-राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कुल 7,240 वादों का निस्तारण करते हुए 10.60 करोड़ की वसूली की गयी।

-जनपद न्यायाधीश ने पारिवारिक विवादों के निस्तारण में 30 दम्पत्तियों का पुर्नमिलन कराकर दी विदाई

बरेली:

शहर के न्यायालय परिसर में सैटरडे को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जनपद न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्र एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव की देखरेख में किया गया। इस अवसर पर जनपद न्यायधीश ने 46 वादों का निस्तारण खुद किया। लोक अदालत में 7240 मामले सुलह समझौते के आधार पर निपटाए गए।

पारिवारिक विवाद के 106 मामले

राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों, विभिन्न बैंकों व बीमा कम्पनियों के अधिकारियों, अधिवक्ताओं एवं वादकारियों नें प्रतिभाग कर प्रिलिटिगेशन स्तर पर सम्बन्धित वादों का निस्तारण कराया। राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों के 7240 वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें सिविल प्रकृति के 99 वाद, पारिवारिक मामलों के 106, फौजदारी के 3201 तथा राजस्व के 2579 वादों का निस्तारण अपसी सुलह समझौते के आधार पर किया गया। मोटर दुर्घटना प्रतिकर की धनराशि 2,01,54,000 तथा फौजदारी वादों में अर्थदंड के रूप में 212015 वसूल की गई और दूरसंचार विभाग के 01 वादों का निस्तारण कर 4,77,43,000 रुपए वसूली की गयी। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरीश चन्द्र ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिये समस्त न्यायिक अधिकारियों, बैंक व बीमा कम्पनी के अधिकरी एवं कर्मचारी भी मौजूद रहे। पारिवारिक न्यायालय के बृजेश वर्मा का दम्पत्तियों के पुर्नमिलन में अहम योगदान रहा। इस मौके पर पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश रचना अरोरा, शैलोज चन्द्र, रेशमा चौधरी, सपना शुक्ला, अपर जिला जज प्रमोद गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive