-चिडि़याघर की झील में गन्दे नाले का पानी रोकने के लिए केडीए बना रहा है नाला

- झील में गन्दे नाले का पानी मिलने से जू के शेर, शेरनी सहित कई बेजुबान गवां चुके हैं जान

-चीफ मिनिस्टर की प्राथमिकता वाले विकास कार्यो में शामिल है चिडि़याघर-गुरुदेव पैलेस नाला

KANPUR: केडीए के ज्यादातर डेवपलमेंट वर्क बेहद धीमी रफ्तार के कारण लटके पड़े हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल विकास कार्यो में भी केडीए लापरवाही बरत रहा है। इसी का नतीजा है कि 16 महीने में भी केडीए चिडि़याघर से गुरुदेव पैलेस तक 3 किलोमीटर लंबा नाला नहीं बना सका है। नाला न बनने से चिडि़याघर के जानवरों पर जानलेवा बीमारियों का संकट मंडरा रहा है। कई तो जहरीले पानी के चलते जान गवां भी चुके हैं।

45 इम्पलाई भी आए थे चपेट में

शारदा नगर, गुरुदेव पैलेस के आसपास, इनकम टैक्स सोसाइटी का गन्दा पानी पुराने नाले के जरिए चिडि़याघर की झील में जाता था। जिसकी वजह से चिडि़याघर के बेजुबान जानवर ही नहीं इम्प्लाई भी जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं। जू इम्प्लाइज के मुताबिक लॉयन विष्णु, लक्ष्मी के बीमार होने पर झील के पानी की जांच कराई गई तो लैप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया पाए गए थे। इसी बैक्टीरिया की वजह से बाद में विष्णु, लक्ष्मी की मौत भी हो गई थी। इससे पहले भी कई बेजुबान इसी बैक्टीरिया के शिकार होकर दम तोड़ चुके हैं। जू के 45 इम्प्लाई भी इस बैक्टीरिया की चपेट में आकर बीमार हो चुके हैं।

एक ब्लैकलिस्टेड, दूसरे को सौंपा काम

लॉयन विष्णु, लक्ष्मी की मौत और जू के 45 इम्प्लाइज के भी लैप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के शिकार होने पर खूब हंगामा हुआ। तब कहीं जाकर जीटी रोड गुरुदेव पैलेस से चिडि़याघर तक नाला बनना शुरू हुआ। निर्माण कार्य 8 सितंबर,2014 को शुरू हुआ था। 3 महीने में यानि 7 दिसंबर 2014 को काम पूरा हो जाना चाहिए था। कांट्रैक्टर के नाला बनाने में लेटलतीफी की वजह से उसे केडीए ने ब्लैक लिस्ट कर दिया था। बाद में काम दूसरे कांट्रैक्टर के जरिए कराया जा रहा है। बावजूद इसके अभी तक नाला कम्प्लीट नहीं हो रहा है। न तो चिडि़याघर साइड ही नाला पूरा बन सका और न ही गुरुदेव पैलेस चौराहा की तरफ। कुल मिलाकर 16 महीने में केडीए अभी तक 2.1 किलोमीटर के करीब ही नाला बन सका है। 900 मीटर नाला अभी भी बनना बाकी है।

जू डायरेक्ट भेज हुए कइर् रिमाइंडर

नाला बनाने में अब तक करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं। पर समस्या जस की तस बनी हुई है। मानसून रेनफॉल में नाले के जरिए झील में गन्दा पानी जाने से रोकना मुश्किल हो जाएगा। जिससे चिडि़याघर के बेजुबान फिर से बीमारियों के शिकार हो सकते है। इसको लेकर कानपुर जू के डायरेक्टर दीपक कुमार केडीए को लेटर भी भेज चुके हैं।

-वाटर लाइन लीकेज, सुलभ शौचालय, केस्को की अंडरग्राउंड केबल की वजह से नाला बनाने का काम प्रभावित है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए जलकल, नेडा, केस्को को लेटर भेजा गया है। - मनोज मिश्रा, एक्सईएन केडीए

प्रोजेक्ट- गुरुदेव पैलेस से चिडि़याघर तक आरसीसी नाला

लंबाई- 3 किलोमीटर

चौड़ाई- 1.5 मीटर

प्रोजेक्ट कास्ट (पहले)- 263.56 लाख

काम शुरू होने की डेट- 8 सितंबर 2014

कम्प्लीशन टारगेट- 7 दिसंबर,2014

नाले की चेज हुई ड्राइंग

गहराई (अब)- 1800 मीटर तक 2 मीटर

गहराई (अब)- 1200 मीटर तक 2.7 मीटर

टोटल प्रोजेक्ट कास्ट (अब)- 576.48 लाख

कांट्रैक्टर- मे। अभिषेक इंटरप्राइजेज

टोटल प्रोग्रेस रिपोर्ट- 65 परसेंट

Posted By: Inextlive