26/11 Mumbai Terror Attacks मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले की आज बरसी है। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। बता दें 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में 20 सुरक्षा बल कर्मियों और 26 विदेशी नागरिकों सहित कम से कम 174 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए।

नई दिल्ली (एएनआई)। 26/11 Mumbai Terror Attacks राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों में जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी। 26/11 के मुंबई हमलों की 14वीं बरसी पर राष्ट्रपति ने कहा कि देश उनके प्रियजनों और परिवारों के दर्द को साझा करता है। राष्ट्रपति ने कहा, "26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों की बरसी पर, राष्ट्र कृतज्ञता के साथ उन सभी को याद करता है जिन्हें हमने खो दिया। हम उनके प्रियजनों और परिवारों के दर्द को साझा करते हैं। राष्ट्र उन सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और सर्वोच्च बलिदान दिया।"

On the anniversary of 26/11 Mumbai terror attacks, the nation remembers with gratitude all those we lost. We share the enduring pain of their loved ones and families. Nation pays homage to the security personnel who fought valiantly and made supreme sacrifice in the line of duty.

— President of India (@rashtrapatibhvn) November 26, 2022

174 लोगों की गई थी जान
26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में 20 सुरक्षा बल कर्मियों और 26 विदेशी नागरिकों सहित कम से कम 174 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए। लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से मुंबई आए और 26 नवंबर, 2011 को उन्‍होंने मुंबई पर हमला कर दिया। अंधेरे की आड़ में शहर की ओर जाने के बाद, आतंकवादियों ने भीड़भाड़ वाले छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) रेलवे स्टेशन पर पहला हमला करने के साथ मुंबई के प्रमुख स्थलों को निशाना बनाया। अजमल आमिर कसाब और इस्माइल खान ने इस स्टेशन पर हमले को अंजाम दिया, जिसमें 58 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए।

अस्‍पताल पर किया था हमला
कसाब और खान बाद में कामा अस्पताल पर हमला करने के लिए घुसे, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों की सतर्कता से उन्हें विफल कर दिया गया। हालांकि, उन्होंने अस्पताल छोड़ने के बाद घात लगाकर शहर के आतंकवाद विरोधी दस्ते हेमंत करकरे सहित 6 पुलिस अधिकारियों को मार डाला। हमले का दूसरा स्थान नरीमन हाउस और आवासीय परिसर था जहां एक रब्बी, उनकी पत्नी और पांच इजरायली नागरिकों सहित छह अन्य लोगों को आतंकवादियों ने मार डाला था जिन्होंने पहले उन्हें बंधक बना लिया था।

कसाब को पकड़ा जिंदा, फिर फांसी की दी सजा
26/11 को हमले की चपेट में आने वाली तीसरी साइट लियोपोल्ड कैफे थी जिसके बाद ताज महल होटल और टॉवर था। प्रतिष्ठित ताज होटल में प्रवेश करने से पहले चार आतंकवादियों ने प्रसिद्ध कैफे पर हमला किया, जहां उन्होंने होटल में तीन दिन की घेराबंदी के बाद 31 लोगों की हत्या कर दी। 26/11 के दौरान हमले की चपेट में आने वाली दूसरी साइट ओबेरॉय-ट्राइडेंट होटल थी जहां दो आतंकवादियों का एक और समूह लगभग उसी समय प्रवेश कर गया था, जब अन्य चार ताज में प्रवेश कर चुके थे। ओबेरॉय-ट्राइडेंट होटल में, घेराबंदी आधिकारिक तौर पर 28 नवंबर की शाम को समाप्त हो गई, जिसमें 30 लोग हमले में मारे गए थे। बाद में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) ने सभी आतंकियों का खात्‍मा किया इन भीषण हमलों में, 9 आतंकवादी मारे गए और अकेले जीवित बचे अजमल आमिर कसाब को पकड़ा गया और 2012 में पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में मौत की सजा सुनाई गई।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari