चक्रवात अम्फान को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल एनडीआरएफ की 32 टीमों को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया है। इसके अलावा 21 टीमों को स्टैंडबाय के रूप में रखा गया है।

नई दिल्ली (एएनआई)। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में मडरा रहे चक्रवात अम्फान से निपटने की तैयारियों किो लेकर भारतीय मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र और एसएन प्रधान महानिदेशक, एनडीआरएफ ने साेमवार को एक ज्वाॅइंट वीडियो प्रेस कांफ्रेंस की। इस दाैरान एसएन प्रधान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 19 एनडीआरएफ टीमों को तैनात किया गया है और चार टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। वहीं ओडिशा में 13 एनडीआरएफ टीमों को तैनात किया गया है और 17 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। एसएन प्रधान ने कहा कि एनडीआरएफ की कुछ टीमों ने पहले ही अपनी पोजीशन संभाल ली है। पहले से ही पहुंची टीमों ने जागरूकता अभियान, संवेदीकरण और निकासी शुरू कर दी है। चक्रवात पथ के अनुसार टीमों को तैनात किया गया है।

अलग-अलग बटालियनों को हॉट स्टैंडबाय पर रखा गया

एनडीआरएफ की छह अलग-अलग बटालियनों को हॉट स्टैंडबाय पर रखा गया है, उन्होंने कहा कि 11 बटालियन बनारस, 9 बटालियन पटना, पहली बटालियन गुवाहाटी, 10 वीं बटालियन विजयवाड़ा, 4 वीं बटालियन चेन्नई और कोनम और 5 वीं बटालियन पुणे में से प्रत्येक में चार टीमों को हॉट स्टैंडबाय पर रखा गया है। उन्होंने कहा हम भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के साथ भी समन्वय कर रहे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर सी 130 विमान को ओडिशा या पश्चिम बंगाल लाया जा सके। एनडीआरएफ डी-जी ने आगे कहा कि वर्तमान में टीमों को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, चूंकि देश वर्तमान में कोरोना वायरस संकट से गुजर रहा है। वहीं इस दाैरान चक्रवात के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना बहुत मुश्किल है।

इस तरह का चक्रवात अक्टूबर 1999 में देखा गया था

सुपर साइक्लोन के बारे में बोलते हुए प्रधान ने कहा चक्रवात अम्फान आज सुपर साइक्लोन में बदल गया है। उन्होंने कहा कि पिछली बार इस तरह का चक्रवात अक्टूबर 1999 में देखा गया था। वहीं यहां तक कि हवा की गति पहले के चक्रवात से मेल खाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, लैंडफॉल 20 मई दोपहर तक होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि लैंडफॉल पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हथिया द्वीप के बीच होगा मूल्यांकन के अनुसार, ऐसा लगता है कि लैंडफॉल सागर द्वीप या काक द्वीप में होगा। वहीं दोनों आवासीय क्षेत्र हैं, इसलिए बड़ी क्षति होगी। ओडिशा में, चक्रवात पूर्वोत्तर तटीय जिलों भद्रक, बालासोर, जाजपुर, और मयूरभंज से टकराएगा। उनमें से भद्रक और बालासोर सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।

Posted By: Shweta Mishra