16 मार्च से शुरू होगा सूबे में यूपी बोर्ड परीक्षा की कापियों का मूल्यांकन

25 मार्च तक मूल्यांकन प्रक्रिया को करना है पूरा

10 दिन में पूरा करना है साढ़े तीन करोड़ कॉपियों का टारगेट

50 कॉपियां हाईस्कूल व 45 कापियां इंटर में एक दिन में एक परीक्षक को टारगेट

279 सेंटर्स पर कुल पूरे सूबे में किया जाएगा मूल्यांकन

231 सेंटर्स पर लास्ट ईयर मूल्यांकन की हुई थी व्यवस्था

01 लाख 74 हजार परीक्षकों पर रहेगा मूल्यांकन की जिम्मेदारी

10 दिनों में मूल्यांकन कार्य पूरा करने का रहेगा टारगेट

90 प्रतिशत से अधिक अंक मिलने पर देनी होगी आख्या

यह भी खास बात

-सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में पूरा किया जाना है मूल्यांकन कार्य

-गलत आंसर पर अवश्य रूप से देना होगा शून्य अंक

-जांची गई कापियों का रैंडमली चेकिंग करना होगा अनिवार्य

मूल्यांकन पर कैटेगरीवाइज खर्च

हाईस्कूल: 11 रुपए प्रति कापी

इंटरमीडिएट: 13 रुपए प्रति कापी

उप प्रधान परीक्षक: 400 प्रति दिन

मुख्य नियंत्रक: 06 रुपए प्रति परीक्षक या अधिकतम 2394

उपनियंत्रक: 06 रुपए प्रति परीक्षक या 1995 अधिकतम

सह उपनियंत्रक: 05 रुपए प्रतिदिन या 1596 रुपए अधिकतम

कक्ष नियंत्रक: 60 रुपए प्रतिदिन या अधिकतम 1330 रुपए

कोठारी: 44 रुपए प्रतिदिन या अधिकतम 1200 रुपए

तृतीय श्रेणी कर्मचारी: 30 रुपए प्रतिदिन या 800 रुपए

चतुर्थ श्रेणी: 14 रुपए प्रतिदिन या 466 रुपए अधिकतम

मूल्यांकन केन्द्र पर आकस्मिक व्यय: 48 रुपए प्रति परीक्षक

- लोकल परीक्षकों को वाहन व्यय 27 रुपए प्रतिदिन

सिटी के हिसाब से

ए कैटेगरी सिटीज: 20 रुपए प्रतिदिन या 300 रुपए अधिकतम

बी या सी कैटेगरी सिटीज: 16 रुपए प्रतिदिन या 240 रुपए अधिकतम

पारिश्रमिक कटौती का सिस्टम

0.5 प्रतिशत की त्रुटि मिलने पर 25 प्रतिशत की कटौती

01 प्रतिशत तक त्रुटि मिलने पर 50 प्रतिशत की पारिश्रमिक में कटौती

02 प्रतिशत तक त्रुटि मिलने पर 85 प्रतिशत तक की होगी कटौती

-यूपी बोर्ड मूल्यांकन में गड़बड़ी परीक्षकों को पड़ेगी भारी

-स्टूडेंट्स की कॉपियों में मिले नंबर गलत जोड़ने पर लगेगा जुर्माना

prakashmani.tripathi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: यूपी बोर्ड परीक्षा के कॉपियों के मूल्यांकन में इस बार परीक्षकों को अधिक सावधानी बरतनी होगी। अगर कॉपियों के मूल्यांकन के बाद जोड़ में गड़बड़ी हुई तो परीक्षकों को घाटा उठाना पड़ेगा। बोर्ड ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। इस बार इसी व्यवस्था के तहत मूल्यांकन पूरा होगा। गड़बड़ी पर होने वाली कटौती के लिए बोर्ड की तरफ से अलग-अलग मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके मुताबिक मूल्यांकन में 0.5 फीसदी से लेकर दो फीसदी तक होने वाली त्रुटियों पर पारिश्रमिक से 85 फीसदी तक कटौती की व्यवस्था की गई है।

कुछ भी वायरल हुआ तो कार्रवाई

-सूबे में मूल्यांकन केन्द्रों पर भी इस बार गोपनीयता का विशेष व्यवस्था की गई है। जिससे कोई भी गोपनीय जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल ना हो सके।

-बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि एरर फ्री वैल्यूएशन कराना बोर्ड की जिम्मेदारी है। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

-मूल्यांकन केन्द्रों पर स्मार्ट फोन ले जाना प्रतिबंधित किया गया है।

-मूल्यांकन केन्द्रों के अंदर की किसी भी प्रकार की जानकारी किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल होने पर संबंधित परीक्षक या कर्मचारियों को डिबार किए जाने की कार्रवाई की जाएगी।

-अगर कोई भी परीक्षक अपना नियुक्ति पत्र भी वॉट्सअप पर वायरल करता है तो उसके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई होगी।

एरर फ्री वैल्युएशन कराने के लिए बोर्ड की तरफ से सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। जिससे मूल्यांकन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी ना हो सके।

-नीना श्रीवास्तव

सचिव, यूपी बोर्ड

Posted By: Inextlive