भगदड़ से 24 की मौत
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मौत का घाट बना राजघाट सब हेडिंग जय गुरुदेव संत समागम के दौरान भगदड़, 24 मरे - वाराणसी चंदौली बॉर्डर पर डोमरी गांव में जुटी थी लाखों भक्तों की भीड़, राजघाट पुल से पड़ाव जाने वाले रास्ते पर हुई घटना - 20 महिलाओं समेत 4 पुरुषों की गई जान, दर्जनों जख्मी, गृह सचिव और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर भी पहुंचे - मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा, कमिश्नर को घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच का निर्देश 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्बवाराणसी-चंदौली बॉर्डर पर गंगा किनारे राजघाट (मालवीय) पुल से पड़ाव जाने वाली रोड पर शनिवार को हुई भगदड़ में करीब 24 लोग मारे गए। इसमें 20 महिलाएं हैं। इस घटना में तीन दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। ये सभी पड़ाव-रामनगर रोड पर डोमरी गांव में आयोजित गुरुदेव प्रचारक धर्म प्रचारक संस्था (मथुरा) की ओर से आयोजित दो दिवसीय सत्संग महामानव संगम में शामिल होने के लिए आए थे। आयोजन में तीन लाख से ज्यादा की भीड़ पहुंचने के कारण ही भगदड़ मची और हादसा हो गया। घायलों को रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल और बीएचयू ट्रामा सेंटर भेजा गया है।
मृतकों को 5-5 लाख मुआवजाघटना के बाद जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर घटना पर दु:ख जाहिर करते हुए घायलों के उपचार के लिए समुचित कदम उठाने का निर्देश जारी किया है वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मृतकों के परिवार को पहले दो-दो लाख के मुआवजे की घोषणा की है। शाम में पीएम मोदी से हुई बात के बाद मुआवजे की रकम पांच-पांच लाख रुपये कर दी गई है। घायलों का मुफ्त इलाज कराने का निर्देश भी सीएम ने दिया है। सीएम के निर्देश पर एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत चौधरी और गृह सचिव एसके रघुवंशी देर शाम मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। सीएम ने कमिश्नर को मामले की मजिस्ट्रेटियल जांच का आदेश भी दिया है।
जुलूस के दौरान हुआ हादसा डोमरी रामनगर में शाकाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित दो दिनी समागम का पहला दिन था। पहले ही दिन समागम में देश के विभिन्न राज्यों से 3 लाख से ज्यादा की भीड़ पहुंची। काफी लोग नेपाल से भी आए थे। सभी भक्त पैदल ही अलग-अलग इलाकों से होते हुए जुलूस के रूप में डोमरी को जा रहे थे। इससे राजघाट पुल पर भीषण जाम लग गया। अचानक की किसी बात से भीड़ में भगदड़ मच गई। लोग एक दूसरे पर गिरने लगे और काफी कुचल गए।पुलिस की व्यवस्था रही फेल
पूरे घटनाक्रम में पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से फेल दिखा। भगदड़ को रोकने के लिए गिनती की संख्या में पुलिस के जवान पुल से लगायत डोमरी मार्ग पर थे। घंटों अफरातफरी रही और राजघाट पुल से लेकर पड़ाव डोमरी मार्ग पर भगदड़ मची रही। घंटों बाद जब लोग शांत हुए तो लाशें और घायलों को उठाने का सिलसिला शुरू हो सका। आनन-फानन में घायलों को अस्पताल रामनगर, चंदौली स्थित अस्पताल पहुंचाया गया। गंभीर लोगों को बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। सबसे पहले 12 लोगों के मौत की सूचना आई जो टाइम के साथ बढ़ती गई। सूचना पर कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण, डीएम विजय किरन आनंद, समेत जिले के अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। सीएमओ डॉ। बीबी सिंह ने बताया कि मरने वालों की संख्या शाम पांच बजे तक 19 थी। जिसके बाद शाम छह बजे के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हो गई। जबकि बड़ी संख्या में घायल विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल रामनगर और ट्रामा सेंटर में सबसे ज्यादा लोग भर्ती हैं। मरने वालों में अब तक चार लोगों की ही पहचान हो सकी है। पीएम ने फोन कर लिया अपडेटबनारस में हुए हादसे की जानकारी होने के बाद पीएम और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों से बातचीत कर हालात का जायजा लिया। इस संबंध में उन्होंने ट्वीट कर जानकारी भी दी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा समेत कई और नेताओं ने भी ट्विट के जरिए घटना पर शोक जाहिर किया।
अनुमति ली चार हजार की, पहुंचे तीन लाख घटना में प्रशासन, पुलिस और लोकल इंटेलीजेंस की बड़ी चूक सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक समागम आयोजक बेचू प्रसाद ने एडीएम सिटी से शोभायात्रा निकालने के नाम पर अनुमति प्रार्थना पत्र में 3 से 4 हजार लोग के जुटने की बात लिखी थी। दूसरी ओर आयोजकों ने मीडिया में प्रचारित किया गया कि 20 लाख लोग आएंगे। प्रशासन ने चार हजार की भीड़ के लिए ही ट्रैफिक तथा सिक्योरिटी प्लान सेट किया था। शनिवार को अचानक से लाखों की भीड़ ट्रेन, बसों तथा प्राइवेट वाहनों से पहुंची तो सारी व्यवस्था तहस-नहस हो गई। सुबह आयोजन स्थल से निकले जुलूस के दौरान हालात और बिगड़ गए। खुफिया विभाग भी कई दिनों से भक्तों के जुटान को लेकर अफसरों को सही अपडेट नहीं दे सका जिससे ये हादसा हुआ। झंडे और बिखरीं चप्पलें बयां कर रहे थे दर्दनाक दास्तांचंदौली और वाराणसी के बीच गंगा पुल के पास मची भगदड़ के बाद प्रशासनिक तौर पर हुई मौतों के बाद हर तरफ हड़कंप मच गया। मौके के हालात देखकर हादसे की भयावहता की कहानी साफ बयां हो रही थी। चारों ओर हादसे के बाद फैली चप्पलें, कपड़े और जय गुरुदेव के झंडों को देखकर साफ पता लग रहा था कि भगदड़ के दौरान खुद को बचाने के लिए किस तरह लोग इधर उधर भाग रहे थे।
मृतक जिनकी हुई है शिनाख्त 1- नवल किशोर मिश्र, 55 वर्ष, निवासी रायबरेली, परगटपुर 2- सावित्री मिश्रा, 45 वर्ष, पत्नी नवल किशोर निवासी रायबरेली, परगटपुर 3- राम जी 50 वर्ष, निवासी- देहात कोतवाली, हरदोई 4-राजवंती 60 वर्ष- सीतापुर शेष मृतक अज्ञात घायल - वृंदा, 45 वर्ष, पत्नी योगेंद्र, देवरिया, कोलकेशव हाटा बाजार, रेफर ट्रामा सेंटर - मनोहर, 62 साल, पुत्र हरिहारी, कांसा खेडिया, सीतापुर, रेफर ट्रामा सेंटर - रामदेई, 65 वर्ष, पत्नी श्यामबिहारी, घोरावल सोनभद्र, भर्ती लालबहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सालय रामनगर - राजकुमारी, 30 वर्ष, पत्नी दूधनाथ, भदरी सोरांव, इलाहाबाद, भर्ती लालबहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सालय रामनगर - राधिका 50 वर्ष, पत्नी मिश्रीलाल, कांति पुरम कालोनी, रायबरेली, भर्ती लालबहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सालय रामनगर।