- नैक मूल्यांकन को लेकर सीरियस नहीं डीडीयूजीयू से एफिलिएटेड कॉलेज

- सिर्फ 17 एडेड व 8 राजकीय कॉलेजेज ने पूरी की प्रोसस, 308 कॉलेज नहीं ले रहे इंट्रेस्ट

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी भले नैक मूल्यांकन की कवायद में जोरशोर से जुटी हो, लेकिन उससे एफिलिएटेड तमाम कॉलेजों को यूजीसी के निर्देशों की कोई परवाह ही नहीं है। यहां अभी तक 17 एडेड व 8 राजकीय कॉलेज ही नैक मूल्यांकन करा सके हैं, जबकि 308 स्ववित्तपोषित कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने बार-बार निर्देश मिलने के बाद भी इसमें कोई इंट्रेस्ट नहीं दिखाया। लापरवाही का ये आंकड़ा सामने आया जब डीडीयूजीयू द्वारा सेल्फ स्टडी रिपोर्ट भेजे जाने के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कॉलेजेज में इसकी स्थिति की पड़ताल की। कहीं नैक को लेकर सजगता दिखी तो कहीं जिम्मेदारों को इसके बारे में कुछ पता ही नहीं था।

कॉलेज - डीवीएन पीजी कॉलेज

टाइम - दोपहर 12.45 बजे

टीम यहां पहुंची तो सर्टिफिकेट डिस्ट्रिब्यूशन प्रोग्राम चल रहा था। जब प्रिंसिपल शैलेंद्र प्रताप सिंह से नैक मूल्यांकन को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके कॉलेज का नैक मूल्यांकन कराया जा चुका है। यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक, सभी मानकों को पूरा किया जाता है। किसी भी कॉलेज में स्टूडेंट्स, टीचर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा लाइब्रेरी की बेहतर सुविधा होनी चाहिए। इसके अलावा जो सुविधाएं होनी चाहिए वे भी हैं।

कॉलेज - सेंट जोसेफ वुमेन कॉलेज

टाइम - दोपहर 1.15 बजे

रिपोर्टर सिविल लाइंस स्थित सेंट जोसेफ वुमेन कॉलेज पहुंचा तो फेयरवेल पार्टी चल रही थी। प्रिंसिपल डॉ। रोजर से जब रिपोर्टर मिला तो उन्होंने बताया कि उनके कॉलेज में 2015 में नैक मूल्यांकन कराया गया था। बी ग्रेड भी हासिल है। फिर से इसे लेकर तैयारी चल रही है। सारे मानक पूरे किए जाते हैं। यह शहर का रिनाउंड कॉलेज है।

कॉलेज - भगवती कन्या महाविद्यालय

टाइम - दोपहर 1.35 बजे

कॉलेज के बाहर एक कर्मचारी मिला जो धूप का आनंद ले रहा था। पूछे जाने पर कि प्रिंसिपल कहां हैं तो उसने बताया कि वह किसी काम से बाहर गईं हैं। वहीं बिल्डिंग की जर्जर हालत देख लग रहा था जैसे कॉलेज नहीं बल्कि भूत बंगला हो। किसी भी स्टाफ ने नैक मूल्यांकन से संबंधित जानकारी देने से मना कर दिया।

कॉलेज - सरस्वती विद्या मंदिर महिला पीजी कॉलेज

टाइम - दोपहर 1.45 बजे

टीम कॉलेज कैंपस में पहुंचा तो लंच टाइम चल रहा था। प्रिंसिपल डॉ। रीना त्रिपाठी के पास पहुंचने पर उन्होंने बताया कि कॉलेज 1999 में स्थापित हुआ था लेकिन नैक मूल्यांकन नहीं हुआ है। इसकी तैयारियां चल रही हैं।

यूनिवर्सिटी ने दी है नोटिस

डीडीयूजीयू के रजिस्ट्रार डॉ। ओमप्रकाश बताते हैं कि नैक मूल्यांकन न कराने वाले कॉलेजेज को डीडीयूजीयू प्रशासन ने नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की है। अगर इन्होंने अब भी नैक मूल्यांकन नहीं कराया तो इन कॉलेजेज को यूजीसी से मिलने वाली तमाम सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा। यहीं नहीं उच्च शिक्षा में शुरू की जाने वाली तमाम नई योजनाओं का फायदा भी इन्हें नहीं मिल सकेगा। जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों से बात की तो चौंकानी वाले मामले सामने आए।

कॉलेज नहीं लेते इंट्रेस्ट

रजिस्ट्रार डॉ। ओमप्रकाश ने नैक मूल्यांकन नहीं करा पाने वाले सभी कॉलेजों से पूछा है कि उन्होंने अभी तक इसके लिए कार्ययोजना तैयार की है या नहीं। इस बारे में पहले ही कॉलेजों को बता दिया गया था कि कार्ययोजना तैयार कराना अनिवार्य है। रजिस्ट्रार ने कॉलेजों को अद्यतन स्थिति से डीडीयूजीयू के नैक समन्वयक प्रो। सुधीर श्रीवास्तव को अवगत कराने को कहा। लेकिन अब तक किसी कॉलेज प्रबंधन की तरफ से संपर्क नहीं किया गया। डीडीयूजीयू से मिली जानकारी के मुताबिक, रजिस्ट्रार ने कॉलेजों को उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण का डाटा एआईएसएचई के पोर्टल पर अपलोड कराने को भी कहा है ताकि पता चल सके कि मामले में कॉलेजों की क्या स्थिति है।

केवल इन कॉलेजों ने कराया नैक मूल्यांकन

- डीवीएन पीजी कॉलेज

- नेशनल पीजी कॉलेज बड़हलगंज

- बापू पीजी कॉलेज पीपीगंज

- एमजी पीजी कॉलेज

- महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज जंगल धूसड़

- सेंट जोसेफ वुमेन कॉलेज

- चंद्रकांति रमावती देवी आर्य महिला कॉलेज

- संत विनोबा पीजी कॉलेज देवरिया

नोट - डीडीयूजीयू में नैक मूल्यांकन की रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। लेकिन 17 एडेड व 8 राजकीय कॉलेजों के अलावा 308 स्ववित्तपोषित कॉलेजों ने अभी तक नैक की तैयारियां शुरू तक नहीं की हैं।

कोट्स

कॉलेज में नैक मूल्यांकन को लेकर प्रबंधन को संजीदा होने की जरूरत है। डीवीएनपीजी कॉलेज में नैक मूल्यांकन हो चुका है लेकिन फिर से जरूरत है। इससे क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन नजर आएगी।

नेहा, स्टूडेंट

यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक अगर नैक मूल्यांकन नहीं है तो सुविधाएं भी नहीं मिलनी चाहिए। हम फीस भरते हैं तो शिक्षा भी अच्छी मिलनी चाहिए।

डिंपल सिंह, स्टूडेंट

डीडीयूजीयू से एफिलिएटेड कई ऐसे कॉलेज हैं जो मानक के विपरीत हैं। यूजीसी की टीम को निश्चित तौर पर इंस्पेक्शन करना चाहिए ताकि कॉलेज की सच्चाई सामने आए।

अनुष्का तिवारी, स्टूडेंट

नैक मूल्यांकन को लेकर कॉलेज प्रबंधन को ध्यान देने की जरूरत है। मूलभूत सुविधा होने से स्टूडेंट्स और कॉलेज प्रबंधन दोनों को ही फायदा होता है।

अजय, स्टूडेंट

वर्जन

डीडीयूजीयू में नैक मूल्यांकन की तैयारी चल रही है। वहीं कॉलेजेज में इसके लिए नैक समन्वयक से कहा गया है कि वे कॉलेज से पूरी डिटेल्स मांगें कि उनके कॉलेज में क्या-क्या सुविधाएं हैं।

डॉ। ओम प्रकाश, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू

Posted By: Inextlive