Patna: पिछले नौ दिनों से पीएमसीएच के बेड पर कराह रहे बच्चे की बॉडी का जहर अब तक नहीं निकल पाया है. दवा का असर जब तक रहता है बच्चे ठीक रहते हैं. जैसे ही दवा का डोज कम होता है इनकी जान मुसीबत में आ जाती है.


नतीजे काफी चौंकाने वाले हैंहर घंटे इन बच्चों की मॉनिटरिंग पीएमसीएच शिशु वार्ड के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ओर से की जा रही है। हालांकि अब तक जो मेडिकल फाइंडिंग सामने आई है, उसके नतीजे काफी चौंकाने वाले हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि अगर तीन से चार महीने इन बच्चों का ठीक तरह से निकल गया, तो फिर इन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। बच्चे के अंदर जहर का जो हैवी डोज गया है, उसका असर लाइफ लांग होने वाला है। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। निगम प्रकाश नारायण ने बताया कि जहर का असर इनके न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम को डेवलप कर रहा है। इसमें से कई बच्चों में पारालाइसिस अटैक का खतरा भी बन रहा है। इससे बचाने के लिए लगातार उन पर ध्यान दिया जा रहा है। सिम्प्टम्स के हिसाब से चेंज होती है मेडिसिन
बॉडी का फंग्सन यह डिनोट करता है कि मेडिसिन किस तरह से काम कर रहा है। हर दिन के हिसाब से हर एक बच्चे में अलग-अलग तरीके से कम और अधिक डोज दिया जाता है। फिलहाल 24 बच्चे और एक कुक पर पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है। शिशु विभाग और मेडिसिन के हेड डॉ। जेकेएल दास की निगरानी में इन 25 लोगों का ट्रीटमेंट प्लान हर दिन तैयार होता है, जिसकी रिपोर्ट डिपार्टमेंट को भेजी जा रही है। फिलहाल बच्चे के हॉस्पीटल से छोडऩे की प्रक्रिया में अभी लेट है, क्योंकि जहर का असर अब तक पूरी तरह से उतरा नहीं है। लिहाजा, मंगलवार को चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। संजाता राय चौधरी, डॉ। निगम प्रकाश नारायण, डॉ। राजा राम प्रसाद सिंह और मेडिसिन के डॉ। जेकेएल दास की मीटिंग होगी, जिसमें डिसाइड होगा कि आगे किस तरह से बच्चे को घर भेजा जाए। डॉक्टर्स का मानना है कि मेडिसिन का डोज वीकली हो या मंथली, पर दिया जाना चाहिए।Mid day meal में ये मिलाया था, खाकर 20 बच्चों की मौत

Posted By: Inextlive