पेद्दाकुंता के तेलंगाना में बनी नेशनल हाईवे-44 आज वहां पर महिलाओं को विधवा बनाने के लिए जानी जाती है। हर कोई यह बात सुनकर कुछ देर के लिए शॉक्‍ड हो जाता है लेकिन यह पूरी तरह से सच है। इस सड़क की वहज से यहां पर पूरा एक गांव विधवाओं का बस गया है। वर्तमान में इस पूरे गांव में बस एक ही पुरुष रहता है।


हाईवे पार करके ही जाना
जानाकारी के मुताबिक पेद्दाकुंता के तेलंगाना में आज एक पूरा गांव विधवाओं का है। यहां पर वर्तमान में लगभग 35 परिवारों में बस एक पुरुष ही रह रहा है। विधवा महिलाएं अपने बच्चों संग मुश्किकल भरा जीवन यापन कर रही है। वह किसी तरह से अपने बच्चों का भरण पोषण कर रही है। इस पूरे गांव की महिलाओं को विधवा बनाने वाला कोई और नहीं बल्कि यहां पर बनी  नेशनल हाईवे-44 सड़क है। पेद्दाकुंता के तेलंगाना में आज लोग इसे खूनी सड़क के नाम से भी बुलाते हैं। यहां पर सड़क पार करते समय कब किसकी जान चली जाएग कुछ नहीं कहा जा सकता है। 2006 में बनी एक बाईपास सड़क पेद्दाकुंता गांव के बीच से गुजरती है। यह नेशनल हाईवे नंबर 44 से निकलती है। जिससे गांववालों के घर एक तरफ और प्रशासनिक हेडक्वार्टर दूसरी तरफ बने हैं। जिससे जब भी कोई काम होता है तो ग्रामीणों को हाईवे पार करके ही जाना होता है। 25 पुरुषों की मौत हो चुकी


वहीं ग्रामीणों का कहना है कि अब तक यहां पर 25 पुरुषों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा इस गांव की रहने वाली 23 वर्षीय कुर्रा अस्ली का कहना है कि उनके पति की मौत भी इसी सड़क हादसे में हुई। यहां पर जैसे सड़क हादसों की लाइन लग चुकी है। यहां के प्रशासन से भी कई मांग यहां पर भूमिगत लेन बनाने की मांग हुई लेकिन कोई कुछ नहीं सुनता है। अपने पति की फोटो दिखाते हुई कहती हैं कि हमारे अपने परिवार में अब कोई भी आदमी नहीं बचा है। हमारा जीवन काफी मुश्किल में हैं। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य की रिपोर्ट के मुताबिक देश में साल करीब 2,30,000 लोगों की मौत होती है। जिसमें खराब सड़कें, अप्रशिक्षित ड्राइवर व अंधाधुंध गाड़ी चलाना मुख्य कारण है।

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Posted By: Shweta Mishra