-एक घंटे बंद रही अप लाइन।

-शताब्दी समेत आधा दर्जन ट्रेनें प्रभावित

बरहन। सियालदाह से नई दिल्ली जा रही राजधानी 2313 की चपेट में आने से 18 बेसहारा गोवंश की मौत हो गई। हादसे के बाद गोवंश के चिथड़े 700 मीटर दूरी तक ट्रैक पर फैल गए। गनीमत यह रही राजधानी पलटने से बच गई। गुरुवार सुबह दिल्ली रेलखंड के मितावली व बरहन जंक्शन स्टेशनों के बीच सियालदाह से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस से एक साथ 18 गोवंश की कटकर मौत हो गई। इंजन में मांस के टुकड़े फंस जाने के कारण ट्रेन करीब पचास मिनट खड़ी रही। आधा दर्जन से अधिक ट्रेनें प्रभावित रहीं। घटना सुबह करीब साढ़े आठ बजे की है। सियालदाह से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस 2313 जैसे ही दिल्ली रेलखंड के मितावली रेलवे स्टेशन से आगे पहुंची, तभी गायों का एक झुंड डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर लाइन को पार कर हावड़ा-दिल्ली अप रेलवे ट्रैक पर पहुंच गई। चालक ने हॉर्न बजाकर उन्हें हटाने का भी प्रयास किया। लेकिन राजधानी की रफ्तार अधिक होने के कारण एक के बाद एक कर करीब 18 से अधिक गाय, बछड़े ट्रेन से कट गए। गनीमत रही कि राजधानी दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई। चालक ने ट्रेन को रोकने के साथ ही पूरे मामले से नियंत्रण कक्ष टूंडला को अवगत कराया। आनन-फानन में पीछे से आ रही शताब्दी व अन्य राजधानी ट्रेनों को बरहन व टूंडला स्टेशनों के बीच रोका गया। अधिकारियों के निर्देश पर तत्काल रेलवे की टीम को मौके पर भेजा गया। रेलवे लाइन पर पड़े गोवंश के शवों को हटाने के साथ ही। ट्रेन के इंजन में फंसे मांस के टुकड़ों को भी बाहर निकाला गया। तब कहीं जाकर पचास मिनट बाद नौ बजकर बीस मिनट पर ट्रैक सुचारू हो सका। इस दौरान रेल प्रशासन में अफरा-तफरी मची रही। इस दौरान अप की रांची-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, भुबनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, कानपुर-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस, अरुणाचल एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनें प्रभावित रहीं।

दहशत में रहे यात्री

राजधानी एक्सप्रेस से एक के बाद एक कर कटे 18 से अधिक गोवंश के चलते हुई तेज आवाज से यात्री भी दहशत में आ गए। अनहोनी की आशंका के चलते वह ट्रेन से नीचे उतर आए। जानकारी होने के बाद ही सब ने राहत की सांस ली।

कहां गए सरकारी दावे

एक तरफ सरकार गायों को संरक्षण देने के दावे कर रही है। यदि सरकार गायों को संरक्षण दे रही है तो इतनी बड़ी संख्या में गाएं ट्रैक पर कहां से आई।

जुटे हिंदूवादी

घटना के बाद हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता रामेश्वर सिंह, सदस्य कार्यकारिणी सदस्य विहिप योगी ठाकुर मौके पर पहुंच गए। उन्होंने घटना को लेकर रोष व्यक्त किया। एसडीएम एत्मादपुर ज्योति राय, तहसीलदार एत्मादपुर प्रीति जैन, सीओ एत्मादपुर अतुल कुमार सोनकर, नायब तहसीलदार सराह अशरफ, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ। नवीन, सर्किल फोर्स सहित रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए। चार जेसीबी की सहायता से गायों को दफनाकर अंतिम संस्कार किया गया।

ग्रामीणों के खदेड़ने पर ट्रैक पर पहुंचे गोवंश

ट्रैक पर इतनी बड़ी संख्या में गोवंश फसल को नुकसान पहुंचाने पर ग्रामीणों ने खदेड़े थे। कई दिनों से प्रशासन से गोवंश पकड़वाने को ग्रामीण गुहार लगा रहे थे।

नगला गोल पर है जमावड़ा

बरहन के ग्राम नगला गोल के आस पास सैकड़ों गोवंश हर समय रेलवे ओवर ब्रिज और बरहन की ओर अंडरपाथ के समीप डेरा डाले रहते हैं, जिससे अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है।

विधायक ने की शिकायत

विधायक रामप्रताप सिंह चौहान विधानसभा सदन के चलते गुरुवार को लखनऊ में थे। घटना की जानकारी होने पर विधायक ने फोन वार्ता कर अधिकारियों को अवगत कराया। प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी, पशुधन मंत्री चौ। लक्ष्मी नारायण को घटना से अवगत कराया और पत्र लिख विधानसभा में गोशाला निर्माण की मांग उठाई।

सूचना पर पहुंचे पूर्व मंत्री

बरहन जंक्शन के नगला गोल के समीप गौ वंश कटने की सूचना पर पूर्व मंत्री रामजी लाल सुमन पहुंचे। उनका कहना है पूरे उत्तर प्रदेश में बेसहारा पशुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है। किसान दिन और रात खेतों की रखवाली कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने प्रधानों को गोशाला निर्माण की जिम्मेदारी दी है, लेकिन प्रधानों को अतिरिक्त धनराशि आवंटित नहीं की। जिससे गोशाला निर्माण नहीं हो पा रहा। घटना के लिए सरकार जिम्मेदार है। गोशालाओं में खाने को चारा तक नहीं है। ब्लॉक प्रमुख जगबीर सिंह तोमर का कहना है कि गोवंश की ट्रेन से कटने की बेहद दुखद घटना है। ब्लॉक के कर्मचारियों को लगाकर ट्रैक पर सफाई व्यवस्था कराई जा रही है। तहसील के बेसहारा पशुओं को जल्द गौशाला भिजवाया जाएगा।

Posted By: Inextlive