रांची : चिकित्सकों की कमी की समस्या से जूझ रहे झारखंड के लिए बड़ी राहत की खबर है। राज्य में स्थापित किए गए तीन नए मेडिकल कॉलेजों (हजारीबाग, पलामू तथा दुमका) में इसी साल से पढ़ाई शुरू होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए इसी साल से नामांकन लेने की अनुमति दे दी। स्वास्थ्य सचिव डॉ। नितिन मदन कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि की है।

मान्यता से किया था इन्कार

इससे पहले, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने तीनों मेडिकल कॉलेजों में विभिन्न कमियां गिनाते हुए मान्यता देने से इन्कार कर दिया था। इससे, इस साल तीनों मेडिकल कॉलेजों में नामांकन नहीं हो सका था। सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति मिलने के बाद तीनों मेडिकल कॉलेजों में सौ-सौ सीटों पर दाखिला हो सकेगा। राज्य में पूर्व से संचालित मेडिकल कॉलेजों में काउंसिलिंग के बाद छात्रों के नामांकन हो चुके हैं, इसलिए इन तीनों नए मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए अलग से काउंसिलिंग की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद को पत्र भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही, स्वास्थ्य सचिव डॉ। नितिन मदन कुलकर्णी ने तीनों मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यो को इसकी जानकारी देते हुए नामांकन की तैयारी करने का निर्देश दिया है।

तीन माह की मोहलत

सर्वोच्च न्यायालय ने तीनों मेडिकल कॉलेजों में एमसीआइ द्वारा गिनाई गई कमियों को दूर करने के लिए तीन माह का समय दिया है। साथ ही, इसे लेकर राज्य सरकार को शपथपत्र देने को कहा है। वर्तमान में इन मेडिकल कॉलेजों में सबसे बड़ी कमी नर्सो की बहाली नहीं हो पाना है। मेडिकल कॉलेजों को शीघ्र नर्सो की बहाली करनी होगी। राज्य सरकार ने अपनी याचिका में राज्य में चिकित्सकों की भारी कमी का हवाला दिया था।

राज्य में बढ़ गई तीन सौ सीटें

तीनों नए मेडिकल कॉलेजों में इसी साल से नामांकन की अनुमति मिलने से राज्य में एमबीबीएस की सीटें एक साथ तीन सौ बढ़ गई। बता दें कि इस साल रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) को कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित सीटों के साथ कुल 190 तथा धनबाद स्थित पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) व जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एमजीएम) को 50-50 सीटों के विरुद्ध दाखिले की अनुमति मिली थी। बता दें कि राज्य में पहली बार एक साथ तीन नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हुई है।

15 दिनों में दूर की सभी कमियां

स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने 15 दिनों के भीतर तीनों मेडिकल कॉलेजों की अधिसंख्य कमियां दूर कीं। सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद तीनों मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्य, अधीक्षक तथा प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर का पदस्थापन हुआ। जेपीएससी से परिणाम जारी होने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसरों का भी पदस्थापन किया गया। जेपीएससी ने भी स्वास्थ्य विभाग के अनुरोध पर शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की।

Posted By: Inextlive