'रक्षक' में रहेंगे कोरोना पेशेंट
- प्लेटफार्मो पर लगाए जाएंगे आइसोलेशन कोच, हर जिले में तैनात होंगे नोडल अफसर
- यूपी में 25 और एनईआर में 20 स्टेशन शामिल - एनईआर ने चिन्हित किए रेलवे स्टेशन, 217 कोचेज आईसोलेशन वार्ड में किए गए तब्दीलGORAKHPUR: कोरोना वायरस के कहर से पूरा देश जूझ रहा है। ऐसी स्थिति में रेलवे ने भी महामारी से लड़ने में पूरी ताकत झोंक दी है। कोरोना वायरस के सस्पेक्टेड पेशेंट्स को कोविड केयर सेंटर के रूप में तैयार किए गए स्पेशल ट्रेन कोच 'रक्षक' में क्वारंटीन किया जाएगा। इसके लिए देशभर के 215 रेलवे स्टेशन चिन्हित किए गए हैं। इनमें गोरखपुर जंक्शन समेत एनई रेलवे के 20 स्टेशन भी शामिल हैं। इन स्टेशनों कीव्यवस्था और नियंत्रण के लिए जिले में नोडल ऑफिसर तैनात किए जाएंगे। हर कोच के पास एक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस तैनात रहेगी। क्वारंटीन व्यक्ति की हालत अगर खराब होती है तो उसे फौरन नजदीकी रेफर सेंटर पर भर्ती कराया जाएगा।
बढ़ते कोरोना केसेज को देखते हुए परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत रेलवे बोर्ड को भी इंतजाम के बाबत बिंदुवार निर्देश दिए गए हैं। रेलवे स्टेशनों की जो लिस्ट तैयार की गई है उसमें यूपी के 25 स्टेशन शामिल हैं। जिन स्टेशनों पर रक्षक कोच खड़े किए जाएंगे, वहां रेलवे के रोलिंग स्टॉक विभाग को बिजली, पानी, चादर आदि की व्यवस्था करनी है जिसके तहत बायो टॉयलेट की सफाई और रोजाना क्लोरीन की गोलियां डालनी होंगी। कोच के हर केबिन में दो मरीज या संदिग्ध ही रहेंगे। कोच में ऑक्सीजन की व्यवस्था रेलवे करेगा।
एनईआर के चिन्हित स्टेशन गोरखपुर जंक्शन, वाराणसी सिटी, लखनऊ जंक्शन, गोंडा, बरेली सिटी, मंडुआडीह, बलिया, मऊ, गाजीपुर सिटी, आजमगढ़, नौतनवां, फर्रुखाबाद, भटनी, काशीपुर, काठगोदाम, रामनगर, लालकुआं, कासगंज, सीवान, छपरा आदि। एनईआर में बने हैं 217 रक्षक कोच एनईआर में कुल 217 कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इन कोचों को रक्षक नाम दिया गया है। अभी ज्यादातर कोच रेलवे वर्कशॉप्स में हैं और कुछ स्टेशनों पर खड़े हैं। हर कोच में 10 आइसोलेशन वार्ड ट्रेन के हर कोच में 10 आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। इन वार्डो में जरूरत के हिसाब से बिजली सप्लाई दी जाएगी। वार्डो की साफ-सफाई का भी प्लान बनाया गया है। कोच में सुविधाएं - आइसोलेशन वार्ड कोच में शौचालय व स्नानागार की व्यवस्था - हर केबिन में सीट के बीच निर्धारित दूरी - टॉयलेट में लगे टैप को ऊंचा किया गया - केबिन के साइड में ऑक्सीजन सिलिंडर रखने की जगह- हर केबिन में दो बॉटल होल्डर
- वेंटिलेशन के लिए खिड़कियों पर लगी है मच्छरदानी - हर केबिन में डस्टबिन लगाया गया है - कोच में इंसुलेशन और गर्मी का प्रभाव कम करने केलिए ऊपरी हिस्से और खिड़की के पास बांस मैटल लगाए गए हैं वर्जन एनई रेलवे में 217 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित किया गया है। इनके प्रयोग के संबंध में परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है। पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ