह से ही यूनिवर्सिटी में ऐसे स्टूडेंट की भीड़ लग जाती है, जिनको मार्कशीट चाहिए।

कम्प्यूटर एजेंसी के भागने से बिगड़ी व्यवस्थाएं

डॉ। भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के सत्र ख्0क्फ् और सत्र ख्0क्ब् का काम दो अलग-अलग एजेंसियां देख रही हैं। सत्र ख्0क्फ् का काम बेंगलुरु की माइंडलॉजिक एजेंसी काम देख रही थी, लेकिन पेमेंट समय पर न होने से इस एजेंसी ने यूनिवर्सिटी का काम छोड़ दिया। एजेंसी ने यूनिवर्सिटी को डाटा भी नहीं दिया, जिसके चलते सत्र ख्0क्ब् का काम देख रही शुभ्राटेक एजेंसी का काम भी प्रभावित हो गया। पिछले सत्र का डाटा न होने से अगले सत्र की मार्कशीट कैसे बनाई जाती। हालांकि यूनिवर्सिटी ने माइंडलॉजिक एजेंसी के संचालक के खिलाफ थाना हरीपर्वत में मुकदमा भी पंजीकृत कराया था।

यूनिवर्सिटी के पास ही है काम

अब सत्र ख्0क्फ् का काम यूनिवर्सिटी के कर्मचारी ही देख रहे हैं। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने अपने एक प्रोफेसर अनूप श्रीवास्तव को कोऑर्डीनेटर बनाया है, वे काम कर रहे हैं, या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं है, मौजूदा हालात यह हैं कि इसकी वजह से सत्र ख्0क्ब् का काम भी पूरी तरह ठप हो गया है।

दो सत्रों के क्भ् हजार स्टूडेंट्स परेशान, लगा रहे चक्कर

सत्र ख्0क्फ् के तकरीबन सात हजार और सत्र ख्0क्ब् के आठ हजार स्टूडेंट्स मार्कशीट को लेकर परेशान हैं। इनके पास नेट से निकाली गई मार्कशीट हैं, उसमें भी कई त्रुटियां हैं, जिसके चलते अगले सत्र की क्लास में एडमीशन नहीं हो पा रहा है।

Posted By: Inextlive