-छात्रों के गैंग ने ही फर्नीचर कारोबारी के बेटे को बनाया शिकार

-रुपए न लेने पर बंधक बनाया, भागा तो की फायरिंग, एक गिरफ्तार

BAREILLY : 12वीं के छात्र को साथ में कोचिंग पढ़ने वाले छात्रों ने अपने साथियों के साथ मिलकर ब्लैकमेल कर 40 लाख रुपए हड़प लिए। ब्लैकमेल करने वाले गैंग ने छात्र के छोटे भाई का अपहरण करने और पिता का मर्डर करने को लेकर खूब डराया। जब एक बार छात्र ने पैसा लाने से इनकार किया तो फिर उसे मिलने के बहाने बुलाकर बंधक बना लिया। किसी तरह जब वह चंगुल से भागा तो उसके ऊपर पीछे से फायरिंग भी कर दी। जब छात्र के पिता फर्नीचर कारोबारी ने घर में रखे रुपए गायब देखे तो फिर पूछताछ की। किसी तरह छात्र ने पिता को बताया तो फिर मामले की शिकायत एसएसपी ऑफिस में की गई। सीओ टू ने मामले की जांच कर देर रात बीए के एक छात्र को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने ठगी करने वाले 11 युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

पहले कराई सभी से दोस्ती

सिविल लाइंस निवासी, गौरव गर्ग फर्नीचर कारोबारी हैं। उनका बेटा हर्षित गर्ग 12वीं क्लास में पढ़ता है। वह वर्ष 2017 से चौकी चौराहा स्थित पापुलर कोचिंग में पढ़ने जाता था। उसके साथ कोचिंग में सुभाषनगर निवासी यश सक्सेना और मनीष जायसवाल साथ में पढ़ते थे। कोचिंग पढ़ने के दौरान हर्षित की दोस्ती यश और मनीष से हो गई। दोनों ने हर्षित की मुलाकात बीडीए कॉलोनी सुभाषनगर निवासी अंकित तिवारी से मिलवाया। उसके बाद तिलक कॉलोनी निवासी सन्नी गोस्वामी व शुभम उपाध्याय, बीडीए कॉलोनी निवासी अभिषेक सोलंकी, नेकपुर निवासी शिवम पटेल, मढ़ीनाथ निवासी पारितोष सक्सेना, चौपुला निवासी रवि गोला, पुराना शहर निवासी दानियल खान और रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले नौशाद से मिलवाया।

अलग-अलग नंबरों से धमकाया

गौरव गर्ग ने बताया कि पहले तो इन युवकों ने उनके बेटे से मेल जोल बढ़ाया और फिर उसे मानसिक रूप से उसे डराकर अपने चंगुल में फंसा लिया। युवकों ने कहा कि उसके छोटे भाई सक्षम का अपहरण कर लेंगे और उसके पिता को जान से मार देंगे। जिससे हर्षित काफी डर गया। उसके बाद से युवकों ने उससे घर से रुपए मंगाने शुरू कर दिए। युवकों ने अलग-अलग फोन नंबरों से भी बेटे को धमकाया। जून तक अलग-अलग तारीख में उससे करीब 15 लाख रुपए मंगा लिए।

सुनसान एरिया में बुलाया

गौरव का आरोप है कि करीब डेढ़ महीने पहले पारितोष और अंकित ने उनके बेटे को फोन कर मिशन हॉस्पिटल के मैदान में सुनसान एरिया में बुलाया और उससे रुपयों की डिमांड की। जब बेटे ने रुपए देने से इनकार किया तो कहा कि वह अपने घर बता देगा तो फिर हर्षित को बंधक बना लिया। हर्षित किसी तरह बंधन से मुक्त होकर भागा तो उसके पीछे से फायरिंग कर दी। जिससे वह बाल-बाल बच गया। उसके बाद डर के चलते बेटे ने घर पर कुछ नहीं बताया। उसके बाद से वह डर के चलते फिर से रुपया देने लगा। उसने कॉलेज व कोचिंग जाना छोड़ दिया। इस तरह से उसने करीब 28 लाख रुपए दे दिए।

Posted By: Inextlive