-पिछले तीन सालों के दौरान राजभवन पहुंची हैं शिकायतें

-सूचना के अधिकार में राजभवन लोक सूचना अधिकारी से मिली जानकारी

-पद का दुरुपयोग, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न जैसे आरोप

DEHRADUN: तमाम विभागों से सूचना मांगने पर फैसला सुनाने वाले राज्य के सूचना आयुक्त अब खुद जांच के दायरे में आ गए हैं। तीन सालों के भीतर राज्य के सूचना आयुक्तों के खिलाफ राजभवन में दो दर्जन शिकायतें प्राप्त हुई हैं। फिलवक्त, राजभवन कार्यालय ने इन शिकायतों के एवज में नोडल विभाग सामान्य प्रशासन व मुख्य सचिव को जांच के लिए भेज दिया गया है।

शासन को भेजा जांच को

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट नदीमउद्दीन ने राजभवन से सूचना मांगी कि सूचना आयुक्तों के खिलाफ राजभवन में कितनी शिकायतें लंबित हैं। जिसके एवज में राजभवनलोक सूचना अधिकारी/अनु सचिव एन के पोखरियाल कार्यालय से एडवोकेट नदीमउद्दीन को सूचना उपलब्ध कराई गई। जिसमें चौंकाने वाले तथ्य प्रकाश में आए। बाकायदा राजभवन लोक सूचना अधिकारी कार्यालय से सूचना आयुक्तों की शिकायत संबंधी पत्रों की फोटो प्रतियां भी उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा वे फोटो प्रतियों में सूचना अधिकार कार्यकर्ता को उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें सूचना आयुक्तों से संबंधित शिकायतों की कार्यवाही संबंधी फाइल नोटिस भी उत्तराखंड शासन को भेजी गई हैं।

सूचना आयुक्तों पर चौंकाने वाले आरोप

सूचना अधिकार कार्यकर्ता को उपलब्ध कराई गई सूचनाओं में स्पष्ट है कि सूचना आयुक्तों के विरुद्ध गंभीर आरोप लगे हैं। जिसमें खासकर रिश्वतखोरी, पद का दुरुपयोग, माफिया गैंगस्टर व राष्ट्र विरोधी तत्वों से संबंध रखने, सूचना अधिकार कार्यकर्ता का उत्पीड़न, नियम कानूनों के विरुद्ध फैसले, कंप्लेंस को बिना सुने आदेश करने, अपीलों पर समुचित ढंग से गहनता से सुनवाई न करना, अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग की उपेक्षा, बंद कमरे में सुनवाई जैसे आरोप शामिल हैं। इसके अलावा रिश्वत लेकर भ्रष्टाचारी को सूचना अधिकार से बचाने तथा गलत फैसला देना भी शामिल है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने इन शिकायतों की सत्यतता पाए जाने पर हायर लेवल जांच की मांग की है। लेकिन यह भी कहा है कि झूठी शिकायतों पर शिकायतकर्ता के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए। सूचना अधिकार कार्यकर्ता को प्राप्त शिकायत पत्रों की प्रतियों में मुख्य सूचना आयुक्तों को छोड़कर 18 शिकायतों में सूचना आयुक्तों के नामों का उल्लेख है। जबकि बाकी शिकायतों में किसी भी सूचना आयुक्त का नाम नहीं है।

::आयुक्तों की शिकायत करने वाले:::

- दून निवासी राजेंद्र प्रसाद, सुधीर गोयल, कमांडर पदम सिंह खाती, रवि कुमार, भूपेंद्र कुमार, सुरेंद्र दत्त जोशी, सुरेंद्र अग्रवाल, कृष्ण कुमारी।

-हरिद्वार के जगदीश गुप्ता, राजकुमार उर्फ टीटू, सुरेंद्र दत्त जोशी।

-रुड़की के डा। सम्राट शर्मा।

-जोशीमठ(चमोली)के श्रीकांत भट्ट।

-सल्ट(अल्मोड़ा)के नारायण सिंह रावत।

-नैनीताल के पुनीत टंडन।

-हल्द्वानी के जर्नादन डुंगराकोटी।

-रुद्रपुर के डा। सतीश चंद्र वर्मा।

-चंडीगढ़ के राजेंद्र सिंह सजवान।

-मेरठ के राजकुमार गुप्ता।

-एक शिकायतकर्ता ने वीकेएस लिखा है।

Posted By: Inextlive