विधानसभा में महालेखाकार ने सौंपी रेवेन्यू रिपोर्ट

एजी की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे

वैट के रूप में राज्य सरकार को 1226 करोड़ का नुकसान

RANCHI (2 Feb) : झारखंड के कंट्रोलर सह ऑडिटर जेनरल ने गुरुवार को रेवेन्यू रिपोर्ट (ख्0क्म्) विधानसभा के पटल पर रखा। इस रिपोर्ट में टाटा स्टील और डीवीसी द्वारा अनधिकृत रूप से जमीन को सब लीज पर देने का खुलासा किया गया है। इससे सरकार को ब्ब्00 करोड़ रुपए का चूना लगा है। रिपोर्ट में इस बात का साफ उल्लेख है कि वर्ष क्9फ्ब् से लेकर ख्0क्ब् बीच जमीन का लीज पट्टा समाप्त होने के बावजूद लीजधारियों ने संपत्ति पर अपना अधिकार कायम रखा और लगान का भुगतान किये बिना ख्भ्ब्7 एकड़ जमीन का लाभ लिया। राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने न तो पट्टे का नवीनीकरण किया और न ही बेदखल किया, जिससे लगान व ब्याज के रूप में सरकार को फ्9म्भ् करोड़ का नुकसान हुआ।

अतिक्रमण से ख्ब्9 करोड़ का नुकसान

गुरुवार को महालेखाकार सी नेदुनसेजियान और उप महालेखाकार अजय कुमार झा ने रिपोर्ट में उजागर तथ्यों से मीडिया को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि एक साल की कड़ी मेहनत के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि टाटा लीज के अंतर्गत जमशेदपुर में 8म् बस्तियों एवं चायबासा में रेलवे द्वारा क्8म्0 एकड़ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण पाया गया। विभाग ने अतिक्रमणकारियों को बेदखल नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप सरकार को क्99म्-97 से ख्0क्ब्-क्भ् के दौरान ख्ब्9 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा। इतना ही नहीं भ्9 अन्य पट्टाधारियों ने अनुमति के बिना ही अपनी संपत्ति को सब लीज पर दे दिया, जिससे राज्य सरकार को करीब ख्00 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

नियम विरुद्ध लाफार्ज को प्लांट

एजी की ऑडिट में यह पाया गया कि टाटा स्टील ने क्999 में क्ख्ख्.8ख् एकड़ जमीन पर एक सीमेंट प्लांट स्थापित किया था। इसे बाद में लाफार्ज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को भ्भ्0 करोड़ रुपए में बेच दिया गया। ख्0क्भ् में जमशेदपुर के उपायुक्त ने लाफार्ज इंडिया को एक लेटर भेजा था, जिसमें इस बात का उल्लेख है कि टाटा स्टील के साथ हुए लीज समझौते के प्रावधान के अनुसार इस तरह के लाइसेंस का प्रावधान ही नहीं है। इससे सरकार को 97ब्.ब्8 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का नुकसान हुआ।

राय ले रही है सरकार

इस मामले को जब एजी ने सरकार के समक्ष रखा, तो एजी की ऑडिट को सरकार ने स्वीकार कर लिया। सरकार ने कहा कि इस बारे में विधि विभाग से राय मांगी गई है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। हालांकि, इसके बाद सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है।

क्0ख्म् करोड़ की चपत

एजी ने वाणिज्य कर विभाग से संबंधित कई मामलों की ऑडिट की, जिसमें पाया गया कि ब्क्ख् व्यवसायियों के द्वारा राज्य सरकार को क्ख्ख्म् करोड़ रुपए का चूना लगाया गया। जिन व्यवसायियों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था, उन्होंनेभी सरकार को राजस्व के रूप में ख्ख्म् करोड़ का नुकसान दिया। म्ब् व्यवसायियों के आंकड़ों की जांच में पाया गया कि ख्0क्0-क्क् और ख्0क्ब्-क्भ् के बीच वास्तव में ख्भ्भ्फ्ख् करोड़ रुपए के लकड़ी, पत्थर गिट्टी, फर्नीचर, आयरन ओर, कोयला, बिस्कुट, पेय पदार्थ, ऑटो पाट्स आदि इम्पोर्ट किया गया, लेकिन व्यवसायियों ने मात्र क्7070 करोड़ का ही आयात दिखाया। इससे सरकार को करीब क्0ख्म् करोड़ रुपए के टैक्स रेवेन्यू का नुकसान उठाना पड़ा।

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रांची में बना सुरभि अपार्टमेंट अवैध (फोटो)

एजी ने पाया कि रांची के सर्कुलर रोड स्थित सुरभि अपार्टमेंट खासमहल की जमीन पर बना है, जो नियमों के खिलाफ है। एजी ने इस निर्माण को अवैध माना है। ऑडिट में पाया गया कि ख्.ब्फ् एकड़ खासमहल की जमीन नियमों के खिलाफ एकरारनामे के जरिए हासिल की गई। सुरभी अपार्टमेंट के अलावा साहेबगंज में फ्8 अन्य मामलों को भी अवैध घोषित किया गया है। एजी के अनुसार इन अनियमितताओं की जांच हलका कर्मचारी या तहसीलदार को जांच करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे सरकार को ब्.ब्क् करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ।

Posted By: Inextlive