Lockdown 2: कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए यूपी सरकार ने भेजी बस, मायावती व राजस्थान के सीएम ने की तारीफ
कोटा (पीटीआई)। लॉकडाउन के चलते कोटा में फंसे लगभग 3,000 छात्र यूपी सरकार द्वारा भेजे गए 100 बसों में सवार होकर अपने घर के लिए रवाना हो गए हैं लेकिन अन्य 7,000 छात्र शनिवार को राजस्थान शहर में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि यूपी सरकार ने लगभग 7500 छात्रों को लाने के लिए शुक्रवार को कोटा में 250 बसें भेजीं लेकिन यात्रा की व्यवस्था के बारे में जानने के बाद शहर में तीन बोर्डिंग पॉइंट्स पर और अधिक छात्र वापस जाने के लिए एकत्र हो गए। कुछ छात्रों के साथ उनके माता-पिता भी हैं। अधिकारियों को अब डर है कि उपलब्ध बसें सभी छात्रों को वापस उनके घर ले जाने के लिए अपर्याप्त हो सकती हैं। लेकिन कोटा के जनसंपर्क उपनिदेशक हरिओम गुर्जर ने पीटीआई को बताया कि यूपी सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि कमी होने पर और बसों की व्यवस्था की जाएगी।
100 बसें हुईं कोटा से रवाना
अधिकारियों ने बताया कि कोटा प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों से प्राप्त जानकारी के आधार पर छात्रों की सूची तैयार की थी लेकिन उन्होंने इसमें उन छात्रों का हिसाब नहीं रखा, जिनका शहर में किसी संसथान में एडमिशन नहीं है। शनिवार सुबह करीब 3,000 छात्रों के साथ 100 बसें यूपी के लिए रवाना हुईं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मिल ने कहा, 'जिन छात्रों का नाम सूचि में है, उन्हें भेजने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद जिन छात्रों का नाम सूची में नहीं है, उन्हें भेजने को लेकर किए गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कोटा प्रशासन उनके लिए बस मुहैया कराने में असमर्थ है। उन्होंने कहा, 'यह हमारे स्तर पर संभव नहीं होगा। संसाधनों को वहां (यूपी) से आना होगा और हम केवल सहयोग कर सकते हैं। छात्रों को घर वापस भेजते समय सोशल डिस्टैन्सिंग बनाए रखें।' उन्होंने कहा कि अतिरिक्त संसाधनों की क्या जरूरत होगी और उनकी व्यवस्था कौन करेगा, इस पर वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मायावती ने की तारीफराजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूपी के इस कदम की सराहना की है। उन्होंने कहा कि बाकी राज्यों को उत्तर प्रदेश का अनुसरण करना चाहिए। वहीं, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने शनिवार को कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ उन्होंने मांग की कि राज्य से प्रवासी श्रमिक परिवारों की वापसी की सुविधा के लिए इसी तरह के कदम उठाए जाने चाहिए जो अपने घरों से दूर हैं।