क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस रिम्स में मरीजों का प्रेशर जल्द कम होगा. राज्य का एकलौता बड़ा हॉस्पिटल होने के कारण यहां पूरे स्टेट से लोग इलाज कराने के लिए आते हैं. मरीजों की तादाद अधिक होने के कारण रिम्स में प्रॉपर तरीके से ट्रीटमेंट भी नहीं हो पाता है, और मरीजों को बेड तक उपलब्ध नहीं होता है. इस परेशानी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से चार जिलों में पांच-पांच सौ बेड के चार अस्पताल शुरू करने की तैयारी है. इन जिलों में अस्पताल बन जाने पर वहां के उन मरीजों को सहूलियत होगी जो रिम्स में इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं, वह अपने नजदीक के अस्पताल में ही इलाज करा सकेंगे, जिसके कारण रिम्स पर भी बोझ कम हो जाएगा.

2021 से शुरू होंगे अस्पताल

ये चारों हॉस्पिटल रांची, जमशेदपुर, दुमका और पलामू में शुरू होंगे. इस अस्पतालों को बनाने का काम चुनाव बाद जून से शुरू हो जाएगा. भवन निर्माण विभाग द्वारा 1900 करोड़ की लागत से चारों अस्पताल को बनाया जाएगा. इन अस्पतालों को बनाने के लिए शापूरजी पालोनजी कंपनी और एलएनटी कंपनी को काम भी आर्डर किया जा चुका है. सितंबर 2021 तक चारों अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे. इसके अलावा हजारीबाग, पलामू और दुमका में 100 सीट की क्षमता वाले मेडिकल कॉलेज भी बनकर तैयार हैं. जिस जगह पर मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार है उसी कैंपस में अस्पताल भी बनाया जा रहा है.

रिम्स में भीड़ हो जाएगी कम

प्रेजेंट में रिम्स की हालत यह है कि यहां जितने मरीज बेड पर रहते हैं, उतने ही मरीज जमीन पर इलाज कराने को मजबूर हैं. अब जब हजारीबाग, जमशेदपुर, पलामू और दुमका चारों जिलों में 500-500 बेड के अस्पताल बन जाएंगे तो उस इलाके से आने वाले लोगों की संख्या कम हो जाएगी. सभी लोग जिलों में ही इलाज करा सकेंगे. ऐसे में रिम्स में रांची सहित आसपास के लोग ही इलाज कराने पहुंचेंगे.

वर्जन

राज्य में चार अस्पताल बनाने का काम चुनाव बाद शुरू हो जाएगा. शापुरजी पालोनजी ओर एलएनटी को अस्पताल बनाने का काम मिला है. सभी अस्पताल 500 -500 बेड के बनाए जाएंगे.

सुनील कुमार, सचिव, भवन निर्माण विभाग, रांची

Posted By: Prabhat Gopal Jha