JAMSHEDPUR: कंपनियां शहर की बस्तियों ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) बनाएंगी। इसके लिए कंपनियों को ढ़ाई लाख शौचालय बनाएंगी। डेढ़ लाख शौचालय बीपीएल घरों में बनाए जाएंगे जबकि, एक लाख शौचालय एपीएल घरों में बनेंगे। उपायुक्त अमित कुमार ने कंपनियों को यह काम सीएसआर के तहत करने की हिदायत दी है। सभी कंपनियों को कहा गया है कि चालू साल के सीएसआर बजट में संशोधन करते हुए उसमें शौचालय निर्माण को शामिल करें और वित्तीय साल क्7-क्8 के बजट में पंचायतों को ओडीएफ करने की योजना बनाएं।

डीसी ने दिए निर्देश

डीसी ने गुरुवार को यह निर्देश सीएसआर की बैठक में दिए। उपायुक्त ने कहा कि सीएसआर के तहत सभी कंपनियां अब तक अपनी सोच के हिसाब से काम करती आई हैं लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। सरकार की प्राथमिकता है कि शहर और गांव की बस्तियां साफ बनें। इसके लिए हमें बस्तियों को ओडीएफ बनाना है। इसके लिए बस्तियों में व्यक्तिगत शौचालय बनाए जाएंगे। कंपनियां इन शौचालयों को बनाएं। गौरतलब है कि जिले में पूर्व डीसी निधि खरे के समय में तकरीबन डेढ़ लाख शौचालय बनाए गए जो जर्जर हो चुके हैं। इनका अब इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इन शौचालयों को प्रयोग के काबिल बनाने की प्रशासन की मजबूरी है। बिना इन जर्जर शौचालयों की मरम्मत कराए जिले को ओडीएफ नहीं बनाया जा सकता है लेकिन, प्रशासन के पास इन शौचालयों को बनाने का फंड नहीं है। इसलिए, उपायुक्त ने इन शौचालयों को सीएसआर के तहत बना कर जिले को ओडीएफ बनाने की राह आसान कर दी है। इसके पहले, कंपनियों ने सीएसआर के तहत किए जा रहे कामों का विस्तार से बैठक में वर्णन किया। यूसिल ने बताया कि वह पोटका के भाटिन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की इमारत बना रहा है। इसमें सारी आधारभूत संरचना भी वहीं लगाएगा। यूसिल बच्चों को पढ़ाने की ट्रेनिंग भी दे रहा है। साथ ही स्कूलों में खेल सामग्री और बच्चों को खेल की कोचिंग भी दे रहा है। टाटा पावर ने बारीगोड़ा व सरजामदा में पहले दो आरओ वाटर प्लांट लगाए थे। अभी बारीगोड़ा में क्000 लीटर क्षमता का आरओ लगाया गया है। कई स्कूलों में बेंच-डेस्क और पंखे दिए हैं। यहां आर्गेनिक फर्टिलाइजर व बर्मी कंपोस्ट बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। टाटा मोटर्स ने फ्फ् स्कूलों में विद्युतीकरण कराया। पिपला, हुरलुंग और सरजामदा में पहले चार और अब दो आरओ वाटर प्लांट लगाए गए हैं।

प्रशासन को नहीं चाहिए बेंच-डेस्क

सीएसआर में कंपनियों की प्राथमिकता सरकारी स्कूलों में बेंच-डेस्क देने की थी। लेकिन, इस बैठक में जिला शिक्षा अधीक्षक ने बताया कि सरकार ने स्कूलों में बेंच-डेस्क खरीदने का काफी रुपया भेज दिया है। यह पैसा स्कूलों को भेजा जा चुका है। अब प्रशासन को कंपनियों की तरफ से सीएसआर में बेंच-डेस्क नहीं चाहिए। लाफार्ज के प्रतिनिधि ने बताया कि उनकी कंपनी ने बेंच-डेस्क का आदेश दे दिया था और इसकी आपूर्ति बस होने ही वाली है। इस पर, उपायुक्त ने कहा कि ठीक है लाफार्ज स्कूलों में बेंच-डेस्क दे और स्कूलों की सूची जिला शिक्षा अधीक्षक को दे दे। उपायुक्त ने जिला शिक्षा अधीक्षक को हिदायत दी कि जिन स्कूलों में लाफार्ज बेंच डेस्क दे रहा है वहां से इसका सरकारी पैसा वापस ले कर दूसरे स्कूलों में दिया जाए। इसके अलावा, लाफार्ज चार सरकारी और एक निजी स्कूल में पांच कंप्यूटर देगा। बच्चों को कंप्यूटर सिखाने के लिए दो-दो ट्रेनर दिए जाएंगे। जुस्को ने फ्8 लाख रुपये की कार्ययोजना जल्द जमा करने को कहा। उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अपर उपायुक्त सुनील कुमार, उप विकास आयुक्त विनोद कुमार, डीपीओ बी अब्रार के अलावा विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि आए थे।

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निजी स्कूलों में दे दिया बेंच-डेस्क

सीएसआर के तहत जिला प्रशासन ने कंपनियों को सरकारी स्कूलों को बेंच डेस्क देने की हिदायत दी थी। लेकिन, इस निर्देश का उल्लंघन करते हुए टिन प्लेट ने क्क् निजी स्कूलों में सात लाख रुपये का बेंच-डेस्क दिया है। प्रतिनिधि ने बताया कि अगले साल कंपनी अपना सीएसआर बजट बढ़ाएगी।

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एचसीएल का सीएसआर बजट ढाई लाख का

एचसीएल का सीएसआर बजट दो करोड़ ब्7 लाख रुपये का है। एचसीएल ने बताया कि वह घाटशिला के अमाई नगर व भादूडीह और मुसाबनी के बेनाशोल, चाकड़ी और शोहदा में व्यक्तिगत शौचालय बनवा रहा है। क्7 लाख रुपये से आठ डीप बोर वेल कायम किया है। क्ब्.भ्0 लाख रुपये से सोहदा से दुर्गा बस्ती तक सड़क की मरम्मत हो रही है। कंपनी किसान विकास मेला पर क्ख्.ब्7 लाख रुपये खर्च कर रही है। क्फ्8 किसानों को उन्नत खेती की ट्रेनिंग दी है। मेगा क्रिकेट व इंटर ब्लॉक फुटबाल टूर्नामेंट हो रहा है।

Posted By: Inextlive