मेट्रो रेल परियोजना के लिए चिह्नित किए गए हैं 2729 पेड़

पौधरोपण कर लगाए गए पौधे भी नहीं पनप पाए

आगरा। पर्यावरण को बचाने के लिए प्रदेश में पिछले वर्ष 22 करोड़ पौधे लगाए जाने का अभियान चलाया गया। ताजनगरी में भी लाखों की संख्या में पौधे रोपे गए। अभी वो पौधे पनप भी नहीं पाए हैं लेकिन 2729 पेड़ों को काटने की जरूरत आन पड़ी है। आगरा के विकास के लिए मेट्रो चलाने की तैयारी हो रही है लेकिन इस परियोजना के लिए 2729 पेड़ों को काटा जाएगा। बड़ा सवाल ये है कि टीटीजेड में हर वर्ष पौधरोपण किया जाता है, लेकिन रखरखाव के अभाव में वे परवान चढ़ने से पहले ही दम तोड़ जाते हैं। ऐसे में टीटीजेड में हरियाली का ग्राफ कैसे बढ़ेगा? दरख्तों के साए से गुजरती विकास की राह और हरियाली के ग्राफ के न बढ़ने के कारणों को टटोलती ये रिपोर्ट

ताजनगरी में रोपे गए थे 28 लाख पौधे

ताजनगरी में इस बार 28 लाख पौधे रोपे जाने का दावा सरकारी जिम्मेदारों ने किया था। इसमें पौधरोपण के लिए ठेकेदारों को टेंडर उठाए गए। तीन वर्ष के करार के साथ अनुबंध भी किया गया था, लेकिन पिछले वर्ष 38 हजार पौधे तो यमुना के बहाव की भेंट चढ़ गए, जबकि कुछ पौधे देखभाल न होने के कारण दम तोड़ गए।

तो ऐसे कैसे बढ़ेगी हरियाली

वर्ष 2019 में प्रदेश के 22 करोड़ के सापेक्ष जिले में 20 लाख पौधे रोपे गए थे, लेकिन फिर भी हरियाली का ग्राफ नहीं बढ़ सका। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एक दशक में हरियाली 6.84 फीसदी से घटकर 6.73 फीसदी रह गई है। बता दें कि 4041 वर्ग क्षेत्रफल में फैले आगरा में 6.73 वर्ग किमी। में वन है। 272 वर्ग किमी। में हरियाली है।

मेट्रो के लिए काटे जाएंगे पेड़

शहर में मेट्रो रेल परियोजना के लिए 2729 पेड़ चिह्नित किए गए हैं। इसमें सेंट्रल इम्पॉवर्ड कमेटी (सीईसी) शहर में मेट्रो रेल के रूटों का निरीक्षण कर चुकी है। कमेटी ने इन पेड़ों को चिह्नित किया है। इस दौरान कमेटी ने निरीक्षण करने के साथ पेड़ों की गिनती भी की। इसमें यार्ड के लिए कालिन्दी विहार और पीएसी का मैदान और मेट्रो रूट के लिए सिकंदरा से ताज का पूर्वी गेट और आगरा कैंट से कालिन्दी विहार तक कमेटी ने निरीक्षण कर पेड़ों की गिनती की।

अब तक ताजनगरी में इतने दरख्त विकास की भेंट चढ़ गए

यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण के समय 23 हजार पेड़ काटे गए।

हाईवे के चौड़ीकरण के दौरान 15 हजार पेड़ काटे गए।

चौथी रेल लाइन डालने के समय 457 पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई गई।

माल रोड के चौड़ीकरण के समय 900 से ज्यादा पेड़ों को जमींदोज कर दिया गया।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान 67 हजार पेड़ों को काटा गया।

तकरीबन 35 हजार पेड़ बिजली की हाईटेंशन लाइनों समेत अन्य परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए काटे गए।

गंगाजल की पाइपलाइन बिछाने के लिए 111 पेड़ काटे गए।

यहां किए गए पेड़ चिह्नित

784 पेड़ सिकंदरा से ताज के पूर्वी गेट तक मेट्रो रेल परियोजना के लिए चिह्नित

1226 पेड़ मेट्रो रेल परियोजना के लिए पीएसी ग्राउंड में यार्ड बनाने के लिए

565 पेड़ आगरा कैंट से कालिन्दी विहार तक मेट्रो के रूट पर

154 पेड़ कालिन्दी विहार में यार्ड के लिए किए गए चिह्नित

यहां भी काटे जाएंगे पेड़

ताज के पूर्वी और पश्चिमी गेट पर भी कुछ पेड़ काटे जाएंगे। इंडस्ट्रियल एरिया में आरओबी के निर्माण में बाधा बन रहे पेड़ों को काटे जाने के लिए उप्र सेतु निर्माण विभाग के अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा रखी है, इनको भी काटा जाएगा।

2024 तक पूरी करनी है मेट्रो रेल परियोजना

ताज नगरी में मेट्रो रेल परियोजना को 2024 तक पूरा किया जाना है। 8379 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली मेट्रो रेल परियोजना का एक कॉरीडोर 2021 तक पूरा किया जाना है। अभी हाल ही में यूपी सरकार द्वारा आगरा में मेट्रो परियोजना के लिए 175 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे।

जो भी पौधरोपण हुआ है, उसकी जियो टैगिंग कर रिपोर्ट भेजी जाती है। इसकी लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। जहां भी गड़बड़ी मिलेगी उसके लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाती है।

मनीष मित्तल डीएफओ आगरा

Posted By: Inextlive