अब अगर किसी जेल में बंद बंदी ने सेलफोन रखा तो उसे तीन साल की जेल होगी। इतना ही नहीं सजा के अलावा उसे 25 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना होगा।


लखनऊ (ब्यूरो)। जेल में किसी वारदात में जेल से सेलफोन का प्रयोग होने पर भी तीन साल की अतिरिक्त सजा के साथ 50 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। किसी जेलकर्मी की संलिप्तता सामने आने पर उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर इसी कानून के तहत कार्रवाई होगी।फिलहाल छह माह की सजा का प्रावधानजेलों में अब तक सेलफोन अथवा अन्य कोई प्रतिबंधित वस्तु पकड़े जाने पर छह माह की सजा व दो सौ रुपये जुर्माना का प्रवधान है। डीजी जेल आनन्द कुमार ने बीते दिनों इस कानून को और सख्त बनाये जाने की पैरवी शुरू की थी। जेल मुख्यालय के इस प्रस्ताव पर न्याय विभाग की सहमति मिलने के बाद जल्द कैबिनेट में चर्चा कर नये कानून को लागू करने की प्रकिया पूरी करने की तैयारी है।जुर्माना भी बढ़ाने का प्रस्ताव
प्रिजन एक्ट 1894 की धारा 42 व 43 में महत्वपूर्ण बदलाव कर सजा की अवधि व जुर्माना राशि को बढ़ाया जाएगा। इन धाराओं के तहत दी जाने वाली सजा आरोपित के मूल अपराध की सजा से अतिरिक्त होगी। खास बात यह भी है कि जेल में बंद किसी अपराधी अथवा माफिया से फर्जी आईडी के जरिये मिलने वाले शख्स को भी तीन साल की सजा भुगतनी होगी। दरअसल, अब तक फर्जी आईडी के जरिये जेल में मुलाकात करने वालों के खिलाफ प्रिजन एक्ट में सजा का प्रावधान नहीं था।खनन घोटाला : कांग्रेस नेता के समधी को गायत्री ने दिए 4 करोड़ रुपयेफैक्ट फाइल-जेल मुख्यालय के प्रस्ताव पर कैबिनेट जल्द लेगी फैसला-दो सौ रुपये के बजाय भरना होगा 25 हजार जुर्माना भीlucknow@inext.co.in

Posted By: Shweta Mishra