क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : रिम्स में मेडिकल में एडमिशन कराने के नाम पर ठगी करनेवाले एक गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. कोडरमा पुलिस ने गिरोह के नवल साव, अशोक साव बचन कुमार और प्रमोद कुमार को गिरफ्तार किया है. बिहार के नवादा जिले के इलोदीपुर का रहनेवाला बचन साव और अशोक साव सगा भाई है. पुलिस ने इन चारों के पास से एचआरडी मिनिस्टर डॉ नीरा यादव का फर्जी लेटर पैड और दो मोबाइल फोन जब्त किए हैं. इधर, पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि गिरोह का मास्टरमाइंड अपने नाम से अकाउंट में पैसे नहीं जमा करवाता था, बल्कि अर्जुन सिंह, मनोज पांडेय और मदन मोहन मिश्रा नाम के व्यक्ति के बैंक खाते में स्टूडेंट्स को रुपए जमा करने को कहा जाता था.

ऐसे हुआ खुलासा

गिरोह रिम्स में एडमिशन के नाम पर राज्य के बाहर के स्टूडेंट्स को ठगता था. इसी क्रम में उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ निवासी सुनील कुमार मिश्रा को इन्होंने अपने झांसे में लिया. उसे बताया गया कि रिम्स में एमबीबीएस की 11 सीट खाली है. एडमिशन कराने के एवज में उन्होंने सुनील से पांच लाख रुपए की डिमांड की. रुपए दो किश्त में देने को कहा गया. सुनील को थोड़ा शक हुआ. उसने फोन कर कहा कि उसका एडमिशन हो चुका है. यह कंफर्म कैसे होगा? इस पर गिरोह के मेंबर्स ने कोडरमा एमएल सह शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव का फर्जी लेटर पैड स्कैन कर उसे भेज दिया. सुनील ने नेट के माध्यम से डॉ नीरा यादव का मोबाइल नंबर खोजा और उन्हें कॉल कर एडमिशन के लिए पैरवी करने की बधाई दी. शिक्षा मंत्री कुछ समझ नहीं सकीं. उन्होंने सुनील को कहा कि मैंने रिम्स में एडमिशन के लिए किसी की पैरवी नहीं की है. सुनील ने कहा कि आपके नाम का लेटर पैड मेरे पास है. इस पर शिक्षामंत्री ने कोडरमा एसपी को एक्शन लेने को कहा.

रोहित और सौरभ है मास्टरमाइंड

कोडरमा एसपी ने आदेश पर मेडिकल में एडमिशन के नाम पर ठगी करनेवाले गिरोह की तलाश के लिए पुलिस की टीम बनाई गई. टीम ने तलाशी अभियान शुरु किया. इसी क्रम में पता चला कि गिरोह का मास्टरमाइंड रोहित वर्मा और सौरभ कुमार है. रोहित बिहार राज्य के वारसलीगंज का रहनेवाला है. पुलिस टीमे रोहित के घर पहुंची तो पता चला कि वह शादी समारोह में गया हुआ है और नहीं लौटा है.

धनबाद कोर्ट में किया सरेंडर

गिरोह के सदस्यों की तलाश पुलिस ने 21 अप्रैल से शुरु की. पुलिस ने जब रोहित वर्मा का नंबर सर्विलांस पर डाला तो पता चला कि वह रांची में है. कोडरमा पुलिस रांची पहुंची तो उसके मोबाइल का लोकेशन झरिया और धनबाद बताने लगा. पुलिस जब धनबाद पहुंची तो पता चला कि रोहित ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. इसके बाद उसके ड्राइवर को पुलिस ने पकड़ा. फिर जेल में जाकर रोहित से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने अन्य सहयोगियों के नाम बता दिए. उसी की निशानदेही पर गिरोह के चार सदस्यों को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली.

Posted By: Prabhat Gopal Jha