दैनिक जागरण के पैम्पर्स शिशु स्वास्थ्यशाला में मदर्स को दी गई जानकारी

चाइल्ड स्पेशलिस्ट ने सॉल्व की मदर्स की परेशानियां

शिशुओं की बेहतर परवरिश के लिए दी गई अहम टिप्स

Meerut । एक्सपर्ट भी कहते हैं कि नवजात शिशु का विकास सोते वक्त सबसे अधिक होता है। इसलिए नवजात शिशु जितनी अच्छी नींद लेगा, उसके स्वास्थ्य के लिए उतना ही बेहतर होगा। नींद खराब होना या कच्ची नींद से उठ जाना, नींद पूरी न होने से नवजात शिशु चिड़चिड़ा हो जाता है। मदर्स को शिशुओं की इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि गीलापन होने से नींद में बाधा आती है। इसलिए मदर्स ध्यान रखे कि शिशु को को गीलेपन से दूर रखे साथ ही नवजात शिशु भूखा रहे। यहीं नही उसको कितने समय बाद दूध पिलाना सही है। यही सब अहम जानकारी दैनिक जागरण व पैंपर्स द्वारा सीसीएसयू के नेताजी सुभाषचंद्र बोस प्रेक्षागृह में मदर्स को दी गई। मौका था पैंपर्स शिशु स्वास्थ्यशाला कार्यक्रम का। जिसमें चाइल्ड स्पेशलिस्ट ने नवजात शिशुओं की परवरिश व पालन पोषण के तौर तरीके बताए। वहीं उनसे होने वाली बीमारियों के बारे में भी जानकारी दी।

बेहतर हुई शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि सीसीएसयू की प्रोवीसी प्रो। वाई विमला एवं विशिष्ट अतिथि चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। उमंग अरोड़ा ने की दीप प्रज्ज्वलित कर की। मौके पर डॉ। उमंग अरोड़ा ने नवजात शिशुओं के बारे में जानकारी दी। उन्होनें बताया कि हम अक्सर नवजात शिशु को हर छोटी सी बात पर दवाएं दे देते है, लेकिन ध्यान रहे कि ज्यादा दवाएं देना नुकसानदायक है। समय अनुसार व सलाह के अनुसार ही कम से कम दवा देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि डिजिटल थर्मामीटर ही बुखार को मापने का बेहतर यंत्र है। इसलिए उसी से बुखार मापना चाहिए, बच्चे के बगल में रखकर आसानी से बुखार मापा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मां का दूध शिशु के लिए वरदान है, छह माह तक के नवजात शिशु के लिए जरुरी है मां का दूध। इसमें नवजात के लिए सभी पौष्टिक आहार रहते हैं, जो न सिर्फ सेहत को बेहतर करते है बल्कि बीमारियों से भी बचाते हैं, मां का दूध पानी और पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है।

हो सकता है निमोनिया

विशेषज्ञों ने बताया कि गीलेपन से नवजात शिशु को निमोनिया हो सकता है। इसके साथ ही नींद नहीं आती है। नवजात शिशु का विकास मां पर ही निर्भर रहता है। अक्सर रात को गीलेपन से नींद पूरी नहीं होती है, इससे वह चिड़चिड़ा हो जाता है। इसलिए ध्यान ध्यान देना बहुत ही जरुरी है, डायपर के प्रयोग से बच्चों की त्वचा गीली नहीं होती वह भरपूर नींद लेता है।

हर धड़कन समझती है मां

सीसीएसयू की प्रोवीसी प्रो। वाई विमला ने कहा कि शिशु अपना कष्ट बोलकर बता नहीं पाता है। मां दिल से सुनकर हर धड़कन को खुद पहचान लेती है। शिशु उनके दिल की धड़कन होता है। ये तो मदर्स को खुद ही देखना होगा कि बच्चा कब बेचैन है क्या है, गीलेपन के कारण व भारी डायपर हो जाने के कारण बच्चा अक्सर बेचैन होने लगता है। उसको देखना होगा और अगर भारी है तो तुरंत बदलना चाहिए। इसके साथ ही अक्सर नवजात शिशु का डायपर बदलते वक्त मदर्स पाउडर डालती है, जो नहीं करना चाहिए उसे साफ्ट टिशू से पोंछकर वैसलीन लगाए पाउडर नहीं। क्योंकि पाउडर और भी खराश पैदा कर देता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा जैसे ही बच्चा बढ़ता है तो वो एक्टिविटीज करनी शुरु कर देता है, क्योंकि वो दुनिया की हर चीज को देखना चाहता है सीखना चाहता है, हमें चाहिए कि हमें उनको सुरक्षा देनी चाहिए न कि रोके, उनको सिखाना चाहिए कि किस चीज को छूने से क्या दिक्कत हो सकती है, किससे नहीं। उन्होनें कहा कई बार बच्चा कुछ ऐसा हमें भी सीखा देता है जिसका हमें पता नहीं होता, इसलिए हमें उसको समझना होगा सिखाना होगा, रोकना नहीं है केवल सुरक्षा देना है।

ये रहे सवाल जवाब

सवाल- सर रात को नवजात शिशु रोने लगता है सोता नहीं क्यों

जवाब- कई बार हम नवजात शिशुओं को लिमिट से ज्यादा कपड़े पहना देते हैं। इसी वजह से उसको घुटन होती है और परेशान होता है, भरपूर नींद नहीं ले पाता है। इसके साथ ही गीला होने के कारण भी वह सो नहीं पाता है, इसलिए उसके डायपर का ध्यान रखना जरुरी है।

सवाल- मेरी बेटी दो साल की है, फिर भी वजन कम हैं।

जवाब- अगर बच्चे का वजन कम है तो आपको इसकी डायट पर ध्यान रखना चाहिए, हर दो घंटे में कुछ न कुछ खिलाना चाहिए, दाल, दलिया, मटर आदि पीसकर खिला दें।

वजन के हिसाब से हो डायपर

शिशु स्वास्थ्यशाला में डायपर के यूज, उसका तरीका व फायदा भी बताया गया। सबसे अहम जानकारी यह रही कि बच्चों की उम्र नहीं, बल्कि वजन के हिसाब से डायपर पहनाना चाहिए। इसके साथ ही पैंपर्स की खूबियां गिनवाई गई। बताया गया कि पैंपर्स पैंट अब दस रुपए के पैक में भी उपलब्ध है। बताया गया कि पैंपर्स में मौजूद मैजिक जैल कैसे गीलेपन को सोखता है और सतह को सूखा बनाए रखता है। इसमें मौजूद एलोवेरा लोशन किस तरह शिशु की त्वचा को माइश्चराइज करने में मदद करता है।

लकी ड्रॉ में मिला इनाम

दैनिक जागरण के इस कार्यक्रम में सभी महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराए। सभी रजिस्ट्रेशन फार्म को लेकर लकी ड्रॉ निकाला गया। जिसमें पांच महिलाओं को इनाम मिला। इनमें गुलफ्शा, इशरत, कुसुम, चांदनी, शैली ने लकी ड्रॉ जीते।

एक्टिविटी बहुत ही अच्छी है हमें पैंपर्स व रिफ्रेशमेंट दिया गया। इसके साथ ही भरपूर जानकारी मिली जो बहुत जरुरी थी।

प्रिया शर्मा, राजेंद्रनगर

इस तरह के प्रोग्राम से नॉलेज बढ़ती है। हमें पता लगा कि वजन के हिसाब से पैंपर्स पहनाने चाहिए अभी तक हम केवल उम्र के हिसाब से लेते थे।

ममता मित्तल, ब्रह्मापुरी

इस प्रोग्राम में काफी सारी जानकारी मिली है, जिसके बारे में हमें नहीं पता था। इसके साथ ही मैने लकी ड्रॉ भी जीता है काफी खुशी हुई।

कुसुम, दिल्ली रोड

वाकई ही प्रोग्राम में आने से बहुत सारी जानकारी मिली है, इस तरह के प्रोग्राम होते रहने चाहिए, हमें पैंपर्स भी मिले है बहुत अच्छा लगा।

शशिबाला, ब्रह्मापुरी

प्रोग्राम में पता लगा कि कब डायपर बदलना चाहिए, बच्चे की कैसे केयर करें, अपनी समस्याओं के बारे में भी जानकारी मिली एक्सपर्ट ने बहुत अच्छा बताया है।

कमलेश

बच्चे के लिए कैसा पैंपर हो, कब बदलना चाहिए। पैंपर वजन के हिसाब से होना चाहिए ये सभी जानकारी मिली।

संगीत, शास्त्रीनगर

Posted By: Inextlive