- शहर में हैं मीट की दुकानों के 213 लाइसेंस

- मीट की दुकानों पर नहीं हो रहा नियमों के पालन

आई फालोअप

मेरठ। क्या नगर निगम मीट की दुकानों को नियम विरुद्ध लाइसेंस जारी कर रहा है? क्या अधिकारी ऑफिस में बैठकर मीट की दुकानों का लाइसेंस रिन्यू कर रहे हैं? दरअसल एक भी दुकान पर नियमों का पालन नहीं हो रहा है। हालात बता रहे हैं कि नगर निगम लाइसेंस के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है, जिसका सीधा नुकसान पब्लिक को है।

गंदगी का अंबार

मीट की दुकानों पर गंदगी का अंबार लगा रहता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुकानों पर मक्खी-मच्छर रहते हैं। न तो डस्टबिन रहता है और न ही दुकान ढकी रहती है। खुलेआम मीट बेचा जाता है।

एक दिन ही चला अभियान

अवैध मीट की दुकानों के खिलाफ नगर निगम ने केवल एक ही दिन अभियान चलाया। उसके बाद नगर निगम ने अभियान को ही बंद कर दिया है।

मीट की दुकानों का लाइसेंस रिन्यू करने से पहले नियमों को चेक किया जाएगा। बिना चेकिंग किए लाइसेंस रिन्यू नहीं किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

-डॉ। कुंवर सेन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम

लाइसेंस की शर्ते

- दुकान पक्की होनी चाहिए

- मालिकाना हक या फिर किरायानामा होना चाहिए।

- आसपास कोई धार्मिक स्थल नहीं होना चाहिए।

- आसपास कोई स्कूल नहीं होना चाहिए।

- दुकान में मक्खी-मच्छर न हो इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। हाइजीन का पूरा ख्याल रखा जाए।

- दुकान में डस्टबिन होना चाहिए।

Posted By: Inextlive