-सरकार व मेसरा मैनेजमेंट में हुआ है एमओयू, 50 परसेंट सीट झारखंड के लिए रिजर्व

-बीआईटी मेसरा रांची, पटना, जयपुर व देवघर एक्सटेंशन सेंटर के लिए भी होंगे एडमिशन

-एक्सटेंशन सेंटर में पांच जुलाई एडमिशन की लास्ट डेट

-मेसरा मेन कैंपस में बीटेक में 750 सीट हैं।

RANCHI (27 June): झारखंड के फ्ख्भ् स्टूडेंट्स को इस साल बीआईटी मेसरा से बीटेक करने का मौका मिलेगा। यह संभव हो पाया है झारखंड सरकार और बीआईटी मेसरा के बीच हुए एमओयू से, जिसके तहत मेसरा को भ्0 प्रतिशत सीट पर झारखंड के स्टूडेंट्स का एडमिशन लेना अनिवार्य है। इसके लिए मेसरा में एडमिशन का प्रॉसेस भी शुरू हो गया है। ख्0क्7-क्8 बैच के लिए 7भ्0 में फ्ख्भ् सीट पर राज्य के स्टूडेंट्स का एडमिशन लेना है। इसके लिए सीट अलॉटमेंट भी शुरू हो गया है, स्टूडेंट्स एडमिशन ले सकते हैं।

क्या है क्राइटेरिया

-राज्य के किसी भी जिले के स्कूल से क्ख् वीं पास होना होगा।

-जैक, सीबीएसई या आईसीएसई किसी भी बोर्ड के हो सकते हैं स्टूडेंट्स

-जेईई एडवांस में क्वालीफाइड होने चाहिए

-ज्वाइंट सीट अलॉटमेंट के लिए च्वाइस कॉलेज में बीआईटी मेसरा का नाम देना होगा।

-जिस रैंक तक में एडमिशन होगा, उतना रैंक इन स्टूडेंट्स का भी होना चाहिए

क्भ् हजार से भ्0 हजार तक रैंक

बीआईटी मेसरा के एक अधिकारी ने बताया कि यहां छात्रों का एडमिशन जेईई एडवांस स्कोर के आधार पर ही होगा। इसके लिए तय किया जाएगा कि किस रैंक तक में हमारी सीट फुल हो जाएंगी। अगर क्भ् हजार रैंक वाले छात्र मेसरा को प्रीफर करते हैं, तो इस रैंक में ही सीट फुल हो सकती हैं। अन्यथा जितने स्कोर तक में सीटें फुल होंगी, उतना रैंक तक वालों का एडमिशन होगा। संभव है भ्0 हजार रैंक तक वाले बच्चों का एडमिशन हो जाए।

बीटेक व बीआर्क के लिए एडिमशन शुरू

बीआईटी मेसरा में बीटेक के डिफ रेंट ब्रांचेज के लिए आईआईटी जेईई एडवांस के स्कोर बेसिस पर ही स्टूडेंट्स का सेलेक्शन होगा। मेसरा के मेन कैंपस के अलावा एक्सटेंशन सेंटर बीआईटी देवघर, बीआईटी पटना और बीआईटी जयपुर में भी एडवांस के स्कोर पर ही एडमिशन होगा। एक्सटेंशन सेंटर से बीटेक और बीआर्क के लिए एडमिशन प्रॉसेस शुरू हो चुका है। पांच जुलाई लास्ट डेट तय है।

बॉक्स।

अप्रैल में सरकार के साथ हुआ था एमओयू

अप्रैल महीने में झारखंड सरकार के साथ बीआईटी मेसरा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया था। इसके तहत संस्थान की बीटेक की भ्0 प्रतिशत सीटें राज्य के छात्रा-छात्राओं के लिए सुरक्षित रहेंगी। हालांकि इसके पहले भी यह तय था कि मेसरा में राज्य के बच्चों का भी कोई कोटा हो, लेकिन मेसरा मैनेजमेंट द्वारा इसे पूरी तरह से कभी फॉलो नहीं किया गया। इस कारण राज्य के बच्चों को दूसरे राज्यों में जाकर पढ़ना पड़ता था। लेकिन इस साल सरकार ने समझौता करके यह फाइनल किया कि आधे बच्चे झारखंड के होने चाहिए।

Posted By: Inextlive